Ghazipur news : 30 साल पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में एक साथ पढ़े छात्रों ने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस अनोखे अंदाज में मनाया। 3 दशक पूर्व के सहपाठी एकजुट हुए। अपने गुरु को सम्मानित करने का यह कार्यक्रम गाजीपुर में गुरु शिष्य परंपरा का ऐतिहासिक उदाहरण बन गया है।
32 साल पहले साथ पढ़े
शिक्षाविद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस के अवसर पर जनपद के रायगंज स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के प्रांगण का पूरा वातावरण अद्भुत और भावविभोर हो गया। विद्यालय के लगभग 30 साल पुराने छात्रों के ग्रुप ने अपने गुरुजनों को सम्मानित कर उनका मान किया। साल 1990 के पास आउट छात्रों को शिक्षित करने वाले आचार्य नागेंद्र पांडेय अभी भी विद्यालय में अध्यापन कार्य में लगे हुए हैं। बाकी उस समय के शिक्षक क्रमशः सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
सम्मानित किया
अपने छात्रों को देखकर आचार्य नागेन्द्र पांडेय भाव-विभोर हो गये। पुरातन छात्र भी अपने गुरु संग बैठकर शिक्षा के दौरान की यादें ताजा करते नजर आये। शिक्षक व गुरु का मिलन देखकर उपस्थित सभी लोग आत्ममुग्ध हो उठे। विद्यालय के प्राचार्य दाऊजी उपाध्याय ने कहा कि ये क्षण ऐतिहासिक और भावनाओं से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसे पलों में अपने भावों पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल होता है। शिक्षक दिवस के इस अवसर पर पुरातन छात्रों ने प्रत्येक गुरुजन को उपहार स्वरूप वस्त्र, कलम, अंगवस्त्र व मिठाई भेंट की।
90 के दशक में साथ पढ़े
पुरातन छात्र डॉ मनीष राय, कृपा कृष्ण, अजीत मोहन का कहना था कि माता-पिता के बाद एक गुरु का भी ऋण ऐसा होता है, जिसे कभी नहीं चुकाया जा सकता है। 90 के दशक के हम सभी सहपाठियों में लगभग सभी छात्र अपने जीवन में सफल हैं। ये सफल छात्र विभिन्न प्रतिष्ठित जगहों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कोई जज है, कोई इंजीनियर है, कोई बिजनेस मैन, कोई पत्रकार है, कोई बैंकिंग क्षेत्र में है तो कोई फोर्स में है। हम सभी सहपाठियों ने एकजुट होकर अपने गुरु का सम्मान किया है।
छात्रों का बढ़ा उत्साह
पुरातन छात्रों के इस जज्बे और सफलता को देख कर विद्यालय के नन्हें और वर्तमान के छात्रों में भी नई ऊर्जा का संचार हुआ। पुरातन छात्र अपने सफल जीवन के पीछे सरस्वती शिशु मंदिर में गुरुजनों की दी गयी शिक्षा और संस्कार को मानते हैं।
सोशल मीडिया ग्रुप बनाया
तीन दशक पहले साथ पढ़े कुछ छात्रों ने एक सोशल मीडिया ग्रुप बनाया और उस दशक के छात्रों को खोजकर ग्रुप में जोड़ने का कार्य किया। उसी में पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर उपहार देकर गुरुजनों का आभार प्रकट करने की योजना बनी। सभी ने सोशल मीडिया ग्रुप में चर्चा की और आपसी सहयोग से उपहार खरीदा। कुछ छात्रों ने स्वयं से उपहार लेने की मंशा जतायी थी। परंतु सभी की सहभागिता हो यही श्रेयस्कर है, मानकर सभी ने उपहार लिया और सम्मानित किया। इस मौके पर बहुत से पुरातन छात्र बाहर रहने के कारण आ नही सके, जिन्हें लाइव वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल किया गया।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि मुकेश उपाध्याय, व्यवस्थापक संजय कुमार, प्रधानाचार्य दाउ जी उपाध्याय, पुरातन छात्रों में कृपा कृष्णा, डॉ मनीष राय, अजीत मोहन पांडेय, संदीप श्रीवास्तव, आचार्य घनश्याम, विनोद,नीलम, बिंदू समेत समस्त छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक मौजूद रहे।