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स्मार्ट क्लास से यूपी की शिक्षा प्रणाली में आएगा बड़ा बदलाव : एससीईआरटी सिलेबस बेस्ड डिजिटल कंटेंट होगा उपलब्ध

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश को निपुण प्रदेश बनाने तथा कक्षा शिक्षण को अधिक प्रभावी बनाने के लिए योगी सरकार डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा दे रही है। इसी क्रम में सीएम योगी ने मंगलवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर चयनित 18,381 परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया है।

साथ ही, उन्होंने 880 विकासखंडों में आईसीटी लैब बनाए जाने की कार्यवाही का भी उद्घाटन किया है। इसके माध्यम से छात्रों को कंप्यूटर और डिजिटल शिक्षा से अवगत कराया जा सकेगा। कुल मिलाकर योगी सरकार की योजना स्मार्ट क्लास के साथ ही शिक्षकों और छात्रों को भी स्मार्ट बनाने की है।

इसलिए जरूरी है स्मार्ट क्लास
विद्यालयों में बच्चों को डिजिटल प्रणाली के माध्यम से कक्षा शिक्षण कराए जाने के लिए स्मार्ट क्लास स्थापित किए जा रहे हैं। इन स्मार्ट क्लासेज में 75 इंच का आधुनिक टच स्क्रीन पैनल, हाई डेफिनेशन वेब कैमरा, डिजिटल कोर्स कंटेंट, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम, इण्टरनेट कनेक्टिविटी, पावर बैकअप उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही कक्षाओं में स्मार्ट क्लास के निर्बाध रूप से संचालन के लिए सेवाप्रदाता द्वारा ऑनसाइट ऑपरेशन और मेंटीनेंस सपोर्ट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।

स्मार्ट क्लास से स्मार्ट होंगे शिक्षक और छात्र

  • स्मार्ट क्लास के माध्यम से कक्षा शिक्षण कराए जाने पर बच्चों में पठन-पाठन की अभिरुचि उत्पन्न होगी तथा उनके अधिगम स्तर में भी वृद्धि होगी।
  • स्मार्ट क्लास के माध्यम से प्रभावी कक्षा शिक्षण के लिए एनसीईआरटी एवं एससीईआरटी द्वारा तैयार पाठ्यक्रम पर आधारित डिजिटल कंटेंट का प्रयोग किया जा सकेगा।
  • स्मार्ट क्लास के माध्यम से शिक्षक तथा बच्चे अत्याधुनिक तथा विश्व स्तरीय शिक्षा प्रणाली का अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।
  • विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, इंटरनेट की उपलब्धता होने से विभिन्न प्रकार की मल्टीमीडिया शैक्षणिक सामग्री का सुगमता से प्रयोग किया जाना संभव हो सकेगा।
  • बच्चों की प्रगति की सुगमतापूर्वक मॉनिटरिंग की जा सकेगी तथा बच्चों की ऑनलाइन परीक्षाएं भी संपादित कराई जा सकेंगी।
  • इण्टरनेट कनेक्टिविटी से ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण, डीबीटी, बच्चों का आकलन, डेटा कलेक्शन आदि कार्यों की मॉनिटरिंग संभव हो सकेगी।

आईसीटी लैब की खासियत

  • आईसीटी लैब में 7 कम्प्यूटर डेस्कटॉप, 1 ओपीएस सहित इण्ट्रैक्टिव फ्लैट पैनल (आईएफपी), 1 बैटरी सहित इन्वर्टर, 1 इनबिल्ट माइक्रोफोन सहित एचडी वेब कैमरा, 1 पीए सिस्टम ( हैंडल्ड माइक्स विद रिसीवर एण्ड स्पीकर) समेत अन्य नेटवर्किंग एण्ड हार्डवेयर इक्यूपमेण्ट्स उपलब्ध होंगे।
  • डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता से बच्चों के लिए डिजिटल लर्निंग तथा शिक्षकों की क्षमता संवर्द्धन के साथ ही शिक्षकों द्वारा पाठ्यकम आधारित ऑनलाइन कक्षाएं भी संचालित की जा सकेंगी।
  • विकासखंडों में डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता से विभिन्न पोर्टल (मिड डे मील, प्रेरणा पोर्टल, मानव सम्पदा पोर्टल आदि) के माध्यम से सूचनाओं का संकलन एवं अनुश्रवण किया जा सकेगा।
  • डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता से बच्चों द्वारा कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन एवं इण्टरनेट का प्रभावी उपयोग करते हुए डिजिटल शिक्षा के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा।
  • आईसीटी लैब के माध्यम से शिक्षकों को पुस्तकों के अतिरिक्त आकर्षक एवं इंट्रैक्टिव ऑनलाइन कंटेंट सुगमतापूर्वक उपलब्ध कराया जा सकेगा, जिससे शिक्षा प्रणाली में विस्तार होगा।

प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को मिलेंगे टैबलेट

  • सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान, शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने तथा अनुश्रवण की प्रभावी व्यवस्था स्थापित करने के उद्देश्य से प्राथमिक विद्यालयों के 209863 शिक्षकों (प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय के लिए 02) टैबलेट वितरण का भी मुख्यमंत्री ने शुभारम्भ किया।
  • टैबलेट के माध्यम से छात्रों का शिक्षण कार्य सुगम एवं उपयोगी होगा। टैबलेट के माध्यम से शिक्षकों के उपयोगार्थ प्रशिक्षण सामग्री, दीक्षा पर उपलब्ध 6500 से अधिक शैक्षणिक कंटेंट तथा विभिन्न उच्च स्तरीय संस्थाओं (आईआईटी, गांधीनगर एवं खान एकेडमी आदि) के शैक्षणिक कंटेंट उपलब्ध कराए जा सकेंगे।
  • टैबलेट के माध्यम से अन्य एप (निपुण लक्ष्य एप तथा सरल एप) द्वारा बच्चों की भाषा एवं गणित की बुनियादी दक्षताओं का आकलन किया जा सकेगा। टेबलेट के माध्यम से विद्यालयों में प्रयोग किए जाने वाले रजिस्टर्स डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे।
  • टैबलेट से प्रेरणा एप, डिवाइस मैनेजमेंट, मानव सम्पदा पोर्टल, एमडीएम सम्बंधी योजना की मॉनिटरिंग पीएफएमएस पोर्टल का संचालन किया जा सकेगा।
  • टैबलेट के माध्यम से बच्चों के दोहरे नामांकन पर रोक लगेगी, जिससे डीबीटी के माध्यम से किए जाने वाले भुगतान और पारदर्शी होंगे।
  • लर्निंग बाय डूइंग पर आधारित कक्षाएं संचालित की जा सकेंगी तथा कक्षा में कम्प्यूटर उपलब्ध होने से बच्चों द्वारा उस पर अभ्यास भी किया जा सकेगा।

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