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गन्ना मूल्य में बढ़ोत्तरी किसानों को लॉलीपॉप थमाने जैसा : रामाशीष राय

Uttar Pradesh News : राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना मूल्य में जो बढोत्तरी की गयी है, वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। उन्होंने कहा कि 20 रुपये बढाना किसानों को लॉलीपॉप थमाने जैसा है, गन्ने के रेट में कम से कम 100 रुपये की बढोत्तरी होनी चाहिए थी। डीजल, कीटनाशक, उर्वरक तथा कृषि यंत्रों के दाम आसमान छू रहे है लेकिन किसानों को राहत नहीं दी जा रही है। पूर्वांचल में चीनी मिले बंद पड़ी है। सरकार की उदासीनता तथा किसान विरोधी नीतियों के कारण पूर्वांचल के गन्ना किसानों का गन्ने से मोहभंग होता जा रहा है। सरकार की कथनी और करनी में अन्तर है, किसानों की आय बढ़ने के बजाय घट रही है।
                       
राय ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार गन्ना किसानों को न तो लाभकारी मूल्य दिला पाई और न ही बकाया मूल्य का भुगतान करा पायी। कानूनी प्रावधान एवं न्यायालय के आदेश के अनुसार किसान को 14 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान करना अनिवार्य है अन्यथा किसान को बकाया राशि पर 15 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा। किन्तु इस पर आज तक अमल नहीं हुआ है और बेबस किसान यह सब सहन करने को मजबूर है। यह सरकार उद्योगपतियों के हाथों की कठपुतली बनी हुयी है। देश के बेहतर भविष्य के लिए एवं देश के विकास के लिए देश की रीढ़ किसान का मजबूत और आत्मनिर्भर होना बेहद जरूरी है।
             
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को यूरिया खाद भी और अधिक महंगी पड़ने लगी है, क्योंकि भाजपा सरकार द्वारा लगातार उसके वजन में कटौती की जा रही है। 50 किलो की बोरी को 45 किलो कर दिया फिर उसके बाद 40 किलो कर दिया लेकिन यूरिया के दाम लगातार बढ़ते रहे और कालाबाजारी होने पर किसान को यूरिया बिचौलियों से औने पौने दामों में खरीदने को मजबूर होना पड़ता है जिससे किसान पर दोहरी मार पड़ रही है। उन्होंने कहा कि आखिर कब भाजपा सरकार किसानों की सुध लेगी। क्या भाजपा की इन्हीं नीतियों से किसान की आय दुगुनी होगी?

इतनी हुई बढ़ोत्तरी
बताते चलें कि यूपी कैबिनेट ने पेराई सत्र 2023-24 के लिए प्रदेश की समस्त चीनी मिलों (सहकारी क्षेत्र, निगम एवं निजी क्षेत्र) द्वारा क्रय किये जाने वाले गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) का निर्धारण कर दिया है। गन्ने की अगैती प्रजातियों के गत वर्ष के 350 रुपये प्रति कुन्तल के मूल्य को पेराई सत्र 2023-24 में बढ़ाकर 370 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार, सामान्य प्रजातियों के लिए गत वर्ष के 340 रुपये प्रति कुन्तल के मूल्य को पेराई सत्र 2023-24 में बढ़ाकर 360 रुपये प्रति कुन्तल किया गया है। अनुपयुक्त प्रजातियों के लिए गत वर्ष गन्ना मूल्य 335 रुपये प्रति कुन्तल था, जिसे पेराई सत्र 2023-24 में बढ़ाकर 355 रुपये प्रति कुन्तल किया गया है।

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