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12 सेंकेंड में ध्वस्त होंगे सुपरटेक ट्विन टावर्स : गिराने में 3700 किग्रा विस्फोटक होगा इस्तेमाल, एक्सप्रेसवे रहेगा बंद, पढ़ें पूरा प्लान

Noida News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर्स (Supertech Twin Towers) के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

ध्वस्तीकरण की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि टावर्स ध्वस्त करने की पूरी प्रक्रिया में आस-पास के आवासीय परिसर में निवासरत लोगों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जाए। साथ ही, पर्यावरणीय मानकों का भी ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने डेढ़ दशक पुराने इस मामले के दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।

7.00 बजे खाली करा लिये जाएंगे

सीएम की समीक्षा के बाद अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने बताया कि आगामी 28 अगस्त को निर्धारित ट्विन टावर्स के ध्वस्तीकरण की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ट्विन्स टावर्स के निकट स्थित एमराल्ड कोर्ट के 660 भवन और एटीएस विलेज के 762 भवन 28 अगस्त को सुबह 07 बजे खाली करा लिये जाएंगे।

बाग-बगीचों की सुरक्षा की जाएगी

एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के वाहनों की वैकल्पिक पार्किंग व्यवस्था और बाग-बगीचों की सुरक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप ध्वस्तीकरण के दौरान ट्विन टावर्स के चारों ओर की सड़कों पर आवागमन प्रतिबंधित रखा जाएगा। ध्वस्तीकरण के समय सुरक्षा के दृष्टिगत नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे (Noida Greater Noida Expressway) आधा घंटे बंद होगा।

भवन को गिराया जा सकता है

ट्विन टावर्स को ध्वस्त किए जाने के लिए सीएसआईआर- सीबीआरआई के सहयोग से मुम्बई की एडिफाइस इंजीनियरिंग एजेन्सी का चयन किया गया है। एजेन्सी ने पूर्व में कोचीन में भी एक 20 मंजिला बहुखण्डीय भवन का ध्वस्तीकरण किया है। ध्वस्तीकरण के लिए वॉटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। यह तकनीक नियोजित ध्वस्तीकरण के लिए उपयोग में लायी जाती है। इससे डिजाइन के अनुसार वांछित दिशा में भवन को गिराया जा सकता है।

संशोधन किया गया

विगत 10 अप्रैल को एक टेस्ट ब्लास्ट भी किया गया था, जिसके नतीजों के आधार पर ब्लास्ट डिजाइन का संशोधन किया गया तथा सीबीआरआई से संशोधित डिजाइन की जांच कराई गई। ट्विन टावर्स को ध्वस्त करने के लिए लगभग 3700 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री को स्टोर किया गया।

सड़क की ओर ध्वस्त हो जाएंगे

दोनों टावर्स में 9600 छेद करते हुए इनमें विस्फोटक सामग्री को रखा जा चुका है और अब इन्हें चार्ज किया जा रहा है। ध्वस्तीकरण 28 अगस्त, 2022 को अपराह्न ढाई बजे सम्पादित किया जाएगा। एक बटन दबाने से दोनों टावर्स 12 सेकेण्ड में, एमराल्ड टावर तथा एटीएस विलेज टावर से दूर, सड़क की ओर ध्वस्त हो जाएंगे।

80,000 टन मलबा उत्पन्न होगा

ध्वस्तीकरण से उत्पन्न होने वाले मलबे के निस्तारण के लिए एजेंसी ने सी एण्ड डी वेस्ट मैनेजमेंट प्लान तैयार किया है। ध्वस्तीरकण के फलस्वरूप लगभग 80,000 टन मलबा उत्पन्न होगा। मलबे से स्टील व कंक्रीट को स्थल पर ही अलग किया जाएगा। करीब 50,000 टन मलबा ट्विन टावर्स के 02 बेसमेंट में समायोजित हो जाएगा। शेष 30,000 टन मलबे को नोएडा में निर्मित सी एण्ड डी प्लांट में वैज्ञानिक तरीक़े से प्रोसेस कर उसे टाइल्स आदि में परिवर्तित किया जाएगा। निर्धारित योजना के अनुसार मलबे के निस्तारण की यह पूरी कार्यवाही अगले 03 माह में पूरी कर ली जाएगी।

06 जगहों पर उपकरण लगाए जाएंगे

मुख्यमंत्री ने ट्विन टावर्स के ध्वस्तीकरण के दृष्टिगत पर्यावरणीय चुनौतियों का भी ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में ध्वस्तीकरण के बाद वायु गुणवत्ता की जांच के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 जगहों पर उपकरण लगाए जाएंगे। ध्वस्तीकरण के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाली धूल को साफ करने के लिए वॉटर टैंकर, स्प्रिंकलर तथा स्मॉग गन का उपयोग किया जाएगा।

जियो फाइबर क्लॉथ का उपयोग होगा

लगभग 02 किलोमीटर के दायरे में आने वाली सड़क के लिए स्वीपिंग मशीन भी लगाई जाएगी साथ ही अन्य सफाई कर्मी भी तैनात होंगे। ध्वस्तीकरण से उत्पन्न मलबे के सेग्रीगेशन के दौरान पैदा होने वाली धूल से एमेरल्ड टावर और एटीएस विलेज को बचाने के लिए 12 मीटर ऊंचे जियो फाइबर क्लॉथ का उपयोग होगा।

26 अधिकारियों, कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई

ट्विन टावर्स प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद सीएम ने वर्ष 2004 से 2014 के मध्य के इस मामले की गहन जांच कराई। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सितम्बर, 2021 में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में 04 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण में संलिप्त 26 अधिकारियों, कर्मचारियों, सुपरटेक लिमिटेड के निदेशक एवं वास्तुविद के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।

एफआईआर दर्ज कराई

नोएडा प्राधिकरण ने अक्टूबर, 2021 में सतर्कता अधिष्ठान, लखनऊ में प्राधिकरण के संलिप्त अधिकारियों, सुपरटेक लिमिटेड के निदेशक तथा आर्किटेक्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। साथ ही, प्राधिकरण ने जिला न्यायालय गौतमबुद्ध नगर में प्राधिकरण कर्मियों तथा सुपरटेक लिमिटेड के विरुद्ध अभियोजन की कार्रवाई के लिए वाद भी दाखिल किया है। मामले में संलिप्त ऐसे 04 अधिकारी, जो वर्तमान में अलग-अलग प्राधिकरणों में कार्यरत थे, को निलम्बित करते हुए शासन ने उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

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