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Kanpur-Ghaziabad Corridor : सिर्फ 3 घंटे में पहुंचेंगे कानपुर से गाजियाबाद, पूर्वांचल और बिहार का सफर होगा आसान, 9 एजेंसी ने लगाई बोली

Uttar Pradesh : राजधानी दिल्ली से कानपुर-लखनऊ होते हुए पूर्वांचल और बिहार जाने वाले करोड़ों लोगों को जल्द ही एक नया एक्सप्रेसवे मिल जाएगा। इससे सफर में फिलहाल के मुताबिक बेहद कम वक्त लगेगा। भारत सरकार से मंजूरी मिलने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई (National Highways Authority of India) ने गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर (Ghaziabad-Kanpur Greenfield Economic Corridor) का डीपीआर (Detailed Project Report – DPR) तैयार करने के लिए कंसलटेंट का चयन शुरू कर दिया है।

जल्द ही 9 कंपनियों में से किसी एक को इस महत्वपूर्ण कॉरिडोर का डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। एक्सेस कंट्रोल्ड गाजियाबाद कानपुर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का डीपीआर बनाने के लिए 9 एजेंसी ने बोली लगाई है। एनएचएआई इन सबके बिड का मूल्यांकन कर रही है। हालांकि एनएचआई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चयनकर्ता कंपनी को 300 दिन की समय सीमा में ही सभी प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी।

जिन एजेंसी ने डीपीआर तैयार करने की बोली लगाई है, उनमें –
-सीई परीक्षण कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (CE Testing Company Pvt. Ltd.)
-चैतन्य प्रोजेक्ट्स कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड (Chaitanya Projects Consultancy Pvt. Ltd.)
-के एंड जे प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (K and J Projects Pvt. Ltd.)
-एलईए एसोसिएट्स साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड (LEA Associates South Asia Pvt. Ltd.)
-लायन इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (Lion Engineering Consultants Pvt. Ltd.)
-एमएसवी इंटरनेशनल इंक (MSV International Inc.)
-राइट्स लिमिटेड (RITES Ltd.)
-एसए इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (SA Infrastructure Consultants Pvt. Ltd.)
-थीम इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Theme Engineering Services Pvt. Ltd.)

इन जिलों से गुजरेगा
इस परियोजना की पहली बार सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी और केंद्र सरकार ने मई 2022 में इसके निर्माण को मंजूरी दी थी। शुरुआत में इसे चार लेन का बनाया जाएगा। यह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर गाजियाबाद से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रूखाबाद, कन्नौज, उन्नाव होते हुए कानपुर में समाप्त होगा। कानपुर में यह लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा। इसी तरह यह कॉरिडोर लखनऊ में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway) और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) से कनेक्ट होगा।

यमुना एक्सप्रेसवे पर दबाव कम होगा
जानकारी के मुताबिक साल 2025 तक इसका काम पूरा कर लिया जाएगा। इस कॉरिडोर के शुरू होने से यमुना एक्सप्रेस वे (Yamuna Expressway) पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। फिलहाल दिल्ली-एनसीआर से लखनऊ जाने के लिए यात्री यमुना एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करते हैं। इस नए कॉरिडोर से पूर्वांचल और बिहार जाने वालों को भी राहत मिलेगी। फिलहाल लखनऊ-कानपुर से होते हुए पूर्वी यूपी और बिहार जाने वाले लोग यमुना एक्‍सप्रेसवे होकर जाते हैं। साथ ही पश्चिमी यूपी के भी वाहन गाजियाबाद, नोएडा से होकर गुजरते हैं। गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्‍ड कॉरिडोर बनने के बाद वाहन सीधे कानपुर जा सकेंगे। वहां से लखनऊ-कानपुर एक्‍सप्रेसवे (Lucknow Kanpur Expressway) का इस्‍तेमाल करके लखनऊ आ सकेंगे।

4 लेन का बनेगा
380 किमी लंबे इस कॉरिडोर में शुरुआत में सिर्फ चार लेन की सड़क बनेगी। हालांकि जमीन का अधिग्रहण 8 लेन के एक्सप्रेसवे की जरूरत के मुताबिक किया जाएगा। अंडरपास, फ्लाईओवर और सर्विस रोड का निर्माण 6 लेन के ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के मुताबिक होगा। यह कॉरिडोर लखनऊ से कानपुर के बीच बन रहे एक्सप्रेसवे को उन्नाव और कानपुर के बीच में जोड़ेगा। साथ ही गाजियाबाद और हापुड़ में मौजूदा मेरठ एक्सप्रेस-वे (Meerut Expressway) को कनेक्ट करेगा।

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