Deoria News : जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने कहा है कि पेट में कृमि संक्रमण को रोकने के लिए बच्चों व किशोर किशोरियों में छह प्रकार की सावधानी जरूरी है। साथ ही उन्हें साल भर में छह-छह माह पर दो बार पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाना आवश्यक है।
यह बातें उन्होंने केंद्रीय विद्यालय से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान का शुभारम्भ करते हुए गुरूवार को कहीं। जिलाधिकारी ने विद्यालय के विद्यार्थियों को दवा खिलाई गई। उन्होंने कहा कि जिले के 1680117 आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक से 19 वर्ष आयु वर्ग के लाभार्थियों को यह दवा खिलाई जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेश झा ने बताया कि बच्चों में स्वस्थ आदतों का विकास करके उन्हें कृमि से बचाया जा सकता है और इससे वह खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं। शरीर में कृमि संक्रमण के कारण खून की कमी, कुपोषण, थकावट व बीमारी एवं कमजोरी की दिक्कत हो जाती है।
इससे बचाव के लिए प्रत्येक छह माह में खिलाई जाने वाली दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। इसी कड़ी में एक फरवरी को दवा खिलाई गई है। इसका सेवन शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सामने ही किया जाना चाहिए। अभियान में किसी कारण दवा न खाने वाले लाभार्थियों के अभिभावक, उनसे जुड़े शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उन्हें पांच फरवरी को मॉप अप राउंड के दौरान इस दवा का सेवन अवश्य करवा दें।
उन्होंने कहा कि दवा का सेवन करने से कुछ बच्चों में जी मिचलाने, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण आ सकते हैं जो स्वतः ठीक हो जाते हैं। दवा का सेवन हमेशा खाना खाने के बाद ही करना है। गर्भवती को दूसरे या तीसरे तिमाही के दौरान एक बार इस दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए।
इस मौके पर डीपीएम पूनम, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी लालबचन चौधरी , डीसीपीएम राजेश गुप्ता, विश्वनाथ मल्ल मौजूद रहे।
कृमि संक्रमण से बचाव के छह उपाय
• नाखून साफ और छोटे रखें
• खाना ढक कर रखें
• खाने से पहले और शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद साबुन पानी से हाथ धोएं
• जब भी बाहर निकलें जूते पहनें
• पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें
• हमेशा शौचालय का इस्तेमाल करें, खुले में शौच न करें
• आसपास साफ सफाई रखें
दवा पूरी तरह से सुरक्षित है
केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य 50 वर्षीय केशव प्रसाद ने बताया कि विद्यालय के सात वर्षीय प्रीति को पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाई गई। दवा पूरी तरह सुरक्षित है।