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बापू के सिद्धांतों को आत्मसात करें लोग : जनपद न्यायाधीश जेपी यादव

Deoria News : गांधी जयंती (Gandhi Jayanti 2022) के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया के तत्वावधान में 2 अक्टूबर को दीवानी न्यायालय के सभागार कक्ष में विधिक साक्षरता और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश जेपी यादव ने वहां उपस्थित समस्त न्यायिक अधिकारी, विद्वान अधिवक्ता, न्यायालयकर्मी, पुलिसकर्मी इत्यादि को विधिक जानकारियां दी तथा उनको अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को ही महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) तथा लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का जन्म हुआ था। भारत को स्वतंत्र कराने में इन दोनों महापुरूषों की अहम भूमिका रही। इन दोनों महापुरूषों के सिद्धान्तों को आत्मसात करना ही हमारी इनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश इंदिरा सिंह ने कहा कि दोनों महापुरुषों ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए देश को गुलामी के बाद आजादी दिलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वे केवल एक नेता ही नहीं बल्कि एक निष्काम कर्मयोगी तथा सच्चे अर्थों में युगपुरुष थे।

कार्यक्रम का संचालन करते हुये अपर जिला और सत्र न्यायाधीश संजय सिंह ने कहा कि अपने विचारो में अहिंसक होना ही व्यक्ति के व्यक्तित्व को संवारता है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्य कान्त धर दूबे ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया तथा अपने प्राणों की आहूति हंसते-हंसते दे दी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व, चित्र नहीं चरित्र की पूजा होनी चाहिये। 

जिला बार एसोसिएशन देवरिया के अध्यक्ष अशोक दीक्षित ने कहा कि शास्त्री जी एक क्रांतिकारी व्यक्ति थे और इनके द्वारा गांधी जी के नारे को ‘मरो नहीं, मारो’ में चतुराई से बदलाव मात्र से देश में क्रांति की भावना जाग उठी और उसने प्रचंड रूप ले लिया। इसके लिए शास्त्री जी को जेल भी जाना पड़ा। आजादी के बाद शास्त्री जी की साफ-सुथरी छवि ने उन्हे नेहरू जी के मृत्यु के बाद देश का दूसरा प्रधानमंत्री बनाया और उनके सफल मार्गदर्शन में देश काफी आगे बढ़ा।

पूर्व अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन देवरिया सुभाष राव ने देश के लिये दोनों महापुरूषों के विस्मरणीय योगदान के लिये उन्हें नमन किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मध्यस्थ व वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सिंह ने कहा कि  व्यक्ति अनुशासन, कठिन परिश्रम, धैर्य और ईमानदारी के बल पर जीवन में किसी भी लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकता है।

उन्होंने कहा कि मध्यस्थता के जरिए आज बिखरे हुए परिवार को एक किया जा रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता विजय शंकर चैरसिया ने कहा कि एक आदर्श व्यक्ति वह है, जो परिश्रम और लगन से मेहनत करता है तथा सद्गुणों को अपनाकर स्वयं का ही नहीं अपितु अपने मां बाप, गुरू सहित अपने समाज का नाम ऊंचा करता है। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम सम्पन्न होने  पर  सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इशरत परवीन फारूकी ने सबको धनवाद ज्ञापित किया।

इस कार्यक्रम में समस्त न्यायिक अधिकारीगण, पूर्व अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन सुशील मिश्रा व अन्य  अधिवक्तागण, कर्मचारीगण , सुरक्षाकर्मी आदि लोग उपस्थित रहे।

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