Deoria News : अपनी तैनाती के बाद से ही देवरिया में बड़े बदलाव को आधार देने वाले जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh IAS) प्रदेश के टॉप-10 डीएम में पहले स्थान पर हैं। देवरिया की देवरिया सदर तहसील को भी शानदार कार्यों के लिए प्रदेश में आठवां स्थान मिला है। हालांकि लिस्ट में खराब प्रदर्शन करने वाले थानों में बनकटा पहले और तरकुलवा दूसरे स्थान पर है।
पहले स्थान पर जिलाधिकारी
राज्य सरकार की तरफ से जारी 1 जुलाई से 15 जुलाई तक की रिपोर्ट के मुताबिक, डिफॉल्टर संदर्भों के निस्तारण के मानक की श्रेणी में देवरिया के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह पहले स्थान पर हैं। टॉप टेन में अन्य 9 जिले हमीरपुर, मिर्जापुर, सीतापुर, अमरोहा, प्रयागराज, फर्रुखाबाद, लखनऊ और हापुड़ हैं।
फेल हुए थाने
इसी श्रेणी में देवरिया तहसील को प्रदेश में टॉप टेन में आठवां स्थान हासिल हुआ है। हालांकि जनपद का कोई भी थाना शानदार प्रदर्शन करने वाले लिस्ट में जगह बनाने में नाकामयाब रहा है। 1 जुलाई से 15 जुलाई तक की रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले प्रदेश के टॉप 10 पुलिस थानों में बनकटा पहले और तरकुलवा दूसरे स्थान पर है। रामकोला, कुशीनगर को पांचवां स्थान मिला है।
कड़ी कार्रवाई की है
दरअसल जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह अपने तैनाती के बाद से ताबड़तोड़ सख्त फैसले ले रहे हैं। खास तौर पर उन्होंने भ्रष्टाचारियों और लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। हर निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच करने डीएम स्वयं जाते हैं। हर निर्माण का बारीकी से मुआयना करने के बाद फीडबैक देते हैं।
मुकदमा दर्ज हुआ
उनके इसी कार्यशैली की वजह से पिछले महीनों में जनपद के कई बड़े अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। डीएम के आदेश पर एक दिन पहले, 31 जुलाई को ही भाटपाररानी में तैनात मार्केटिंग इंस्पेक्टर पर करोड़ों के गबन का मुकदमा दर्ज हुआ है।
जिलाधिकारी ने बीते दिनों में की ये कार्रवाई –
-जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने न्यू पीएचसी, पैना में आयोजित स्वास्थ्य मेले का औचक निरीक्षण किया। इसमें दो डॉक्टर अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी ने दोनों अनुपस्थित डॉक्टरों का एक दिन का वेतन काटने के साथ कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।
-जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में विलंब होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है और एसडीएम रुद्रपुर संजीव कुमार उपाध्याय, तहसीलदार अभयराज व रजिस्ट्रार/कानूनगो संतोष वर्मा को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया है।
-जिलाधिकारी ने मिड-डे-मील में लापरवाही बरतने पर खंड शिक्षा अधिकारी तथा सप्लाई इंस्पेक्टर को चार्ज शीट देने के साथ ही वेतन रोकने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि शासकीय योजनाओं को पूरी निष्ठा के साथ लागू किया जाए।
-उच्च न्यायालय, इलाहाबाद (Allahabad High Court) के रिट संख्या 6221/2022 पवन कुमार मिश्रा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में दिए गए निर्देशों का अनुपालन में विलंब करने पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh IAS) ने अधिशासी अभियंता जल निगम तथा सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी का वेतन बाधित करने के साथ ही स्पष्टीकरण तलब किया है।
-स्वास्थ्य सेवाओं में खराब प्रदर्शन करने पर डीएम ने डिप्टी सीएमओ डॉ बीपी सिंह को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ ही अग्रिम आदेश तक वेतन आहरण पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया है। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में यह तथ्य सामने आया कि जनपद में एएनसी सेवाओं की उपलब्धता जनवरी से मार्च तिमाही के सापेक्ष अप्रैल से जून तिमाही में 24 फीसदी से घटकर 19 प्रतिशत रह गई है। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा के अनुसार गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में कोताही क्षम्य नहीं होगी।
-जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग के माह जून की मासिक प्रगति की गहन समीक्षा की। कार्य में लापरवाही मिलने पर डीएम ने तहसीलदार रुद्रपुर अभयराज को विशेष मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। साथ ही वित्तीय वर्ष 2022-23 में चार तहसीलों में जून माह तक एक भी पट्टे का आवंटन न होने पर मुख्य राजस्व अधिकारी से गहरी नाराज़गी व्यक्त की और स्पष्टीकरण तलब किया। उन्होंने समस्त राजस्व अधिकारियों को शासन की मंशा के अनुरूप लोकहित में जवाबदेही के साथ काम करने का निर्देश दिया।
-जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, उपनिदेशक कृषि प्रसार, व भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में बड़ी संख्या में कर्मचारी अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित कर्मचारियों के एक दिन का वेतन काटते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी सुबह 10:10 बजे बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने उपस्थिति पंजिका मंगाकर जांच की।
-जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर आयुष्मान भारत पखवाड़ा, लेबर रजिस्ट्रेशन, प्रधानमंत्री श्रम मानधन योजना, किसान मानधन योजना व अन्य योजनाओं के विस्तार में रुचि न लेने पर 160 जनसेवा केंद्रों की आईडी निरस्त कर दी गई है। इन केंद्रों के संचालकों द्वारा केंद्र एवं राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं के विस्तार में रुचि न लिए जाने के कारण संबंधित ग्राम पंचायतों के लाभार्थियों को इन योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है।
-जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप की सख्ती का असर दिखने लगा है। सहायक अभिरक्षक (न्यायिक) फैजाबाद क्षेत्र द्वारा 1953 में दिए गए आदेश के क्रम में लगभग 69 साल बाद चार भू-संपत्तियों को राजस्व अभिलेखों में निष्क्रांत संपत्ति के रूप में दर्ज कर लिया गया है। सलेमपुर तहसील के ग्राम भटौली तप्पा मईल निवासी शमसुल हसन पुत्र स्वर्गीय माजीद अली विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए थे। उनकी ग्राम भटौली तप्पा मईल में गाटा संख्या 85, 61, 112 व 271 में सम्मिलित रूप से कुल 1.5380 हेक्टेयर भू संपत्ति थी।
-जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के हस्तक्षेप के बाद 12 साल से सलेमपुर (Salempur) में लंबित 3 शत्रु संपत्तियों का नामांतरण भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक के नाम हो गया है। इन तीन भू संपत्तियों का मूल्य एक करोड़ 85 लाख रुपये से अधिक आंकलित किया गया है।