Deoria News : देवरिया की एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न और हत्या के मामले में आरोपी पति को आजीवन कारावास व 13000 रुपए का जुर्माना लगाया है। ऑपरेशन शिकंजा के तहत देवरिया पुलिस (Deoria Police) ने इस प्रकरण में प्रभावी पैरवी की, जिससे मृतका के परिवार को न्याय मिल सका। आरोपी को सजा दिलाने के लिए मृतका के भाई ने कडा संघर्ष किया था।
सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजेश कुमार शुक्ल ने प्रकरण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के एकला मिश्रौलिया गांव के निवासी शिव रामपाल ने अपनी बहन सरस्वती की शादी जनपद के मदनपुर थाना क्षेत्र के बहसुवा गांव में कन्हैया पुत्र फौजदार के साथ की थी।
50 हजार रुपए मांगने लगे
22 मई 2005 को सरस्वती गवना में विदा होकर पति के घर ससुराल आई। उसके ससुराल में कदम रखते ही कन्हैया के पिता फौजदार तथा मां कलावती देवी सरस्वती पर दहेज में 50000 रुपए कम मिलने का दबाव बनाने लगे और मायके से पैसे मांगने की बात करते थे।
मारते – पीटते थे
सरस्वती मायके पक्ष की गरीबी की बात बता कर रुपए मांगने से इनकार करती रही। इससे नाराज पति और ससुराल वाले उसका उत्पीड़न करते थे। उसे मारते -पीटते थे। उसने इस बारे में कई बार अपने भाई को बताया था। उसके भाई ने बहन के ससुरालजनों को समझाया – बुझाया। मामला कुछ दिन तक शांत रहा।
जहर दे कर जान ली
बाद में फिर ससुराल पक्ष सरस्वती से मारपीट करने लगे। 10 जून 2010 को कन्हैया, फौजदार तथा कलावती ने सरस्वती को खूब मारा पीटा और उसे जहर दे दिया। घटना के वक्त शिव रामपाल की 10 साल की लड़की सरस्वती के साथ ससुराल में थी। उसने पूरे घटनाक्रम को देखा और परिजनों को बताया।
सास – ससुर की हुई मौत
मृतका के भाई ने घटना की तहरीर पुलिस को दी। पुलिस ने कन्हैया, फौजदार और कलावती के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और दहेज हत्या का केस दर्ज किया। मुकदमे की सुनवाई एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट में शुरू हुई। हालांकि सुनवाई के दौरान फौजदार और सास कलावती की मौत हो गई, तो पुलिस ने पति के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
फैसला सुनाया
मामले की सुनवाई एडीजे संजय सिंह की अदालत में हुई। जज ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि घटना में एकमात्र बचे आरोपी पति कन्हैया को दहेज उत्पीड़न और हत्या का दोषी पाया गया है। इसलिए उसे उम्रकैद और 13000 रुपए का जुर्माना भरना होगा।