Deoria News : राशन कार्ड सरेंडर करने और वसूली की फर्जी खबर का भी व्यापक असर दिखाई दे रहा है। देवरिया में बीते कुछ दिनों में 550 से ज्यादा लोगों ने अपना राशन कार्ड प्रशासन को सरेंडर कर दिया है। बड़ी बात यह है कि इसमें सरकारी नौकरी और मोटी पेंशन लेने वाले लोग भी शामिल हैं।
दरअसल बीते दिनों एक फेक न्यूज़ सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई थी। इसमें कहा गया था कि राज्य सरकार अपात्र लोगों से राशन कार्ड सरेंडर कराएगी। साथ ही उनसे वसूली की जाएगी। हालांकि बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
अपात्रों की बढ़ी टेन्शन
लेकिन इस खबर के वायरल होने के बाद अपात्र लोगों को चिंता सताने लगी थी और अब वह लाइन लगाकर राशन कार्ड सरेंडर कर रहे हैं। देवरिया में अध्यापक, रेल कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेना के जवान, श्रम विभाग में अफसर, चार पहिया वाहनों के मालिक, इनकम टैक्स भरने वाले लोग तथा 32000 रुपये महीना पेंशन पाने वाले भी गृहस्थी कार्ड पर राशन का लाभ ले रहे थे।
इतनी संख्या है
जब जांच में इसका खुलासा हुआ, तो इनकी चिंता बढ़ गई। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जिले में 105680 अंत्योदय तथा 4.21 लाख पात्र गृहस्थी कार्ड धारक हैं। अंत्योदय कार्ड धारकों को प्रति कार्ड 35 किलो तथा प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत प्रति यूनिट 5 किलो राशन मिलता है। पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को प्रति यूनिट नियमित व अतिरिक्त 5-5 किलो राशन मिलता है।
वापस कर रहे
दरअसल हर 6 महीने पर अमीर व अपात्र लोगों का राशन कार्ड निरस्त करने के लिए जांच की जाती है। कुछ दिनों से रोज 60-70 राशन कार्ड लोग सरेंडर कर रहे हैं। जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय में लोग लाइन लगाकर राशन कार्ड सरेंडर कर रहे हैं। सोमवार को 80 तथा मंगलवार को 60 लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर किया।
जांच हो रही है
जिला प्रशासन इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में खण्ड विकास अधिकारी तथा नगरीय क्षेत्रों में नगर पालिका, नगर पंचायत के ईओ के माध्यम से राशन कार्ड की जांच करा रहा है। इससे अपात्र राशन कार्ड धारकों में खलबली मच गयी है।
स्वयं सरेंडर करें कार्ड
जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार सिंह ने कहा कि जनपद के सभी राशन कार्ड धारकों की जांच कराई जा रही है। बीते दिनों में करीब 550 लोगों ने अपना राशन कार्ड सरेंडर किया है। इसमें 20 अंत्योदय कार्ड धारक हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग अपात्र हैं, वह स्वयं अपना कार्ड सरेंडर कर दें।