New Delhi : दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाके जहांगीरपुरी में बुधवार को प्रशासन ने अतिक्रमण को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की। सुरक्षा-व्यवस्था को देखते हुए अभियान से पहले बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई रोक दी गई। विपक्षी दल इसे बदले की कार्रवाई बता रहे हैं।
एनडीएमसी के महापौर राजा इकबाल सिंह ने इस कार्रवाई को नियमित अभियान करार दिया है। भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने जहांगीरपुरी में दो दिवसीय अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाए जाने की घोषणा की है। एनडीएमसी ने दो दिवसीय इस अभियान के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंगलवार को दिल्ली पुलिस से कम से कम 400 सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था।
नियमित अभियान है : महापौर
इससे पहले, भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने मंगलवार को एनडीएमसी के महापौर को जहांगीरपुरी में “दंगाइयों” के अवैध निर्माण की पहचान करने और बुलडोजर का उपयोग करके उन्हें ध्वस्त करने के लिए एक पत्र लिखा था। महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा, “हमारे जेसीबी (खुदाई मशीन) और कर्मचारी सड़कों और सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए जहांगीरपुरी जाएंगे। यह हमारा नियमित अभियान है। हम इसे अंजाम देंगे और वापस लौटेंगे।”
पुलिस बल तैनात है
अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षाबलों के जवान इलाके में फ्लैग मार्च कर रहे हैं और अभियान शुरू होने से पहले उन्होंने स्थिति का जायजा लिया है। स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन भी तैनात किया गया है। इस अभियान से पहले जहांगीरपुरी सी ब्लॉक में लोगों ने स्वेच्छा से अपना सामान सड़क किनारे से हटा दिया।
8 पुलिसकर्मी घायल हुए
बताते चलें कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं। हिंसा में 8 पुलिसकर्मियों के अलावा एक नागरिक घायल हो गया था।