Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने संबंधित अधिकारियों के साथ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Link Expressway) का स्थलीय निरीक्षण कर निर्माण कार्यों से संबंधित समीक्षा की।
इस स्थलीय निरीक्षण में सबसे पहले उन्होंने पैकेज-1 व 02 के निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर समीक्षा की। समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने समस्त कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के शेष बचे निर्माण कार्यों को तेज़ी से पूरा कर लिया जाए। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को गुणवत्तापूर्वक दिसंबर, 2023 तक शेष बचे सभी कार्यों को पूरा करने हेतु निर्देशित किया।
उन्होंने निर्माण कम्पनियों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने एक्सप्रेसवे पर घाघरा नदी पर बन रहे दीर्घ सेतु की प्रगति की भी समीक्षा की। इस दीर्घ सेतु की प्रगति 60% से अधिक है और आईआईडीसी ने इसको अक्टूबर, 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे में मिट्टी का कार्य प्रगति पर है और इसमें और तीव्रता लाये जाने के निर्देश बैठक में दिए गए।
बताते चलें कि इस महत्वपूर्ण गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर अब तक क्लीयरिंग एण्ड ग्रबिंग एवं 100 प्रतिशत, मिट्टी का कार्य 86 प्रतिशत, सबग्रेड का कार्य 69 प्रतिशत, जीएसबी का कार्य 64 प्रतिशत, डब्ल्यूएमएम का कार्य 61 प्रतिशत, डीबीएम का कार्य 59 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। अब तक एक्सप्रेसवे का 67 प्रतिशत से अधिक भौतिक कार्य सम्पन्न हो चुका है। इसके अतिरिक्त परियोजना के अन्तर्गत आने वाले घाघरा नदी पर बने रहे पुल और परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाना लक्षित है। इसके साथ ही औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने एक्सप्रेसवे के लिए भूमि से संबंधित अधिकारियों को किसी भी प्रकार की समस्या का यथा शीघ्र निवारण करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि एक्सप्रेसवे पर बनने वाले स्ट्रक्चर्स के काम में तेजी लाई जाए।
172 गांवों की जमीन अधिग्रहित हुई
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे से चार जिलों गोरखपुर, संतकबीर नगर, आजमगढ़ और अंबेडकर नगर के 172 गांव प्रभावित हुए हैं। शासन ने इन गांवों की जमीन अधिग्रहित की है। इसमें गोरखपुर के 88 गांव, संतकबीर नगर के 4, आजमगढ़ के 43 और अंबेडकर नगर के 37 गांव के किसानों से जमीन ली गई है। एक्सप्रेसवे के एक ओर सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जायेगी तथा आवश्यकतानुसार अण्डरपास का निर्माण कराया जायेगा, जिससे परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को एक्सप्रेसवे पर आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके।
इस मॉडल पर तैयार हो रहा एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेस वे की की कुल लंबाई 91.352 किलोमीटर है और इस एक्सप्रेसवे के लिए 5876.67 करोड रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे गोरखपुर के नेशनल हाईवे 27 (Bypass) पर जैतपुर से शुरू होगा और आजमगढ़ जिले के सलारपुर /चैनेज में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर जाकर समाप्त होगा। हालांकि पहले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे को चार लेन का बनाया जा रहा है, लेकिन इसे बाद में जरूरत पर 6 लेन तक विस्तार दिया जा सकेगा। इस एक्सप्रेस-वे को टोटल एक्सेस कंट्रोल मॉडल (Total Access Controll Model) पर तैयार किया जा रहा है।
99.5 फीसदी जमीन सरकार ने ली
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे का काम साल 2020 में शुरू हुआ और 4 जुलाई 2022 तक इस एक्सप्रेस वे के लिए 99.5% जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। पहले इसे साल 2022 में तैयार करने की डेडलाइन रखी गई थी। लेकिन कोविड और दूसरी वजह से अब इस एक्सप्रेसवे के तैयार होने में देरी हो रही है। अब शासन ने दिसंबर, 2023 की डेडलाइन तय की है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का राइट-ऑफ-वे (आरओडब्ल्यू) 110 मीटर है। यूपीडा इस पूरे प्रोजेक्ट को 2 पैकेज में बांट कर पूरा करा रही है। पैकेज-1 के लिए एपको इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (APCO Infrastructure Pvt Ltd) और पैकेज-2 के लिए दिलीप बिल्डकॉन (Dilip Buildcon) को चयनित किया गया है।
ये खासियत होगी
एक्सप्रेसवे के निर्माण में 2 टोल प्लाजा, 3 रैम्प प्लाजा, 7 फ्लाई ओवर, 16 व्हेकुलर अण्डरपास, 50 लाइट व्हेकुलर अण्डरपास, 35 पेडेस्ट्रियन अण्डरपास, 7 दीर्घ सेतु, 27 लघु सेतु तथा 389 पुलियों का निर्माण भी किया जा रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना के दोनों पैकेजों के बिल्डरों का चयन ई-टेंडरिंग के जरिए किया गया है। इस परियोजना में न्यूनतम निविदा अनुमानित लागत से 3.12 प्रतिशत कम हो गई है। इससे यूपीडा को लगभग 96 करोड़ का लाभ हुआ है। पैकेज-1 का निर्माण कार्य 10 फरवरी, 2020 से तथा पैकेज-2 का निर्माण कार्य 19 जून, 2020 से प्रारम्भ किया गया है।
स्थलीय निरीक्षण के दौरान यूपीडा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निर्माण कम्पनियों के प्रतिनिधि, सभी पीआईयू के अधिकारी व अथॉरिटी इंजीनियर्स मौजूद रहे।