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सहूलियत : योगी सरकार ने शुरू किया ई-पेंशन पोर्टल, लाखों कर्मचारियों को मिलेगी ऑनलाइन सुविधा, जानें कैसे काम करेगा पूरा सिस्टम

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश शासन ने राज्य सरकार की सेवा से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के पेंशन दावों के निस्तारण, पेंशनर से जुड़ी अन्य सेवाओं को सरल, पारदर्शी तथा कॉन्टैक्टलेस तरीके से प्रदान किये जाने तथा पूरी प्रक्रिया को कर्मचारी-पेंशनर के लिए सहज बनाये जाने के लिए एंड टू एंड ऑनलाइन  समाधान के लिए ई-पेंशन पोर्टल (E-Pension Portal) शुरू किया गया है।

इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव वित्त ने एक शासनादेश के माध्यम से शासन के समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव सहित प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्षों एवं कार्यालयाध्यक्षों को ऑनलाइन पोर्टल सेवा (epension.up.nic.in) से पेंशन प्रबन्धन एवं नियंत्रण के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये हैं।

पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी

शासनादेश के अनुसार ऑनलाइन प्रणाली का उद्देश्य सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण का निस्तारण समयबद्ध रूप से किया जाना है। इसके लिए प्रत्येक चरण में जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए एवं पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। यदि किसी प्राधिकारी ने निर्धारित समयावधि में प्रक्रिया पूरी नहीं की, तो सिस्टम से प्रकरण उच्च स्तर के प्राधिकारी को स्वतः एस्केलेट कर दिया जाएगा।

ऑनलाइन फॉर्म भरेंगे

इस प्रणाली में कर्मचारी के लिए यह आवश्यक है कि उसकी लॉग इन आईडी के चालू हो जाने के एक माह के अन्दर वह अपने यूनीक इम्प्लॉयमेंट कोड तथा पंजीकृत मोबाइल नम्बर का प्रयोग कर, ई-पेंशन पोर्टल पर डिस्प्ले हो रहे फॉर्म को ऑनलाइन भरे। सम्बन्धित कर्मचारी को यह विकल्प उपलब्ध होगा कि वह अपनी सेवा से सम्बन्धित विवरण एवं सुसंगत अभिलेख पोर्टल पर अपलोड कर सकता है।

लिंक पर करना होगा जमा

इस सम्बन्ध में ई-पेंशन पोर्टल के डाउनलोड लिंक https://epension.up.nic.in/downloads पर जाकर सम्पूर्ण प्रक्रिया का डेमो तथा प्रत्येक चरण के लिए निर्धारित समयावधि एवं उत्तरदायी प्राधिकारी का विवरण देखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त, पेंशन निदेशालय के स्तर पर गठित हेल्प डेस्क जिसका विवरण पोर्टल के ‘contact us’ (लिंक- https:// epension.up.nic.in/contact)  पर उपलब्ध है, से सम्पर्क कर समाधान प्राप्त किया जा सकता है।

अगले अधिकारी को चला जाएगा

आहरण एवं वितरण अधिकारी का यह उत्तरदायित्व होगा कि कर्मचारी के फॉर्म प्रेषित करने के एक माह के अन्दर कर्मचारी से सम्बन्धित विवरण सत्यापित करते हुये अथवा, यथास्थिति, संशोधित करते हुये पेंशन प्राधिकार पत्र (PPO) निर्गत करने वाले प्राधिकारी को अग्रेषित करे। यदि इस निर्धारित अवधि में ऐसा नहीं किया जाता है, तो कर्मचारी का भरा हुआ फॉर्म, पीपीओ निर्गत करने वाले प्राधिकारी को स्वतः चला जाएगा। तब यह माना जायेगा कि पेंशन प्रपत्रों में अंकित विवरणों का सत्यापन आहरण एवं वितरण अधिकारी ने कर लिया है। इसकी सूचना विभागाध्यक्ष को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित हो जायेगी।

वितरण अधिकारी होंगे जिम्मेदार

यदि भविष्य में कोई त्रुटि अथवा विसंगति प्रकाश में आती है, जिसके कारण सेवानिवृत्त कार्मिक को अनुमन्यता से अधिक भुगतान हुआ हो तो इसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व आहरण एवं वितरण अधिकारी का होगा। सम्बन्धित विभागाध्यक्ष उस आहरण एवं वितरण अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे एवं राज्य सरकार को हुई आर्थिक क्षति की वसूली आहरण एवं वितरण अधिकारी के वेतन से की जायेगी।

पीपीओ जारी करेंगे

आहरण एवं वितरण अधिकारी से पेंशन प्रपत्र प्राप्त हो जाने पर पीपीओ निर्गत करने वाले प्राधिकारी एक माह के अन्दर परीक्षण कर, पेंशन प्रपत्रों के सही पाये जाने की दशा में पीपीओ जारी कर देंगे। यदि पेंशन प्रपत्रों में कोई त्रुटि अथवा कमी मिलती है, तो पीपीओ निर्गत करने वाले प्राधिकारी द्वारा पेंशन प्रपत्रों पर आपत्ति लगाकर वापस नहीं भेजा जायेगा, बल्कि आवश्यक संशोधन के साथ पीपीओ निर्गत कर दिया जायेगा तथा इस सम्बन्ध में सुस्पष्ट सकारण टिप्पणी पीपीओ में अंकित कर दी जायेगी।

एक हफ्ते में जारी करना होगा

यदि निर्धारित समय सीमा में पीपीओ जारी करने वाले प्राधिकारी उपरोक्तानुसार कार्रवाई नहीं की जाती है, तो प्रकरण स्वतः निदेशक, पेंशन को परीक्षण-जांच के लिए अग्रेषित हो जायेगा। निदेशक, पेंशन एक सप्ताह के अन्दर प्रकरण का परीक्षण कर यथेष्ट निर्देश सम्बन्धित प्राधिकारी को निर्गत करते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि तदोपरान्त पीपीओ विलम्बतम एक सप्ताह के अंदर निर्गत हो जाए। निदेशक पेंशन पीपीओ निर्गत करने वाले प्राधिकारी से विलम्ब के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण प्राप्त करेंगे तथा विलम्ब के लिए उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कार्रवाई करेंगे।

यूटिलिटी’ का प्रयोग करेंगे          

पेंशन प्रपत्रों में अंकित बैंक खाते तथा आईएफएस कोड का ऑनलाइन सत्यापन पीपीओ निर्गत करने वाले प्राधिकारी ई-कुबेर प्रणाली की ‘अकाउण्ट वेरीफिकेशन यूटिलिटी’ का प्रयोग करेंगे। इस प्रकार सत्यापित बैंक खाते एवं आईएफएससी कोड का विवरण अनिवार्य रूप में पेंशन भुगतानादेश से लिंक करते हुए सम्बन्धित कोषागार को उपलब्ध कराया जायेगा।

ऑनलाइन कर दिया जायेगा

पीपीओ जारी हो जाने के उपरान्त ग्रेच्युटी तथा राशिकरण का भुगतान सेवानिवृत्ति तिथि के अगले तीन कार्य दिवसों में तथा पेंशन प्रारम्भ होने की नियत तिथि को पेंशनर के बैंक खाते में पेशन का भुगतान ऑनलाइन कर दिया जायेगा। शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रथम भुगतान के लिए कोषागार में पेंशनर की व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी।

1 जुलाई, 2022 से लागू होगी

ऑनलाइन ई-पेंशन पोर्टल के द्वितीय चरण में उक्त व्यवस्था स्वयं के लिए आहरण एवं वितरण अधिकारियों जैसे अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों (आईएएस, आईपीएस, आईएफएस) पर भी 1 जुलाई, 2022 से लागू होगी। पेंशनरों के अन्य देयों जैसे-चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति तथा न्यायालय अथवा किसी जांच एजेन्सी द्वारा गवाही के लिए बुलाये जाने पर देय यात्रा व्यय का भुगतान भी अगले चरण में जुलाई, 2022 से ई-पेंशन पोर्टल के माध्यम से कराये जाने की व्यवस्था करायी जायेगी।

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