Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। जिसमें कानून-व्यवस्था व अपराध नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है। प्रदेश सरकार की अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेन्स की नीति है। पुलिस बलों ने अत्यन्त कठिन परिस्थितियों में भी रात-दिन अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि मानकर अपराधों को नियंत्रण करने, कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने, सामाजिक सौहार्द स्थापित करने में सराहनीय भूमिका निभायी। प्रदेश में सुदृढ़ एवं त्रुटिरहित सुरक्षा प्रबन्ध के फलस्वरूप समस्त महत्वपूर्ण त्योहार, मेले, जुलूस, अतिविशिष्ट महानुभावों की यात्राएं आदि शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुईं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 (Prayagraj Kumbh 2019), लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2019 (Parliament Elections 2019) तथा त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2021 (Panchayat Chunav 2021) को शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराने में प्रदेश पुलिस का उल्लेखनीय योगदान है। पुलिस कर्मियों ने कोराना वॉरियर्स के रुप में अभूतपूर्व परिश्रम कर जहां एक ओर नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराया गया, वहीं मानवता की सेवा की नई मिसाल पेश की। यह दक्ष, उत्कृष्ट तथा संवेदनशील पुलिस व्यवस्था के बल पर ही सम्भव हो पाया है। इसके लिए प्रदेश पुलिस को विशेष रूप से बधाई।
कम संस्थान बाधा थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार का कार्यभार ग्रहण किया था, तो कानून-व्यवस्था की स्थिति अत्यन्त चुनौतीपूर्ण थी। ऐसी चुनौती पूर्ण स्थिति में पुलिस के लगभग डेढ़ लाख पद खाली थे, जिसका प्रतिकूल प्रभाव कानून-व्यवस्था पर पड़ रहा था। इसलिए प्रदेश सरकार ने प्राथमिकता पर रिक्त पदों पर अत्यन्त पारदर्शी तरीके से भर्ती कराए जाने का निर्णय लेते हुए इस कार्य को आगे बढ़ाया। इन पदों के भरने में सबसे महत्वपूर्ण बाधा यह थी कि हमारे प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण की कम क्षमता को कैसे दूर किया जाए। हमारे 9 प्रशिक्षण संस्थानों तथा अन्य जिला स्तर पर आरटीसी को मिलाकर 16,150 प्रशिक्षुओं की क्षमता थी। इस कारण से बहुत ज्यादा संख्या में भर्ती किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा था। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 9 प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता दोगुनी किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
वर्चुअल क्लास शुरू हुआ
वर्तमान आवश्यकताओं और पुलिस प्रशिक्षुओं की क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2019 में सुल्तानपुर तथा जालौन में 2 नए प्रशिक्षण संस्थानों का संचालन प्रारम्भ किया गया। प्रत्येक संस्थान की क्षमता 800 प्रशिक्षुओं की है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए वर्ष 2018 में प्रथम बार उत्तर प्रदेश में डिजिटल प्रशिक्षण के लिए 31 केन्द्रों पर वर्चुअल क्लास रूम स्थापित किए गए, जो कि उत्तर प्रदेश शासन की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
पहली बार 30 हजार को मिली ट्रेनिंग
वर्ष 2018 में प्रदेश में पहली बार एक साथ लगभग 30,000 रिक्रूट आरक्षियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में प्रदेश की प्रशिक्षण क्षमता मात्र 16,150 होने के कारण पहली बार केन्द्रीय पुलिस संगठनों-सीआईएसएफ, सीआरपीएफ तथा देहरादून, रुद्रपुर तथा हरिद्वार स्थित उत्तराखण्ड के प्रशिक्षण संस्थानों में कुल 8,142 रिक्रूट आरक्षियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
साइबर क्राइम रोकने के लिए पहल की
वर्ष 2020 तथा वर्तमान वर्ष 2021 में पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के विभिन्न आधारभूत प्रशिक्षण पदोन्नति प्रशिक्षण एवं विशेष प्रशिक्षण कोर्स आयोजित कराए गए। साइबर अपराध की रोकथाम के लिए प्रदेश के पांच प्रशिक्षण संस्थानों में प्रथम बार साइबर क्राइम प्रशिक्षण लैब की स्थापना की गयी। राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद की मदद से पहली बार 54 प्रतिभागियों का साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए प्रशिक्षण कराया गया। ताकि आगे वे प्रशिक्षक के रुप में प्रशिक्षण प्रदान कर सकें।
ट्रेनिंग दी जा रही है
सीएम योगी ने बताया कि नई प्रशिक्षण व्यवस्था के अर्न्तगत सभी पुलिस प्रशिक्षुओं को कानून तथा शान्ति व्यवस्था से जुड़ी आधुनिक एवं अन्य चुनौतियों का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में तकनीक को बढ़ावा देकर ही अपराधों को रोका जा सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना की जा रही है। इस संस्थान के स्थापित हो जाने के पश्चात प्रदेश में फॉरेंसिक साइंस प्रशिक्षण की गुणवत्ता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
सम्मानित किया
सीएम ने आधारभूत प्रशिक्षण कोर्स में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को सम्मानित किया। इनमें वाह्य विषयों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले विवेक जावला, अन्तःकक्षीय विषयों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली सुकन्या शर्मा शामिल हैं। डॉ सुकन्या शर्मा को 86वें बैच की सर्वश्रेष्ठ कैडेट के तौर पर भी सम्मानित किया गया। आईआईटी कानपुर के एमटेक उपाधि धारक गोरखपुर निवासी डॉ हर्ष पाण्डेय तथा पूर्व न्यायिक मजिस्ट्रेट जनपद मेरठ निवासी डॉ रवि खोखर को भी सम्मानित किया गया।
जल शक्ति मंत्री रहे मौजूद
समारोह में जल शक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह, पंचायतीराज मंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया, जलशक्ति राज्यमंत्री बलदेव ओलख, राज्यसभा सांसद सैय्यद ज़फर इस्लाम सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण आरपी सिंह, पुलिस अकादमी के निदेशक जय नारायण सिंह, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, समाजसेवी, प्रशिक्षु एवं उनके परिवारीजन उपस्थित थे।