-जनपद में धारा-144 दो माह के लिए लागू’
-16 अक्टूबर तक लागू रहेगी धारा 144
Deoria News : अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड- 19 (कोरोना वायरस) वैश्विक महामारी से बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने व विभिन्न परीक्षाओं के सकुशल संपादन के सम्बन्ध में शासन के निर्देश के क्रम में तथा जनपद में कानून एवं शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए 16 अक्टूबर तक (दो माह) के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अर्न्तगत आदेश जारी किया गया है, जो पूरे जनपद में प्रभावी रहेगा।
उन्होंने कहा कि –
-कोविड के दृष्टिगत जनपद के सार्वजनिक स्थलों पर मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जायेगा।
-जिन स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र यथा लाउडस्पीकर आदि का प्रयोग किया जाना हो, उसकी आवाज धीमी एवं निर्धारित डेसिबल मानक के अनुसार रखी जायेगी, ताकि इससे अन्य किसी को कोई परेशानी न हो।
-जनपद में कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक स्थल को न तो क्षति पहुंचायेगा और न ही ऐसा करने के लिए किसी को प्रेरित करेगा।
-जनपद में कोई भी व्यक्ति किसी धर्म विशेष की भावनाओं को उद्वेलित करने अथवा साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने का कार्य नहीं करेगा।
-कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार के धार्मिक उन्माद पैदा करने वाला कैसेट न तो बजायेगा और न ही ध्वनि विस्तारक यंत्र से प्रसारित करेगा।
-कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के धार्मिक उन्माद पैदा करने वाले पोस्टर न चिपकायेगा, न किसी दीवार पर कोई धार्मिक उन्माद पैदा करने वाली बातें लिखेगा। न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा।
-जनपद में कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र लेकर नहीं चलेगा और न ही किसी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ अपने पास रखेगा।
-विशेष परिस्थितियों में जिला मजिस्ट्रेट, उप जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेने के बाद ही कोई व्यक्ति लाइसेन्सी अस्त्र-शस्त्र लेकर चल सकेगा। यह प्रतिबन्ध सिख समुदाय के व्यक्तियों को कृपाण धारण करने, वृद्ध, दिव्यांग, बीमार अथवा अंधे व्यक्तियों के लाठी का प्रयोग करने पर लागू नहीं होगा।
-जनपद में कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा किसी अन्य के घर की छत पर ईंट-पत्थर आदि एकत्र नहीं करेगा।
-जनपद में कोई भी व्यक्ति न तो किसी प्रकार की अफवाह सोशल मीडिया के माध्यम से या अन्य किसी भी माध्यम से न तो प्रसारित करेगा और न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा।
-जनपद में कोई भी व्यक्ति धार्मिक उन्माद पैदा करने वाले किसी प्रकार का एसएमएस/एमएमएस/ व्हॉट्सएप मैसेज/ट्वीट न तो प्रसारित करेगा, न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा।
-जनपद में कोई भी व्यक्ति न तो किसी प्रकार की पंचायत /महापंचायत बुलायेगा और न ही इस प्रकार के किसी पंचायत में भाग लेगा।
-देवरिया में कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक स्थल/पूजा स्थल के आस-पास किसी भी प्रकार के प्रतिबंधित जानवर के साथ संचरण नहीं करेगा और न ऐसा करने के लिये प्रेरित करेगा।
-जनपद में कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा, जिससे कानून एवं शान्ति व्यवस्था बिगड़ने की संभावना हो।
उन्होंने बताया है कि इन आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।