Siddharthnagar News : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज सिद्धार्थनगर में 2,329 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेजों-सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर, फतेहपुर तथा जौनपुर का लोकार्पण किया। उन्होंने नवनिर्मित 9 मेडिकल कॉलेजों (Medical College) के मॉडल को देखा तथा छाया चित्र प्रदर्शनी, बुद्ध का जीवनदृश्य एवं उत्खनित पुरास्थल कपिलवस्तु-एक झलक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने प्रधानमंत्री जी को भगवान बुद्ध की प्रतिमा भेंट की।
प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन की शुरुआत भोजपुरी से करते हुए कहा, सिद्धार्थनगर की पावन धरती पर महात्मा बुद्ध ने अपना प्रारम्भिक जीवन व्यतीत किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन पूर्वांचल सहित पूरे उत्तर प्रदेश के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया है। दीपावली और छठ का पर्व इस बार पूर्वांचल में आरोग्य का नया विश्वास लेकर आया है। यहां सिद्धार्थनगर में प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हो रहा है। इसके बाद पूर्वांचल से ही पूरे देश के लिए मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की एक बहुत बड़ी योजना शुरू होने जा रही है। इसे काशी से लॉन्च किया जाएगा।
तपस्या का फल है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश की सरकारें अनेक कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल हैं। सिद्धार्थनगर ने स्व माधव प्रसाद त्रिपाठी के रूप में देश को एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है। सिद्धार्थनगर के नये मेडिकल कॉलेज का नाम उनके नाम पर रखा जाना उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री और उनकी पूरी सरकार को बधाई देते हुए कहा कि माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरन्तर प्रेरणा भी देगा।
इन मेडिकल कॉलेज का हुआ शुभारंभ
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी और पूर्वांचल में आस्था, अध्यात्म और सामाजिक जीवन से जुड़ी बहुत विस्तृत विरासत है। इसी विरासत को स्वस्थ, सक्षम, और समृद्ध उत्तर प्रदेश के भविष्य के साथ भी जोड़ा जा रहा है। आज जिन 9 जनपदों में मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया गया है, उनमें यह दिखता भी है। सिद्धार्थनगर में माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज, देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, गाज़ीपुर में महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज, मिर्जापुर में मां विंध्य-वासिनी मेडिकल कॉलेज, प्रतापगढ़ में डॉक्टर सोने लाल पटेल मेडिकल कॉलेज, एटा में वीरांगना अवंती बाई लोधी मेडिकल कॉलेज, फतेहपुर में अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियांव सिंह मेडिकल कॉलेज, जौनपुर में उमानाथ सिंह मेडिकल कॉलेज, और हरदोई का मेडिकल कॉलेज।
2500 नए बेड्स तैयार हुए
यह सभी मेडिकल कॉलेज अब कोटि-कोटि जन की सेवा करने के लिए तैयार हैं। इन 9 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से लगभग ढाई हज़ार नए बेड्स तैयार हुए हैं। 5 हज़ार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिकल के लिए रोज़गार के नए अवसर बने हैं। इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिए मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है।
पूर्वी भारत का हब बनेगा
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, पूर्वांचल अब पूर्वी भारत का मेडिकल हब बनेगा। यह धरती अब देश को बीमारियों से बचाने वाले अनेक डॉक्टर देने वाली है। पूर्वांचल, उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है। सांसद के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संसद में प्रदेश की बदहाल मेडिकल व्यवस्था की पीड़ा व्यक्त की थी। आज उत्तर प्रदेश के लोग यह देख रहे हैं कि जब जनता-जनार्दन ने योगी को सेवा का अवसर दिया तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया। इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया।
करुणा का भाव है
उन्होंने कहा कि सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिए मन में करुणा का भाव हो, तो इसी तरह का काम होता है। जब 2014 में जनता ने उन्हें देश की सेवा का अवसर दिया, तब पहले की स्थिति को बदलने के लिए उनकी सरकार ने दिन-रात एक कर दिया। जनमानस के कष्ट को समझते हुए, आमजन की पीड़ा को समझते हुए, उसके दुख-दर्द को साझा करने में हम भागीदार बने। हमने देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने और आधुनिक बनाने का एक महायज्ञ शुरू किया।
डबल इंजन की सरकार ने काम किया
प्रधानमंत्री ने कहा, बीते वर्षों में डबल इंजन की सरकार ने हर गरीब तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए बहुत ईमानदारी से प्रयास किया है। निरंतर काम किया है। उत्तर प्रदेश में 2017 तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल की सिर्फ 1900 सीटें थीं। जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार साल में ही 1900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी की गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में 16 मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं और 30 नए मेडिकल कॉलेजों पर तेजी से काम चल रहा है। रायबरेली और गोरखपुर में बन रहे एम्स तो प्रदेश के लिए एक प्रकार से बोनस हैं। 2014 से पहले देश में मेडिकल की सीटें 90 हज़ार से भी कम थीं। बीते 7 वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हज़ार नई सीटें जोड़ी गई हैं।
90 लाख मरीजों को मिला फायदा
उन्होंने ने कहा, गरीब को सस्ता इलाज मिले और उसे बीमारियों से भी बचाया जा सके, इसके लिए देश में नई स्वास्थ्य नीति लागू की गयी। उत्तर प्रदेश में 90 लाख मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज मिला है। इस योजना की वजह से इन गरीबों के लगभग एक हजार करोड़ रुपए इलाज में खर्च होने से बचे हैं। आज हज़ारों जन औषधि केंद्रों से बहुत सस्ती दवाएं मिल रही हैं। कैंसर का इलाज, डायलिसिस और हार्ट की सर्जरी तक बहुत सस्ती हुई है। शौचालय जैसी सुविधाओं से अनेक बीमारियों में कमी आई है। यही नहीं, देशभर में बेहतर अस्पताल कैसे बनें और उन अस्पतालों में बेहतर डॉक्टर और दूसरे मेडिकल स्टाफ कैसे उपलब्ध हों, इसके लिए बहुत बड़े और लंबे विजन के साथ काम किया जा रहा है।
मजबूत हुआ ढांचा
उन्होंने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के तेजी से सुदृढ़ीकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि 4 दिन पूर्व देश ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज का बड़ा लक्ष्य हासिल किया। जिसमें उत्तर प्रदेश का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने प्रदेश की जनता, कोरोना वॉरियर्स, राज्य सरकार, प्रशासन और इससे जुड़े सभी लोगों को बधाई देते हुए कहा कि आज देश के पास 100 करोड़ वैक्सीन डोज़ का सुरक्षा कवच है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश कोरोना से बचाव के लिए अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। प्रदेश के हर जनपद में कोरोना से निपटने के लिए बच्चों की केयर यूनिट या तो बन चुकी है या तेजी से बन रही है। कोविड की जांच के लिए आज राज्य में 60 से ज्यादा लैब्स उपलब्ध हैं। 500 से अधिक नए ऑक्सीजन प्लांट्स पर भी तेजी से काम चल रहा है।