अंतरराष्ट्रीयखबरें

Shinzo Abe Death : स्टील कंपनी में काम करने से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफर, ऐसा रहा शिंजो आबे का जीवन

Japan : जापान के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार में जन्मे शिंजो आबे (Shinzo Abe) ने सबसे लंबे वक्त तक जापान के प्रधानमंत्री का पद संभाला। आबे की शुक्रवार को पश्चिमी जापान के नारा शहर में चुनाव प्रचार के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई।

जापान जब आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा था, तब शिंजो आबे की नीतियों ने काफी हद तक देश में स्थिरता का माहौल बनाया। हालांकि संविधान संशोधन के उनके आह्वान ने जापान के अलावा पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया और चीन को भी नाराज किया।

शिंजो आबे का सफरनामा इस तरह रहा –


-21 सितंबर, 1954 में तोक्यो में आबे का जन्म हुआ। उनके पिता शिंटारो आबे जापान के विदेश मंत्री रहे थे, जबकि दादा नोबुसुके किशी प्रधानमंत्री रहे।

-वर्ष 1977 में तोक्यो में सेइकी विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक करने के बाद वह 3 सेमेस्टर के लिए दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में सार्वजनिक नीति का अध्ययन करने के लिए अमेरिका गए।

-साल 1979 में आबे ने कोबे स्टील में काम करना शुरू किया। कंपनी विदेशों में अपना विस्तार कर रही थी।

-वर्ष 1982 में विदेश मंत्रालय और सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) में नए पदों पर काम करने के लिए कंपनी छोड़ दी।

-साल 1993 में पहली बार यामागुची के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत से जनप्रतिनिधि के तौर पर चुने गए। एक रूढ़िवादी के रूप में देखे जाने वाले आबे पार्टी के सिवाकाई गुट के साथ रहे, जिसका नेतृत्व एक बार उनके पिता ने किया था।

-वर्ष 2005 में शिंजो आबे को प्रधानमंत्री जुनीचिरो कोइजुमी सरकार में मुख्य कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया। इसी साल उन्हें एलडीपी के प्रमुख के तौर पर चुना गया।

-26 सितंबर, 2006 को शिंजो आबे पहली बार जापान के प्रधानमंत्री बने। तब उन्होंने आर्थिक सुधारों पर ध्यान देने के साथ-साथ उत्तर कोरिया के प्रति कड़ा रुख अपनाया।

-वर्ष 2007 के चुनावों में एलडीपी की करारी हार के बाद आबे ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया।

-वर्ष 2012 में एलडीपी का फिर अध्यक्ष चुने जाने के बाद आबे दूसरी बार जापान के प्रधानमंत्री बने।

-वर्ष 2013 में वृद्धि को गति देने के लिए आबे ने आसान ऋण और संरचनात्मक सुधारों की विशेषता वाली अपनी ‘‘आबेनॉमिक्स’’ नीतियां शुरू की। चीन के साथ जापान के संबंधों में खटास आयी, लेकिन बीजिंग में एपेक शिखर सम्मेलन में चीनी नेता शी चिनफिंग के साथ मुलाकात के बाद रिश्तों में सुधार होना शुरू हुआ।

-साल 2014-2020 तक शिंजो आबे एक बार फिर एलडीपी के नेता रहे। उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री दो अतिरिक्त कार्यकाल के दौरान यह पद संभाला।

-28 अगस्त, 2020  को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए आबे ने प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया।

-8 जुलाई, 2022 को शिंजो आबे पर देश के पश्चिमी हिस्से में चुनाव प्रचार के दौरान गोली चलायी गयी। अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।

Related posts

संगठन चलाने के लिए जरूरी पांच क : एमएलसी अनूप गुप्ता ने बताया मतलब, बीजेपी कार्यकर्ताओं का बढ़ाया ज्ञान

Sunil Kumar Rai

आदेश : सुबह एक घंटे जनसमस्याएं सुनेंगे अफसर और कर्मचारी, विद्यालयों को लेकर बनी ये रणनीति

Sunil Kumar Rai

दुःखद : जम्मू में शहीद हुआ देवरिया का लाल, गांव में मचा मातम

Abhishek Kumar Rai

सीएम योगी ने किसानों से जुड़े इस अभियान का किया शुभारंभ : यूपी के करोड़ों कृषकों को मिलेगा लाभ

Sunil Kumar Rai

यूपी में आज से धान की खरीद शुरू : इन जिलों में अगले महीने से होगी खरीदारी, किसानों को करना होगा ये काम

Sunil Kumar Rai

DEORIA : भाजपा किसान मोर्चा ने 800 से अधिक लाभार्थी किसानों का किया अभिनंदन, हर गांव में पहुंचे पदाधिकारी

Sunil Kumar Rai
error: Content is protected !!