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अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त हो पुलिस मगर आमजन संग रहे संवेदनशील : सीएम योगी आदित्यनाथ

Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि विगत 05 वर्षों में पुलिस व्यवस्था के क्षेत्र में किये गये कार्यों का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था देश के लिए नजीर बनी हुई है। विगत 05 वर्षों में पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम से बिना भेदभाव 1.62 लाख से अधिक पदों की पुलिस भर्ती प्रक्रिया को प्रदेश में सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया है। उन्होंने कहा कि हम प्रयास करेंगे तो सकारात्मक परिणाम भी हमारे पक्ष में आएगा।

सीएम बुधवार को लोक भवन सभागार में पुलिस बल को बेहतर आधारभूत सुविधाओं के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों में 260 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित 144 आवासीय, अनावासीय भवनों का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण करने के बाद इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

साइबर लैब्स की स्थापना की गयी

उन्होंने कहा कि भर्तियों के साथ ही पुलिस कार्मिकों के उचित प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण की क्षमता को बढ़ाया गया। समय के अनुरूप देश व दुनिया के सबसे बड़े पुलिस बल को स्थापित करने के लिए उसके आधुनिकीकरण की व्यवस्था बनायी गयी। प्रदेश में पहली बार 18 परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर साइबर लैब्स की स्थापना की गयी। विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की संख्या को 04 से बढ़ाकर 12 तक पहुंचाया गया। प्रदेश में विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) का गठन किया गया है।

निवेश के सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में उभरा है

सीएम ने कहा कि आज से 05 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश की छवि देश व दुनिया में बीमारू राज्य के रूप में थी। यहां पर विकास की कोई सोच नहीं थी। इसका कारण प्रदेश की बदतर कानून-व्यवस्था थी। उत्तर प्रदेश में कोई भी तबका अपने को सुरक्षित महसूस नहीं करता था। हम उत्तर प्रदेश में आमूल-चूल परिवर्तन कर रहे हैं। यह एक सजग पुलिस बल के दम पर हुआ है। प्रदेश निवेश के सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में उभरा है। जिस प्रदेश से पहले उद्यमी तथा व्यापारी पलायन कर रहे थे, उस उत्तर प्रदेश में 04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होना एक गौरव की बात है।

प्रदेश की छवि बदली है

धार्मिक स्थलों से बिना किसी विवाद के माइक का उतरना या सड़कों पर कोई धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन न होना यह प्रदेश में सम्भव हुआ है। इससे प्रदेश की छवि बदली है। पुलिस की एक धमक जो अपराधी के मन में भय पैदा करे, लेकिन एक आम नागरिक के मन में सम्मान का भाव पैदा करे, आज उत्तर प्रदेश पुलिस उस दिशा में अग्रसर हुई है। इसी मार्ग पर आगे बढ़कर उसे अपनी मंजिल को प्राप्त करना है।

दुर्व्यवस्था देखने को मिली थी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस के जवानों और अधिकारियों को बुनियादी सुविधाओं को देने का कार्य किया है। 19 मार्च, 2017 को शपथ ग्रहण के पश्चात उन्होंने सर्वप्रथम गृह विभाग का ही निरीक्षण किया था, जहां उन्हें दुर्व्यवस्था देखने को मिली थी। लखनऊ की रिजर्व पुलिस लाइन्स के औचक निरीक्षण में बैरकों की अव्यवस्था का संज्ञान लेते हुए लगभग 6,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को उत्तर प्रदेश पुलिस बल और गृह विभाग के लिए स्वीकृत किया था। इनमें पुलिस लाइन्स की स्थापना, प्रत्येक जनपद में महिला व पुलिस कार्मिकों के लिए बैरक की स्थापना, अच्छी व पर्याप्त जगह की उपलब्धता, प्रत्येक थाने तथा पुलिस चौकियों में सुविधाओं की स्थापना के कार्य शामिल हैं।

उपलब्ध कराना एक चुनौती थी

सीएम ने कहा कि पुलिस के जवानों को दिन में 08 घण्टे, 10 घण्टे, कभी-कभी 12-12 घण्टे तथा 24-24 घण्टे ड्यूटी करनी पड़ती है। जब कभी कानून-व्यवस्था की समस्या आती है, उस समय स्वयं वे भी पूरी टीम के साथ तब तक कार्य करते हैं, जब तक सफलता के किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाते हैं। प्रदेश की कानून-व्यवस्था के साथ किसी भी प्रकार का कोई खिलवाड़ स्वीकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन 08, 10, 12, 15, 20 घण्टे की ड्यूटी के बाद पुलिस कर्मियों को आराम करने के लिए सुरक्षित एवं साफ-सुथरा स्थान तथा अच्छा भोजन उपलब्ध कराना एक चुनौती थी। राज्य सरकार शीघ्र ही उत्तर प्रदेश के पुलिस बल को बेहतरीन, अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बैरक और उनके लिए आवासीय सुविधाओं को उपलब्ध कराने में सफल होगी। इसी का आज प्रथम चरण यहां सम्पन्न हो रहा है।

यह चुनौती हमारे सामने है

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश में रूल ऑफ लॉ की बात होती है, तो उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था एक मॉडल के रूप में सामने आती है। हमने तकनीकी तथा आधुनिकीकरण पर ध्यान दिया है, लेकिन आपकी मानवीय संवेदना गायब नहीं होनी चाहिए। प्रदेश की कानून-व्यवस्था के लिए तकनीकी महत्वपूर्ण है। लेकिन तकनीक में ही कैद होकर न रह जाएं, यह चुनौती हमारे सामने है।

पुलिस बल की क्षमता व सुविधाएं बढ़ी हैं

उन्होंने कहा कि उन बातों को चिन्हित करने की आवश्यकता है, जिनके कारण कोई व्यक्ति पुलिस की शिकायत करता है अथवा पुलिस को प्रश्न के दायरे में खड़ा करता है। आज पुलिस बल में कार्मिकों व संसाधनों की कमी नहीं है। पुलिस बल की क्षमता व सुविधाएं बढ़ी हैं। देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर पुलिस कर्मियों की जिम्मेदारी है कि अपनी परम्परागत छवि से हटें। थोड़े-थोड़े प्रयासों से बहुत कुछ हो सकता है। भारतीय पुलिस तथा उत्तर प्रदेश पुलिस के रूप में नयी छवि स्थापित करने के लिए हमें नये प्रयास करने होंगे।

सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है

सीएम योगी ने कहा कि आम नागरिक के मन में विश्वास पैदा करने का कार्य संवाद व बातचीत के माध्यम से किया जा सकता है। व्यक्ति की शिकायत को सुनकर उसका मेरिट के आधार पर समयबद्ध तरीके से निस्तारण किया जाना चाहिए। कोई भी व्यक्ति जो प्रदेश का निवासी है अथवा यहां रह रहा है, उसकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। हमारे माध्यम से सभी को सुरक्षित महसूस करने का पूरा अधिकार है। इस दृष्टि से अपने अच्छे व्यवहार के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति के मन में पुलिस की अच्छी छवि प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। अपराध व अपराधियों के प्रति आप जितने सख्त हों, एक आमजन के प्रति उतने ही संवेदनशील भी दिखायी दें।

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