Noida News : आईएमएस-डिजाइन एंड इनोवेशन एकेडमी (डीआईए) में आर्ट टीचर कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ। सेक्टर 62 स्थित संस्थान परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों से 60 छात्र-छात्राओं ने डिजाइन, क्रिएटिविटी एवं इनोवेशन के अनुभव प्राप्त किए। वहीं कॉन्क्लेव के दौरान 58 आर्ट टीचर को स्कैम्पर तकनीक से रूबरू कराया गया।
डीआईए के डीन प्रोफेसर (डॉ.) एमकेवी नायर ने बताया कि कॉनक्लेव के दौरान संस्कार वर्ल्ड स्कूल के 60 छात्र-छात्राओं ने डिजाइन, क्रिएटिविटी और इनोवेशन से जुड़ी गतिविधियों में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को प्रायोगिक रूप से सोचने, अपनी कल्पनाशीलता को विकसित करने और डिजाइन-आधारित सीख की गहरी समझ प्राप्त करने का अवसर मिला।
उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान छात्रों ने वेस्ट आउट ऑफ बेस्ट गतिविधि में भी हिस्सा लेकर बेकार वस्तुओं से उपयोगी और आकर्षक उत्पाद बनाकर अपनी रचनात्मक क्षमता और नवाचार सोच का प्रदर्शन किया। वहीं कॉन्क्लेव में 58 आर्ट टीचर्स को स्कैम्पर के सात चरण सब्स्टीट्यूट, कंबाइन ,अडैप्ट ,मॉडिफाई, पुट टू अनदर यूज, एलिमिनेट एवं रिवर्स के से अवगत कराया गया। प्रोफेसर नायर ने बताया कि आज के कार्यक्रम का उद्देश्य कला एवं डिजाइन आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना तथा भविष्य के रचनात्मक करियर के प्रति शिक्षक एवं विद्यार्थियों में जागरूकता बढ़ाना है।
कॉन्क्लेव की शुरुआत करते हुए वाइस प्रेसिडेंट चिराग गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आईएमएस-डीआईए हमेशा से विद्यार्थियों और शिक्षकों को रचनात्मकता, नवाचार और डिज़ाइन थिंकिंग के वास्तविक अनुभव से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। आज के आर्ट टीचर कॉन्क्लेव का उद्देश्य न केवल कला शिक्षा को सशक्त बनाना है, बल्कि स्कूल स्तर पर डिजाइन-उन्मुख सोच को बढ़ावा देना भी है। हमें खुशी है कि इतने बड़े स्तर पर शिक्षक और विद्यार्थी इस पहल से जुड़े और अपनी प्रतिभा तथा सीखने की क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
संस्थान के महानिदेशक प्रोफेसर (डॉ.) विकास धवन ने कहा कि डिजाइन और क्रिएटिविटी आज हर क्षेत्र में आवश्यक कौशल बन गए हैं। आज का आर्ट टीचर कॉन्क्लेव भविष्य में रचनात्मक शिक्षा को नई दिशा देगा साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग के नए मार्ग भी स्थापित करेगा। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सफलता के लिए आवश्यक है कि छात्र स्कूल स्तर पर अपने कौशल के विकास पर ध्यान दें और कॉलेज के दौरान उन्हीं कौशलों के आधार पर इनोवेशन की ओर अग्रसर हों। इसी सोच के साथ आईएमएस-डीआईए विद्यार्थियों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करने के लिए सतत प्रयासरत है।
