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देवरिया में पॉक्सो एक्ट के 550 प्रकरण लंबित : 3 मामलों में दोषियों को आजीवन कारावास, न्यायाधीशों की कमी से सुनवाई में देरी

Deoria News : इस साल देवरिया में पॉक्सो एक्ट के कुल 12 मुकदमों में न्यायालय ने फैसला सुनाया है, जिनमें से 3 प्रकरण में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। हालांकि अब भी जनपद में 550 मामले विचाराधीन हैं।

बड़ी विडंबना है कि 3 में से 2 न्यायालयों में न्यायाधीश की तैनाती नहीं है। इससे सुनवाई में विलंब हो रहा है। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Deoria DM Jitendra Pratap Singh IAS) ने इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है।

बैठक कर जानी स्थिति

डीएम जेपी सिंह एवं पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा (Deoria Police SP Sankalp Sharma IPS) ने पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए अभियोजन विभाग के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में जिलाधिकारी ने पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

6 महीने से पुराने केस की रिपोर्ट मांगी

जिलाधिकारी ने छह माह से अधिक समय से लंबित प्रकरणों की सूची मांगी है। उन्होंने कहा कि पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज प्रकरणों का त्वरित निस्तारण करना शासन की प्राथमिकता का विषय है। इसमें किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए। विभिन्न विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर पॉक्सो एक्ट की मूल भावना के अधीन त्वरित निस्तारण कराएं।

550 प्रकरण की सुनवाई हो रही

जनपद में पॉक्सो एक्ट के तहत 550 प्रकरण दर्ज है, जिनकी सुनवाई तीन न्यायालयों में विभिन्न चरणों पर हो रही है। इनमें से दो न्यायालयों में वर्तमान समय में न्यायाधीश की तैनाती नहीं है, जिससे केस के निस्तारण की गति प्रभावित हो रही है। जिलाधिकारी ने इस संबन्ध में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

12 केस का निस्तारण हुआ

संयुक्त निदेशक अभियोजन अतुल ओझा ने बताया कि पॉक्सो एक्ट के अधीन दर्ज दो प्रकरणों में एफएसएल रिपोर्ट नहीं मिलने से मामला लंबित है। जिस पर पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने शीघ्र रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया। इस वर्ष पॉक्सो एक्ट के 12 केसों का अंतिम रूप से निस्तारण न्यायालयों ने किया है। जिसमें से 3 प्रकरण में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है।

बैठक से बाहर किया

इससे पूर्व बैठक के प्रारंभ में जिलाधिकारी ने ड्रेस कोड का उल्लंघन करने पर डीजीसी क्रिमिनल राजेश कुमार मिश्र को बैठक से बाहर जाने का निर्देश दिया। डीजीसी क्रिमिनल जिलाधिकारी की बैठक में कुर्ता-पायजामा पहन कर आये थे, जिस पर डीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। बैठक में एडीएम प्रशासन गौरव श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ राजेश सोनकर, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी राजीव कुमार सहित अभियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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