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अच्छी खबर : देवरिया, गोरखपुर होते हुए बिछेगा नया रेल ट्रैक, पैसेंजर ट्रेनें समय से भरेंगी फर्राटा, जानें पूरा प्लान

Gorakhpur News : पूर्वोत्तर रेलवे अपने यात्रियों को बड़ी राहत देने की योजना बना रहा है। खलीलाबाद से गोरखपुर होते हुए बैतालपुर तक 85 किलोमीटर लंबी नई लाइन बिछाई जाएगी। यह तीसरी लाइन पूर्वोत्तर रेलवे के डीएफसी यानी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Dedicated Freight Corridor) के तहत बिछाई जाएगी।

इस लाइन पर सिर्फ माल गाड़ियों का संचालन किया जाएगा। इस नई लाइन के बिछने से पूर्वांचल समेत बिहार-बंगाल की तरफ यात्रा करने वाले करोड़ों लोगों को बड़ा फायदा होगा। इसके तैयार होने के बाद यात्री ट्रेनें लेट नहीं होंगी। साथ ही क्षेत्र में नए बाजार विकसित होंगे और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

यात्री ट्रेनों की बढ़ेगी रफ्तार

इस रेलवे लाइन के शुरू हो जाने से मालगाड़ियों को क्रॉस कराने के लिए यात्री ट्रेनों को स्टेशनों पर अनावश्यक नहीं रोकना पड़ेगा। अभी दो लाइन होने से मालगाड़ी को पास कराने के लिए पैसेंजर ट्रेनों को घंटों रोकना पड़ता है। सर्दी-गर्मी हर मौसम में मुसाफिरों को अनावश्यक देरी से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन नई लाइन के तैयार होने के बाद पैसेंजर ट्रेनों की क्षमता और रफ्तार बढ़ जाएगी। पूर्वांचल के लोगों की यात्रा सुगम हो जाएगी। कारोबारियों और बाजारों को भी फायदा होगा।

बाराबंकी से छपरा तक तीसरी लाइन

बताते चलें कि गोरखपुर मुख्यालय को केंद्र मानकर पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य मार्ग बाराबंकी- गोंडा- छपरा तक 425 किलोमीटर तीसरी लाइन बिछाने की योजना है। पहले चरण में डोमिनगढ़ से कुसम्ही तक 25 किलोमीटर तीसरी रेलवे लाइन बिछाने का कार्य रफ्तार से चल रहा है। दूसरे चरण में खलीलाबाद से बैतालपुर तक काम होगा। जानकारी के अनुसार कुसम्ही से बैतालपुर तक तीसरी लाइन के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। पीओएल साइडिंग बैतालपुर में भी है। यहां पर महीने में 33 तेल की रेक पहुंचती है। रेलवे बोर्ड ने इसको देखते हुए बैतालपुर को दूसरे चरण के सर्वे में शामिल किया है। ताकि ऑयल रेक का संचालन बिना किसी बाधा के जारी रहे।

माल गाड़ियों को मिलेगा नया ट्रैक

बैतालपुर से देवरिया होते हुए भटनी तक तीसरे चरण में तीसरी लाइन बिछाने के लिए सर्वे को मंजूरी मिलना बाकी है। तीसरी लाइन का विस्तार बाराबंकी से गोंडा होते हुए छपरा तक हो जाने के बाद, गोरखपुर के रास्ते वाराणसी और छपरा से गोंडा रूट पर संचालित माल गाड़ियों को एक नया रास्ता मिलेगा। ऐसे में पहले से संचालित दो रेल लाइनों पर बिना किसी बाधा के पैसेंजर ट्रेनें दौड़ेंगी। इससे गोरखपुर जंक्शन पर भी दबाव कम हो जाएगा। रेलवे बोर्ड ने बाराबंकी- गोरखपुर- छपरा रेल लाइनों पर ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम को भी अनुमति दे दी है। पूर्वोत्तर रेलवे के रूट पर एक सेक्शन में एक दूसरे के पीछे ट्रेनें फर्राटा भर सकेंगी।

पूर्वांचल के बाजारों को मिलेगा लाभ

इस तीसरी रेलवे लाइन के बिछने से पूर्वांचल के बाजार विकसित होंगे। नए ट्रैक के बनने से माल गाड़ियों की संख्या बढ़ेगी। इससे माल ढुलाई ज्यादा होगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। माल ढुलाई के लिए एक प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल सहजनवा में और दूसरा नौतनवा में मल्टी मॉडल कार्गो टर्मिनल तैयार किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड ने माल ढुलाई को प्राथमिकता देते हुए माल गाड़ियों की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया है।

पूरे रूट पर सफर आसान होगा

इस तीसरी नई लाइन के बिछने से दिल्ली से बंगाल तक के रेलवे मुसाफिरों को बड़ी राहत मिलेगी। फिलहाल इन रूट पर दौड़ने वाली ट्रेनें अक्सर लेटलतीफी का शिकार होती हैं। उसकी एक बड़ी वजह माल गाड़ियों को क्रास कराने के लिए यात्री ट्रेनों को घंटों रोका जाता है। नए ट्रैक के तैयार होने के बाद इस रूट पर यह समस्या समाप्त हो जाएगी।

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