Deoria News : नेहरू युवा केन्द्र देवरिया (Nehru Yuva Kendra Deoria) एवं भारतीय रेडक्रास सोसाइटी (Indian Red Cross Society Deoria) की देवरिया इकाई के संयुक्त तत्वाधान में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Syama Prasad Mukherjee) की 121वीं जयन्ती को युवाओं ने राष्ट्र की एकता व अखंडता के लिए किये गये उनके प्रयासों को याद करते हुए मनाया। इस अवसर पर नेहरू युवा केन्द्र कार्यालय देवरिया पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित विचार गोष्ठी एवं रक्तदान शिविर का आयोजन ब्लड बैंक, जिला अस्पताल देवरिया में किया गया।
विरोध में यात्रा आरम्भ की
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डॉ अजीत नारायण मिश्र, प्रांतीय उपाध्यक्ष, आरोग्य भारती ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवनवृत्त पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतवर्ष के लिए कलंक के समान 02 संविधान 02 प्रधान व 02 निशान की व्यवस्था के विरुद्ध एक जोरदार लोकमत तैयार करके तात्कालीन सरकार द्वारा द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए बनाये गये विशेष प्रावधान के विरोध में यात्रा आरम्भ की। इसी दौरान उनकी दुखद मृत्यु भी हो गई थी।
विकास की मुख्य धारा से अलग रहा
परन्तु वर्तमान सरकार ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों व कर्म सिद्धान्तों को आत्मसात करते हुए उनके सपनों को सच किया और धारा 370 के तहत जम्मू कश्मीर राज्य को मिले ऐसे विशेष प्रावधान को खत्म किया। विशेष प्रावधान राज्य के सर्वांगीण विकास में बाधक रहा एवं भारतवर्ष का अभिन्न हिस्सा होते हुए भी विकास की मुख्य धारा से अलग रहा।
उन्नति के समान अवसर उपलब्ध हो गये
आज हम सभी भारतवासी गौरवान्वित हैं कि भारत के अन्य राज्यों की भाँति जम्मू कश्मीर राज्य में वहां के नागरिकों को अब जीवन के सभी क्षेत्रों में उन्नति के समान अवसर उपलब्ध हो गये हैं। यही नहीं, इस दौरान वहां पर सीमापार से संचालित हो रही विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में भी कमी आई है, क्यूंकि अब वहां के लोगों ने भारत के उत्कर्ष के लिए अपनी ऊर्जा को संयोजित करने का संकल्प ले लिया है।
सदैव आंदोलित करती रहेगी
जिला युवा अधिकारी विकास तिवारी ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विलक्षण प्रतिभा के धनी, राष्ट्रप्रेमी व गलत को गलत कहने का साहस रखने वाले महान व्यक्तित्व थे। कलकत्ता विश्वविद्यालय के उप कुलपति के रूप में महज 33 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी सेवायें प्रदान करते हुए अनेक उत्कृष्ट कार्य किये। एक विचारक तथा प्रखर शिक्षाविद के रूप में उनकी उपलब्धि व ख्याति युवामन को सदैव आंदोलित करती रहेगी।
एक युगद्रष्टा थे
उन्होंने कहा कि यद्यपि ऐसे महापुरुषों के जीवनवृत्त से जुड़ी हुई अनेक घटनाओं पर इतिहासकारों द्वारा विधिवत् गहन चिंतन अद्यतन नहीं किया गया, परन्तु जो भी तथ्य हमारे सामने हैं, उनके आधार पर यह कहा जा सकता कि वे सचमुच एक युगद्रष्टा थे। यदि उनके विचारों पर तात्कालिक अनुशीलन किया जाता तो शायद व अनेक अनिर्णीत मुद्दों का ससमय समाधान निकाला जा सकता था। उन्होंने अगस्त 1952 को जम्मू की विशाल रैली में अपना संकल्प व्यक्त करते हुए कहा था कि ‘या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊंगा या फिर इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दूंगा। वे अपने दृढ़ विश्वास पर अटल रहे।
विभाजन का उन्होंने विरोध किया
डॉ मुखर्जी इस धारणा के प्रबल समर्थक थे कि सांस्कृतिक दृष्टि से सभी धर्म एक हैं, इसलिए धर्म के आधार पर विभाजन का उन्होंने विरोध किया। वे यह मानते थे कि आधारभूत सत्य यह है कि सभी धर्म एक हैं, हममें कोई अन्तर नहीं है। एक ही भाषा एक ही संस्कृति और हमारी एक ही साझी विरासत है। हम सब एक ही रक्त के हैं।
इन्होंने किया रक्तदान
विचार गोष्ठी का संचालन विकास खण्ड बैतालपुर के राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक शुभम त्रिपाठी ने किया। गोष्ठी के पश्चात राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक रक्तदान के लिए ब्लड बैंक जिला अस्पताल देवरिया पहुंचकर 05 यूनिट रक्तदान किया। नागेन्द्र यादव, मुबारक अंसारी, युवा मण्डल अध्यक्ष विवेक कुमार बनवाल, रेडक्रास सोसाइटी के संजय गुप्ता व उपेन्द्र कुमार यादव ने रक्तदान किया।
महादान के प्रति प्रेरित किया
गौरतलब है कि भारतीय रेडक्रास सोसाइटी देवरिया इकाई के उपेन्द्र कुमार यादव ने 47वीं बार रक्तदान करके युवाओं का इस महादान के प्रति प्रेरित किया। इस अवसर पर नेहरू युवा केन्द्र के सभी राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक और प्रीति सिंह, योग प्रशिक्षिका उपस्थित रहीं।