-जिलाधिकारी ने नलकूप खंड देवरिया एवं नलकूप खंड सलेमपुर के अधिशासी अभियंताओं को ‘कारण बताओ नोटिस’ किया जारी
-समीक्षा बैठक में बंद नलकूपों के संदर्भ में गलत सूचना देने पर जिलाधिकारी ने जतायी नाराज़गी
-सलेमपुर खंड में 7 नलकूपों के बंद होने की दी थी सूचना, जबकि जाँच में 47 नलकूप मिले बंद
-देवरिया खंड में भी 7 नलकूपों के बंद होने की दी थी सूचना, क्रॉस चेकिंग में 29 नलकूप मिले बंद
Deoria News : जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh IAS) ने नलकूप खंड देवरिया एवं नलकूप खंड सलेमपुर के अधिशासी अभियंता को समीक्षा बैठक में गलत सूचना देने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि धान रोपाई के दृष्टिगत समस्त नलकूप अपनी अधिकतम क्षमता के अनुरूप चलाये जाएं, जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
गलत मिली जानकारी
इसी महीने 24 जून को जनपद में सप्ताहांत बंद नलकूपों की समीक्षा की गई थी, जिसमें अधिशासी अभियंता नलकूप खंड सलेमपुर विक्रम सिंह ने बताया कि मोटर जलने की वजह से 2 तथा विद्युत दोष की वजह से 5 नलकूप बंद हैं। इसी प्रकार नलकूप खंड देवरिया के अधिशासी अभियंता गौरव सिंह ने बताया कि मोटर जलने से एक तथा विद्युत दोष की वजह से 6 नलकूप बंद हैं।
934 नलकूप चालू मिले
जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंताओं की दी हुई सूचना की जाँच कराई। ऐसी 1010 ग्राम पंचायते एवं राजस्व ग्राम, जहाँ नलकूप लगें हैं, वहां के ग्राम प्रधानों, कृषकों एवं नलकूप चालकों से संपर्क कर वास्तविक स्थिति का जायजा लिया गया। जाँच में अधिशासी अभियंताओं द्वारा बताए गए कुल 14 नलकूप के सापेक्ष 76 नलकूप बंद मिले। कुल 1010 में से 934 नलकूप चालू अवस्था में मिले।
किसानों को जरूरत है
जांच में वास्तविक स्थिति सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने गहरी नाराज़गी व्यक्त करते हुए दोनों अधिशासी अभियंताओं को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जनपद में कई स्थानों पर धान रोपाई का कार्य प्रारंभ हो चुका है। किसानों को धान रोपाई के लिए पानी उपलब्ध कराने में नलकूपों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
गलत सूचना देने पर हुई कार्रवाई
ऐसे में नलकूप खंड सलेमपुर एवं देवरिया के अधिशासी अभियंताओं द्वारा गलत एवं भ्रामक सूचना देकर गुमराह करने का प्रयास किया गया है। अपने पदीय दायित्वों का प्रति लापरवाही बरतने एवं गलत सूचना देने पर इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। तीन दिन की समयसीमा में इन्हें जवाब देना होगा। जवाब संतोषजनक न होने पर दंडात्मक कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा।