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मनोज कुशवाहा किडनैपिंग केस : व्यवसायी ने अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी, पूछताछ में हुआ ये खुलासा

Deoria News : देवरिया जिले के बघौचघाट थाना क्षेत्र के पकहां गांव के नौगांवा टोला निवासी कपड़ा व्यवसाई मनोज कुशवाहा ने अपने अपहरण की झूठी कहानी खुद रची थी। पुलिस की पूछताछ में व्यवसायी ने यह स्वीकार किया है कि उसने किडनैपिंग की कहानी बनाकर परिवार और पुलिस को बताई। अब देवरिया पुलिस उससे पूछताछ कर सच जानने में जुटी है।

इसलिए रची कहानी

देवरिया के पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा (SP Sankalp Sharma IPS) ने इस बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक की जांच और पूछताछ में व्यवसायी के किडनैपिंग की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस की पूछताछ में मनोज कुशवाहा ने स्वीकार किया है कि माता-पिता से मतभेद और दूसरे व्यवसायिक वजह से उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी बनाई थी।

4 टीमें गठित हुईं

एसपी ने कहा कि हालांकि पुलिस अपहरण की धाराओं के अंतर्गत मामले की छानबीन कर रही है। जो भी सच होगा, वह जल्दी सामने आएगा। उन्होंने बताया कि मनोज कुशवाहा की बरामदगी के लिए चार टीमें गठित की गई थीं और हमने उन्हें सकुशल बिहार के सिवान जिले से बरामद कर लिया। लेकिन पूछताछ में अपहरण के बात संदिग्ध लगी। अब व्यवसायी ने खुद स्वीकार किया है कि उसकी किडनैपिंग नहीं हुई थी।

ये है पूरा प्रकरण

बताते चलें कि देवरिया जिले के बघौचघाट थाना क्षेत्र के पकहा गांव के नौगांवा टोला निवासी मनोज कुशवाहा का बुधवार की सुबह कथित अपहरण हो गया था। वह सुबह टहलने निकले थे, लेकिन 9:00 बजे तक वापस घर नहीं लौटे। तब परिजनों ने उन्हें कॉल करना शुरू किया, मगर कोई जवाब नहीं मिला। थोड़ी देर बाद मनोज कुशवाहा की मां सुरसती देवी के मोबाइल पर मनोज का कॉल आया। उसने बताया कि कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है। उसे कहां रखा है, इस बारे में वह कुछ जानकारी नहीं दे सकता।

पूरा अमला मौके पर पहुंचा

परिजनों ने इसकी जानकारी बघौचघाटा थाना पुलिस को दी। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के पैतृक गांव का मामला होने की वजह से पूरे महकमे में हड़कंप मच गया। सबसे पहले एसपी संकल्प शर्मा व सीओ सदर श्रीयश त्रिपाठी पहुंचे। उसके बाद एडीजी अखिल कुमार, डीआइजी जे रविंद्र गौड, कुशीनगर एसपी धवल जायसवाल भी मौके पर पहुंचे।

सिवान से बरामद किया

जानकारी मिलते ही देवरिया पुलिस ने बिहार बॉर्डर पर चेकिंग तेज कर दी। साथ ही मनोज के मोबाइल फोन के लोकेशन को ट्रेस किया गया। पता चला कि मनोज कुशवाहा की आखिरी लोकेशन बिहार के सिवान जिले की है। उसके आधार पर पुलिस की तीन टीमें बिहार के लिए रवाना की गईं। दोपहर करीब 2:00 बजे टीम ने मनोज कुशवाहा को सिवान जिले के हसनपुरा बाजार से बरामद कर लिया।

बस से ले गए

मगर पूछताछ में मनोज कुशवाहा के किडनैपिंग की बात निराधार लग रही है। पुलिस के कई सवालों का जवाब व्यवसायी नहीं दे पाया। व्यवसायी मनोज कुशवाहा के मुताबिक, वह सुबह करीब 4 बजे टहलने के लिए निकले थे। टहलने के दौरान दो बदमाश आए और तमंचा सटाकर अपहरण कर लिया। दोनों उन्हें बस में बैठाकर सिवान ले गए। इसी बीच उन्हें 5-7 किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ा। बाद में बदमाश उन्हें सिवान के हुसैनगंज थानाक्षेत्र के गोपालपुर के पास छोड़कर भाग गए।

कहानी उलझी लग रही थी

देवरिया पुलिस को व्यवसायी के अपहरण की कहानी में झोल नजर आ रहा था। पुलिस का कहना है कि बदमाश किसी व्यक्ति को दिन में बस से कैसे किडनैप कर सकते हैं। व्यवसायी को पैदल चलाने पर भी संदेह है। पुलिस का कहना है कि व्यवसायी के सट्टा खेलने की वजह से कर्जदार होने की बात सामने आ रही है। फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। ग्रामीणों के मुताबिक दो दिन पहले व्यवसायी ने गांव में कहा था कि कर्ज होने के कारण कभी भी गांव छोड़ना पड़ सकता है। पुलिस इसे ध्यान में रखकर भी मामले की जांच कर रही है।

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