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यूपी में संचारी रोग नियंत्रण अभियान का हुआ आगाज : सीएम योगी का आदेश-जिम्मेदारी से मिशन को आगे बढ़ाएं विभाग

Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शनिवार को लोक भवन में ‘विशेष रोग संचारी नियंत्रण अभियान’ का शुभारम्भ किया। उन्होंने कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में इस कार्यक्रम को नए उत्साह के साथ संचालित किया जाएगा और आने वाले समय में कोई भी बच्चा किसी भी संचारी रोग की चपेट में न आने पाए, इस जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए इस वृहद कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। यह कार्यक्रम सफलता की नई ऊंचाईयों को छूते हुए उत्तर प्रदेश के हर बच्चे को निरोग रखने का कार्य करेंगे।

सीएम ने कहा कि आज ही ‘स्कूल चलो अभियान’ कार्यक्रम की दूसरी कड़ी के रूप में ‘विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ का शुभारम्भ किया गया है। उत्तर प्रदेश में 09 क्लाइमेटिक जोन हैं। अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग बीमारी भी आती है। कुशीनगर, गोरखपुर, तथा नेपाल की तराई से लेकर सहारनपुर के क्षेत्रों में मस्तिष्क ज्वर (Encephalitis), वाराणसी और उसके आसपास के क्षेत्रों में कालाजार (Kala Azar), बरेली, बदायूं तथा आस-पास के क्षेत्रों में मलेरिया, लखनऊ, कानपुर तथा मथुरा में डेंगू एवं झांसी तथा बुन्देलखण्ड के क्षेत्रों में चिकनगुनिया का कहर देखने को मिलता था।

उन्होंने कहा कि 5 वर्ष पूर्व, 01 अप्रैल, 2018 को भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ तथा पाथ जैसी संस्थाओं के सहयोग से ‘संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ का शुभारम्भ किया गया था। विगत 06 वर्षों में प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्राम विकास, पंचायतीराज, नगर विकास, महिला और बाल विकास, समाज कल्याण तथा कृषि विभाग की सहभागिता से इस अभियान को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है। इसके लिए स्वच्छता, समय-समय पर छिड़काव, फॉगिंग तथा एण्टी लार्वा स्प्रे का छिड़काव बड़े पैमाने पर प्रदेश भर में किया गया। आज इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश का संचारी रोग नियंत्रण का मॉडल पूरे देश में अच्छे परिणाम के साथ सामने आया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मस्तिष्क ज्वर (इंसेफेलाइटिस) से गोरखपुर तथा बस्ती मण्डलों में 40 वर्षों में 50 हजार बच्चों की मृत्यु हुई थी। आज अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा चुका है। आज इसे इस स्थिति में पहुंचा दिया गया है कि अब केवल इस बीमारी के उन्मूलन की घोषणा बाकी है। चिकनगुनिया, मलेरिया तथा कालाजार नियन्त्रण में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने उत्कृष्ट कार्य किया है। डेंगू नियंत्रण के भी प्रभावी कार्य किए गए हैं। इन सभी बीमारियों की चपेट में ज्यादातर बच्चे आते थे। इनमें विभिन्न मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां ज्यादा हैं। इसीलिए स्कूल चलो अभियान और संचारी रोग नियंत्रण का कार्यक्रम एक साथ प्रारम्भ किया गया है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका अपने आस-पास स्वच्छता तथा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता की है।

सीएम ने कहा कि अभिभावकों तथा बच्चों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करना चाहिए। स्वच्छता के प्रति उन्हें जितनी वृहद् जानकारी देंगे, उतना ही हम संचारी रोग को नियंत्रित करने में सफल होंगे। विद्यार्थियों की यूनिफॉर्म साफ-सुथरी हो। वे नहाकर तथा दातून करके विद्यालय आएं। उनके जूते-मोजे साफ-सुथरे हो। बच्चे सभी प्रकार के टीकों से आच्छादित हैं कि नहीं, यह भी सुनिश्चित करें। विद्यालयों के टॉयलेट साफ-सुथरे हों। पेयजल के लिए लगायी गई आरओ मशीन की समय पर मरम्मत तथा साफ-सफाई होती रहे। इन सब छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर आप उन बच्चों के स्वास्थ्य को ठीक रख पाएंगे। विगत 06 वर्षों में स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को राष्ट्रीय औसत तक पहुंचाने का कार्य किया है। प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में यह राष्ट्रीय औसत से आगे है। यह स्वास्थ्य विभाग के साथ ही हमारी भी जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि सरकार आंगनबाड़ी को प्री-प्राइमरी के रूप में आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। उन बच्चों को अपने साथ जोड़ने के लिए अभी से संवाद बनाया जाना चाहिए। किसी भी राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों से आंगनबाड़ी के बच्चों को भी जोड़ा जाए। उनमें से ही कुछ बच्चे हमारे स्कूलों में प्रवेश करेंगे। इससे बच्चों तथा अभिभावकां के मन में सम्मान का भाव पैदा होगा। साथ ही, उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी भी प्राप्त होगी। लोग उसके बारे में जागरूक होंगे। इसीलिए ये कार्यक्रम अगले एक माह तक चलेंगे। 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक प्रदेश में दस्तक अभियान भी चलेगा, जिसमें आशा वर्कर घर-घर दस्तक देते हुए मस्तिष्क ज्वर, कालाजार, चिकनगुनिया, डेंगू तथा मलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक करेंगी।

सीएम ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक दुनिया को ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) से मुक्त करने के लिए एक वृहद अभियान शुरू किया है। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2025 तक ही देश को टीबी से पूरी तरह मुक्त करने का आह्वान किया है। इसके लिए बड़े-बड़े कार्यक्रम चल रहे हैं। हो सके तो सभी शिक्षक अपनी ग्राम पंचायतों के किसी टीबी से ग्रसित व्यक्ति की जिम्मेदारी लें। सरकार डॉट्स योजना के तहत टीबी मरीजों के लिए दवाओं के पैकेट उपलब्ध कराती है। शिक्षक टीबी मरीजों को दवा नियमित रूप से लेने में मदद करे। उन रोगियों को मास्क लगाने तथा सार्वजनिक स्थानों पर न थूकने के लिए प्रेरित करे। एक शिक्षक एक भी टीबी मरीज को बीमारी से मुक्त कराने में योगदान देगा, तो यह बहुत बड़ा कार्य होगा। प्रदेश में 06 लाख शिक्षक हैं। यदि यह 06 लाख रोगियों को गोद लेकर ग्राम पंचायत, वॉर्ड तथा मोहल्ले को टीबी के खिलाफ अभियान का हिस्सा बना दें, तो यह देश में बहुत अच्छा मॉडल बन जाएगा। व्यापक जागरूकता ही इन सभी बीमारियों से मुक्ति का माध्यम है।

सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यक्रम के साथ जुड़ना हमारा दायित्व है। सभी नगर निकाय तथा ग्राम पंचायतें स्वच्छता अभियान को अपने जीवन का हिस्सा बनाए। कूड़ा निस्तारण की उचित व्यवस्था करें। गर्मी बढ़ने के साथ ही, मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ेगा। इसके लिए स्वच्छता के साथ ही, फॉगिंग तथा अन्य छिड़काव के कार्य किए जाएं। बाल विकास और पोषाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत हर आंगनबाड़ी में कुपोषित माताओं तथा बच्चों के लिए क्वालिटी युक्त पोषाहार उपलब्ध कराए जाएं। एक साथ देश भर में इन कार्यक्रमों से सभी विभागों का जुड़ना इसे सफलता की ओर आगे बढ़ाएगा।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में आज उत्तर प्रदेश में दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। सरकारी स्कूल के बच्चां के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश की आने वाली पीढ़ी को तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार ने बेहतर तथा गुणवत्तापरक कार्य किया है। आज ही ‘विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ भी प्रारम्भ हो रहा है। विगत 06 वर्षों में प्रदेश को संचारी रोग पर नियंत्रण करने में बड़ी सफलता मिली है।

इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त तथा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा दीपक कुमार, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा तथा महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनन्द सहित वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षक एवं बच्चे उपस्थित थे।

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