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बॉर्डर और राज्यों से जुड़ी सीमा पर निगाह रखेगी योगी सरकार, किसानों को इस आधार पर मिलेगा उर्वरक, जानें पूरा प्लान

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में खाद की कमी दूर करने और कालाबाजारी रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने किसानों को गुणवत्तायुक्त रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने के लिये प्रदेश के अंतरराज्यीय एवं इंटरनेशनल बॉर्डर से लगे हुये जनपदों के जिलाधिकारियों को बड़ा आदेश दिये हैं। इसमें कहा गया है कि इन जनपदों में उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण की सघन निगरानी की जाए।

साथ ही सीमावर्ती जनपदों से अन्य राज्यों के किसानों को उर्वरक न बेचने के लिए कठोर कदम उठाने को कहा है। साथ ही राज्य के किसानों को भी जोत-बही के आधार पर ही उर्वरक की बिक्री की जाएगी। सितम्बर एवं अक्टूबर, 2021 माह के टॉप 100 क्रेताओं की समीक्षा कर यह देखा जाए कि कहीं सीमावर्ती राज्यों के किसानों को उर्वरक की बिक्री न की गयी हो।

5 किमी के दायरे में प्रतिबंध रहेगा

अपर मुख्य सचिव, डॉ देवेश चतुर्वेदी यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अन्तर्राज्यीय व अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओें के जनपदों में उर्वरक की बिक्री पर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। भारत-नेपाल सीमावर्ती जनपदों में 5 किलोमीटर क्षेत्र में निजी क्षेत्र में उर्वरकों की बिक्री के लिए उर्वरक निबंधन प्रमाण पत्र निर्गत न किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में रबी सीजन के लिए यूरिया उर्वरक की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है।

कड़े इंतजाम किए जाएंगे

डॉ चतुर्वेदी ने बताया, जिलाधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि आवश्यकतानुसार पुलिस एवं स्टेट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की सहायता से जनपदों की सीमाओं पर सतर्क दृष्टि रखी जाए। खाद की अवैध बिक्री में संलिप्त पाये जाने वाले असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। प्रदेश के बाहर उर्वरक के यातायात पर प्रभावी रोक लगाने के लिए सीमा की चौकियों को सतर्क रखा जाए। कृषि, पुलिसा एवं प्रशासनिक विभाग के अधिकारियों के सचल दल गठित कर निरीक्षण एवं छापेमारी कर कालाबाजारी पर रोक लगाई जाएगी।

पहचान पत्र के आधार पर मिले खाद

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी उर्वरक की उपलब्धता की जानकारी निरन्तर मीडिया के माध्यम से जनपद स्तर पर उपलब्ध कराते रहें। अपर मुख्य सचिव, कृषि ने बताया कि किसानों को पहचान पत्र के आधार पर उनकी जोत एवं फसल के लिए संस्तुत मात्रा के अनुसार ही उर्वरक उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। ताकि महंगे उर्वरकों का असंतुलित प्रयोग एवं कृषि के अतिरिक्त अन्य कार्यों में दुरूपयोग को नियंत्रित किया जा सके।

निगरानी में उर्वरक का वितरण हो

अधिकारी ने कहा है कि जहां पर कालाबाजारी, जमाखोरी या निर्धारित विक्रय मूल्य से अधिक दरों पर बिक्री की शिकायत प्राप्त हो या जिन-जिन क्षेत्रों में उर्वरकों की मांग अधिक है, वहां किसानों की अधिक संख्या में आने की आशंका को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय अधिकारियों की निगरानी में उर्वरक का वितरण कराया जाए। फुटकर विक्रेता बिना जोत-बही के डीएपी का विक्रय न करें।

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