Deoria News : यूपी के देवरिया जिले में एक कुटी के नाम की लाखों की संपत्ति महंत के अपने नाम करवाने का बड़ा मामला सामने आया है। इसका पता चलने के बाद ग्रामीण चिंतित हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Deoria DM Jitendra Pratap Singh IAS) से पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है।
किया फर्जीवाड़ा
मामला देवरिया जिले के गौरीबाजार क्षेत्र के सोहसा गांव में स्थित श्री ठाकुर जी कुटी का है। कुटी पर भगवान की सेवा करते-करते एक सन्यासी ने ठाकुर जी के नाम से करौंदी गांव में स्थित संपत्ति को अपने नाम से करा लिया है। फर्जीवाड़े का पता चलने के बाद महंत को कुटी की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है, लेकिन वह अब भी कुटी पर कब्जा जमाए बैठा है।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
सोहसा गांव के निवासी पौहारी राय ने बताया कि उनके गांव के ही श्रवण साधु ने 30 नवंबर 1972 को अपनी सारी चल-अचल संपत्ति श्री ठाकुर जी कुटी के नाम दान कर दी थी। इसके लिए बाकायदा दान पत्र लिखा गया था। कुटी के रखरखाव और ठाकुर जी के देखभाल की जिम्मेदारी महंत श्री वैष्णव दास त्यागी को दी गई थी। उनके जिम्मे कुशीनगर जनपद की मुंडेरा रतन पट्टी और अयोध्या में भी मंदिर हैं। वह हर मंदिर पर मौजूद नहीं रह सकते थे, इसलिए उन्होंने समय-समय पर सोहसा श्री ठाकुर जी कुटी पर अपने उत्तराधिकारी महंत की नियुक्ति की।
प्रॉपर्टी पर अपना नाम दर्ज कराया
राजस्व विभाग के अभिलेखों में समय-समय पर ठाकुर जी कुटी पर रह रहे महंत के नाम संपत्ति के केयरटेकर के रूप में जुड़ते रहे। ठाकुर जी कुटी के नाम सोहसा और करौंदी दो गांव में संपत्ति है। पौहारी राय ने बताया कि सोहसा में कुटी की संपत्ति पर अब भी ठाकुर जी का नाम दर्ज है, लेकिन करौदी में करीब डेढ़ हेक्टेयर भूमि पर महंथदास उर्फ धर्मदास ने अपना नाम करा लिया है।
मंदिर की जिम्मेदारी से मुक्त किया
इसकी जानकारी होने पर लोगों ने मंदिर के मुख्य पुजारी से इसकी शिकायत की। उन्होंने महंथदास उर्फ धर्मदास उर्फ बलिराम दास को सोहसा ठाकुर जी कुटी की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है। लेकिन वह अब भी कुटी पर कुंडली जमाए बैठा है। इस फर्जीवाड़े का पता चलने के बाद ग्रामीण चिंतित हैं। उनका कहना है कि महंत दास कुटी की संपत्ति को औने-पौने दाम में बेच सकता है।
जांच कर हो कार्रवाई
अपनी बात रखते हुए पौहारी राय ने कहा कि कुटी की संपत्ति पर सिर्फ श्री ठाकुर जी का नाम होना चाहिए। लेकिन साल 1972 से 2022 तक जितने भी महंत यहां नियुक्त हुए, सबके नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज होते चले गए। इससे संपत्ति पर एकाधिकार का खतरा बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह से इस पूरे मामले की गहनता से छानबीन कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है।
मनमानी करता रहा महंत
आरोपी साधु महंथदास उर्फ धर्मराज पर पहले भी मनमानी के आरोप लगते रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि करौदी में स्थित कुटी की उपजाऊ जमीन को महंत ने बिना सोचे समझे ईंट-भट्ठों के हवाले कर दिया। अब इस जमीन में गहरे गड्ढे हैं, खेत की उर्वरता खत्म हो गई है। अब उसे खेती योग्य बनाना मुश्किल होगा। महंथदास इससे पहले कुशीनगर की रतन पट्टी मंदिर पर भी नियुक्त था और वहां भी उस पर मंदिर की संपत्ति पर एकाधिकार जमाने के आरोप लगे थे। अपनी जरूरतों के मुताबिक महंत कुटी की जमीनों को बंधक रखकर पैसे लेने से भी नहीं हिचकता है।