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Noida Supertech Twin Towers demolition : वाटरफॉल इंप्लोजन तकनीक से चंद सेकेंड में जमींदोज हुए 100 मीटर ऊंचे सुपरटेक ट्विन टावर्स, मलबा हटाने में लगेगा 3 महीने

Noida News : नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) को रविवार दोपहर गिरा दिया गया। अवैध रूप से निर्मित इस ढांचे को ध्वस्त करने के उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) के आदेश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई।

लगभग 100 मीटर ऊंचे टावर को विस्फोट कर चंद सेकेंड में धराशायी कर दिया गया। दिल्ली की प्रतिष्ठित कुतुब मीनार (73 मीटर) से ऊंचे गगनचुंबी ट्विन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से गिराया गया। टावर गिराए जाने के कुछ मिनट बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित नजर आईं। विस्तृत सुरक्षा ऑडिट बाद में किए जाने की संभावना है।

सबसे ऊंचे टावर थे
ट्विन टावर भारत में अब तक ध्वस्त की गई सबसे ऊंचे ढांचे थे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगे नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के भीतर 2009 से ‘एपेक्स’ (32 मंजिल) और ‘सियान’ (29 मंजिल) टावर निर्माणाधीन थे।

3700 किलो विस्फोटक लगा

इमारत गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया। ट्विन टावर में 40 मंजिलें और 21 दुकानों समेत 915 आवासीय अपार्टमेंट प्रस्तावित किए गए थे।

तीन महीने का समय लगेगा

दोनों टावर को गिराए जाने से पहले इनके पास स्थित दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के करीब 5,000 लोगों को वहां से हटा दिया गया। इसके अलावा, करीब 3,000 वाहनों और बिल्ली तथा कुत्तों समेत 150-200 पालतू जानवरों को भी हटाया गया। अनुमान के मुताबिक, ट्विन टावर को गिराने के बाद इसके 55 से 80 हजार टन मलबा हटाने में करीब तीन महीने का समय लगेगा।

नियमों का उल्लंघन बताया था

बताते चलें कि उच्चतम न्यायालय ने अगस्त 2021 में ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी परिसर के बीच इस निर्माण को नियमों का उल्लंघन बताया था।

गिराने का कार्य सौंपा गया था

मुंबई की एडिफिस इंजीनियरिंग को 28 अगस्त को लगभग 100 मीटर ऊंचे ट्विन टावर को सुरक्षित रूप से गिराने का कार्य सौंपा गया था। कंपनी ने इस जोखिम भरे काम के लिए दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमॉलिशन्स के साथ एक करार किया था। शीर्ष न्यायालय ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) को परियोजना के लिए तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया था।

‘इंप्लोजन तकनीक’ के माध्यम से अंजाम दिया गया था

एडिफिस इंजीनियरिंग और जेट डिमॉलिशन्स ने इससे पहले 2020 में कोच्चि (केरल) स्थित मराडू कॉम्प्लेक्स को ढहाया था, जिसमें 18 से 20 मंजिलों वाले चार आवासीय भवन थे। वर्ष 2019 में जेट डिमॉलिशन्स ने जोहानिसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में बैंक ऑफ लिस्बन की 108 मीटर ऊंची इमारत को ढहाया था, जिसके 8 मीटर के दायरे में कई भवन थे। इमारतों को ध्वस्त किये जाने की इन दोनों ही प्रक्रियाओं को ‘इंप्लोजन तकनीक’ के माध्यम से अंजाम दिया गया था।

26 अधिकारियों, कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई

ट्विन टावर्स प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद सीएम ने वर्ष 2004 से 2014 के मध्य के इस मामले की गहन जांच कराई। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सितम्बर, 2021 में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में 04 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण में संलिप्त 26 अधिकारियों, कर्मचारियों, सुपरटेक लिमिटेड के निदेशक एवं वास्तुविद के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।

एफआईआर दर्ज कराई

नोएडा प्राधिकरण ने अक्टूबर, 2021 में सतर्कता अधिष्ठान, लखनऊ में प्राधिकरण के संलिप्त अधिकारियों, सुपरटेक लिमिटेड के निदेशक तथा आर्किटेक्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। साथ ही, प्राधिकरण ने जिला न्यायालय गौतमबुद्ध नगर में प्राधिकरण कर्मियों तथा सुपरटेक लिमिटेड के विरुद्ध अभियोजन की कार्रवाई के लिए वाद भी दाखिल किया है। मामले में संलिप्त ऐसे 04 अधिकारी, जो वर्तमान में अलग-अलग प्राधिकरणों में कार्यरत थे, को निलम्बित करते हुए शासन ने उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

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