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सामाजिक क्रांति शिक्षा के बगैर संभव नहीं : सीएम योगी आदित्यनाथ

संबोधित करते धर्मेंद्र प्रधान

Gorakhpur News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आज गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 89वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत तमाम गणमान्य उपस्थित रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि शिक्षा सामाजिक रूढ़ियों पर प्रहार करने का माध्यम है। सामाजिक क्रांति शिक्षा के बगैर संभव नहीं है। गोरक्षपीठ ने सदैव उन रूढ़ियों का विरोध किया है, जो सामाजिक एकता में बाधक रही हैं। गोरक्षपीठ ने शिक्षा को सर्वांगीण विकास का माध्यम बनाने के लिए ही महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की।

अच्छा फल प्राप्त होगा

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने आगे कहा, हमारा धर्म हमें सिर्फ उपासना तक सीमित नहीं रखता। हमारा दर्शन धर्म की व्याख्या विराट रूप में करता है। भारतीय मनीषा ने सिर्फ उपासना विधि को संपूर्ण धर्म नहीं माना। धर्म अभ्युदय अर्थात सर्वांगीण विकास का मार्ग है। यह संस्कारित उत्कर्ष का महत्वपूर्ण पहलू है। अभ्युदय चार पुरुषार्थों- धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष पर निर्भर करता है। अच्छा कार्य करेंगे तो अच्छा फल प्राप्त होगा। बुरा करेंगे तो उसके पाप से कोई वंचित नहीं कर पाएगा। व्यक्ति को उसके पुण्यों से कोई रोक नहीं सकता और उसके पाप से कोई वंचित नहीं कर सकता। इसे ध्यान में रखकर कर्म किये जाने पर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता हमें प्राप्त होते हुए दिखाई देगी।

सीमित नहीं होना चाहिए

मुख्यमत्री योगी ने कहा कि धर्मस्थलों का स्वरूप सिर्फ पूजा के स्थलों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे नेतृत्व करते दिखाई देना चाहिए। गोरक्षनाथ पीठ के संतों-महंतों का यही ध्येय रहा। गोरक्षनाथ पीठ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के जरिये शिक्षा, स्वास्थ्य, आरोग्यता और समाज सेवा को समर्पित है। युगपुरुष महंत दिग्विजयनाथ जी ने वर्ष 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की। साथ ही, आजादी के बाद देश के नागरिक का स्वरूप क्या हो, इसी को ध्यान में रखकर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का नामकरण महानायक महाराणा प्रताप के नाम पर किया।

नवीनतम रूप है

उन्होंने आगे कहा, जब भी देश में आत्म बलिदान, शौर्य व पराक्रम की चर्चा होती है, तब महाराणा प्रताप के प्रति प्रत्येक भारतीय के मन में श्रद्धा का भाव देखने को मिलता है। महाराणा प्रताप ने स्वदेश और स्वाभिमान से बढ़कर कुछ नहीं माना। उनके नाम पर स्थापित यह शिक्षा परिषद राष्ट्रीयता से ओतप्रोत प्राचीन गुरुकुल पद्धति का नवीनतम रूप है।

तैयारी में जुट जाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की प्रेरणा से देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New Education Policy) को लागू किया जा रहा है। हर एक संस्था को चाहिए कि वह भारत व प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप इस नीति को लागू करने के लिए कार्य योजना बनाए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के जब तक परिणाम आएंगे, तब तक महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा। परिषद से जुड़ी सभी संस्थाएं इसके परिणामों से खुद को जोड़ने की तैयारी में जुट जाएं।

कल्पना नहीं कर सकता

सीएम ने आगे कहा, समाज में समृद्धि के लिए सभ्यता और संस्कार आवश्यक है। शिक्षा के बिना कोई भी समाज सभ्य और संस्कारयुक्त होने की कल्पना नहीं कर सकता। वर्ष 1932 में जब युगपुरुष महंत दिग्विजयनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की नींव रखी होगी तो उनके मन में यही भाव रहा होगा कि आजाद भारत के नागरिकों का स्वरूप क्या हो। आज परिषद की संस्थाएं उनके भाव का साकार रूप में प्रतिनिधित्व कर रहीं।

कार्य कर रहे हैं

इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारत के शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा, गोरक्षनाथ पीठ की यह परम्परा रही है। समाज में जब-जब विपरीत परिस्थितियां आयीं हैं, उस समय समाज को जागृत करते हुए उसे खड़ा करने का कार्य किया। यह कार्य पूज्य दिग्विजयनाथ जी ने किया। आजादी के बाद की भविष्य की पीढ़ी को भी तैयार करने के लिए पूज्य दिग्विजयनाथ जी ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की। केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत ने हमेशा विश्व कल्याण की कामना की है। इसके लिए हम सभी भारत को विश्व का अग्रणी राष्ट्र बनाने के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रहे हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस सम्बन्ध में विचार दे रही है।

भावभीनी श्रद्धांजलि दी

सीएम योगी और केन्द्रीय मंत्री प्रधान ने इस अवसर पर दिवंगत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, जनपद आगरा निवासी विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान सहित हेलीकॉप्टर क्रैश दुर्घटना में दिवंगत हुए सैन्यकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे देवरिया के निवासी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की भी कामना की।


इस अवसर पर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष पूर्व कुलपति प्रो उदय प्रताप सिंह, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर के  कुलपति प्रो जेपी पाण्डेय, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, गोरखपुर के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल बाजपेयी, जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, महापौर सीताराम जायसवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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