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Purvanchal Expressway का बक्सर तक होगा विस्तार : 618 करोड़ रुपये की मंजूरी, चंद घंटों में पहुंचेंगे दिल्ली से बिहार

Uttar Pradesh : केंद्र सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway) को बिहार के बक्सर (Buxar) तक बढ़ाने की स्वीकृति दे दी है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (Minister of Road Transport & Highways) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इस एक्सटेंशन के लिए 618 करोड रुपये की मंजूरी दे दी है। 2 साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा। इसके बाद दिल्ली और लखनऊ से पटना का सफर आसान हो जायेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर वाहनों की संख्या बढ़ने से टोल कलेक्शन भी बढ़ेगा।

बीते दिनों इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में 618 करोड रुपए की लागत से 17 किमी लंबाई के फोरलेन ग्रीनफील्ड बक्सर लिंक एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway- Buxar Link Greenfield Highway) की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह उत्तर प्रदेश सरकार के बनाए गए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को लखनऊ से बिहार तक जोड़ेगा।

समूचे क्षेत्र का विकास होगा
उन्होंने कहा कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट का काम शुरू होगा। इसकी समय अवधि 2 वर्ष रखी गई है। NH-31 के गाजीपुर-बलिया-मांझी घाट और बक्सर लिंक एक्सप्रेसवे को चार पैकेज में ग्रीनफील्ड फोरलेन बनाया जा रहा है। इसके बनने से समूचे क्षेत्र का विकास होगा। इससे पहले एक्सप्रेसवे फेज वन में हृदयपुर से शाहपुर खंड के फोरलेन निर्माण के लिए 1706.41 करोड रुपए की स्वीकृति मिल चुकी है। केंद्रीय राजमार्ग मंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। लखनऊ में आयोजित सड़क कांग्रेस अधिवेशन के दौरान उनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस बारे में चर्चा भी हुई थी।

नवंबर 2021 में हुआ था
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन नवंबर 2021 में हुआ था और इसे उत्तर प्रदेश सरकार की पूरी की गई सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक माना जाता है। 341 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे लखनऊ जिले के लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर स्थित चंदसराय गांव से शुरू होकर राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर गाजीपुर जिले में हैदरिया गांव में समाप्त होता है।

इन जिलों से गुजरा है एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे यूपी के लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुलतानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, आजमगढ, मऊ और गाजीपुर को जोड़ता हुआ गुजरा है। एक्सप्रेसवे ने लखनऊ से गाजीपुर के बीच यात्रा के समय को 6 घंटे से घटाकर 3.5 घंटे कर दिया है। उम्मीद है कि बक्सर के साथ एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी उत्तर प्रदेश से बिहार के कई शहरों तक यात्रा के समय को कम करने में मदद करेगी और आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।

1 मई से शुरू हुआ टोल कलेक्शन
लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ने वाले पूर्वांचल के प्रमुख पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर 1 मई, 2022 से टोल टैक्स लगना शुरू हो गया है। यूपीडा के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी (Awanish Kumar Awasthi) ने एक्सप्रेस-वे पर विधिवत हवन-पूजन के बाद टोल कलेक्शन का कार्य शुरू कराया था। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर ’लखनऊ से गाजीपुर’ तक विभिन्न वाहनों के लिए वर्ष 2022-23 के लिये टोल दरें (25 प्रतिशत की छूट के साथ) निर्धारित की गयी हैं।

इसमें –

-कार, जीप, वैन या हल्के मोटर वाहन के लिए 675 रुपये
-हल्के व्यवसायिक यान, हल्के माल यान या मिनी बसों के लिए 1065 रुपये
-बस या ट्रक के लिए 2145 रुपये
-भारी निर्माण कार्य मशीन (एचसीएम) भू-गतिमान उपस्कर (ईएमआई) या बहुधुरीय यान (एमएवी) (3 से 6 धुरीय) के लिए 3285 रुपये तथा
-विशाल आकार यान (ओवरसाइज्ड वेहिकल) (7 या अधिक धुरीय) के लिए 4185 रुपये होगी।

12 पेट्रोलिंग वाहन तैनात हैं
यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर स्थापित टोल प्लाजाओं के संचालन,टोल कलेक्शन तथा 6 एम्बुलेंस व 12 पेट्रोलिंग वाहन (आवश्यक कार्मिकों सहित) उपलब्ध कराए जाने के लिए चयनित एजेंसी को मंत्री परिषद द्वारा अनुमोदन पहले ही दिया जा चुका है। राज्य सरकार को टोल वसूली से राजस्व प्राप्त होने के साथ-साथ वाहनों एवं यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर उन्हें त्वरित चिकित्सा सुविधा भी प्राप्त हो सकेगी। इस निर्णय से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

कैबिनेट ने दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद (UP Cabinet) ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) पर स्थापित टोल प्लाजा, टोल कलेक्शन तथा 6 एम्बुलेन्स व 12 पेट्रोलिंग वाहन (आवश्यक कार्मिकों सहित) उपलब्ध कराये जाने के लिए उच्चतम वित्तीय निविदा प्रस्तुत करने वाले निविदाकर्ता, मेसर्स प्रकाश एसफाल्टिंग्स एण्ड टोल हाइवेज इण्डिया लिमिटेड को 2 अरब 22 करोड़ रुपये (जीएसटी सहित) प्रथम वर्ष में यूपीडा को भुगतान किये जाने को मंजूरी दी है।

ये हैं शर्तें
प्रथम वर्ष के पश्चात अनुबन्ध की शेष अवधि तक (अनुबन्ध की कुल अवधि- दो वर्ष एवं प्राधिकरण द्वारा अधिकतम 6 माह के विस्तार सहित) 10 प्रतिशत प्रति वर्ष की वृद्धि सहित चयनित किये जाने, यूपीडा द्वारा उन्हें ‘लेटर ऑफ अवार्ड’ जारी करने व उनके साथ अनुबन्ध करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से राज्य, केन्द्र सरकार पर कोई व्ययभार सम्भावित नहीं है।

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