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यूपी : ‘स्कूल चलो अभियान’ से बदला प्रदेश में शिक्षा का स्तर, योगी सरकार ने किया कमाल, आंकड़ों से समझें

Uttar Pradesh : सब पढ़ें, सब बढ़ें। शिक्षा विकास की कुंजी है। कोई न छूटे इस बार, शिक्षा है सबका अधिकार, घर-घर दीप जलाओ अपने बच्चे सभी पढ़ाओ, पढ़ेंगे पढ़ायेंगे उन्नत देश बनायेंगे, एक भी बच्चा छूटा, संकल्प हमारा छूटा, पढ़ी लिखी नारी घर की उजियारी, आदि नारों से सुसज्जित स्कूल चलो अभियान शुरू हो गया है। इसके तहत नजदीकी प्राथमिक विद्यालयों में पंजीकरण कराया जा रहा है।

इस अभियान के तहत प्राइमरी, बेसिक शिक्षा के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, ग्राम प्रधान, विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों द्वारा घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक किया जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर तरह की सुविधायें दे रहे हैं। लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष स्कूल चलो अभियान चला रहे हैं। प्रदेश में 4 अप्रैल, 2022 से 30 अप्रैल, 2022 तक स्कूल चलो अभियान कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 4 अप्रैल, 2022 को श्रावस्ती से ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

आंकड़े बोलते हैं
इस अभियान के कारण विगत शैक्षिक सत्रों में परिषदीय विद्यालयों में छात्र नामांकन में पर्याप्त वृद्धि हुयी है, जिसमें शैक्षिक सत्र 2016-17 में 15231268 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ था। वहीं वर्ष 2017-18 में 15367206, साल 2018-19 में 15892722, वर्ष 2019-20 में 16012684, साल 2020-21 में 16632987 एवं 2021-22 में 17354636 का नामांकन हुआ।

1.33 लाख विद्यालयों को मिली सुविधा
प्रदेश में शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत ऑउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हांकन कर विद्यालयों में नामांकन किया जा रहा है। जिसमें अध्यापक, ग्राम प्रधान एवं विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों का सहयोग लिया जा रहा है। ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत प्रदेश के 1.33 लाख स्कूलों को बुनियादी अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किया जा रहा है।

निःशुल्क पाठ्यपुस्तक एवं कार्यपुस्तिका दी जा रही है
प्रदेश में कक्षा 1-8 में अध्ययनरत राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्यनरत समस्त छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में निःशुल्क यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा एवं स्कूल बैग की धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तान्तरित किये जाने की व्यवस्था लागू है। समस्त राजकीय, परिषदीय, सहायतित विद्यालयों एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्यनरत कक्षा-1 से 8 तक के समस्त बालक, बालिकाओं को निःशुल्क पाठ्यपुस्तक एवं कार्यपुस्तिका वितरण किया जा रहा है।

जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है
प्रदेश में प्री-प्राइमरी पर समुदाय जागरूकता के लिए हमारा-आंगन-हमारे बच्चे, विकास खण्ड स्तरीय कार्यक्रम, संचालित किया जा रहा है। प्रदेश के सभी विद्यालयों में बच्चों में बुनियादी भाषा एवं गणित में कौशल विकास के लिए निपुण भारत मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को आकर्षित करने के लिए खेलकूद सामग्री, तथा बच्चों को रूचिकर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से पुस्तकालय की पुस्तकों एवं गणित किट उपलब्ध करायी गयी है।

दिव्यांग बच्चों के लिए है तैयारी
प्रदेश में 6-14 उम्र वर्ग के समस्त दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापरक समावेशी शिक्षा प्रदान की जा रही है। दृष्टि दिव्यांग बच्चों के लिए बेल पाठ्यपुस्तकें तथा अल्प दृष्टि दिव्यांग बच्चों के लिए इंलार्ज पाठ्यपुस्तकों की व्यवस्था की गयी है। गम्भीर रूप से दिव्यांग बालिकाओं के लिए स्टाइपेन्ड दिया जा रहा है। कक्षा 1 से 3 में अध्यनरत समस्त दिव्यांग बच्चों को हिन्दी भाषा एवं गणित विषय की सुगम्य वर्कशीट्स का वितरण किया गया है।

आत्मरक्षा के गुर सिखाए
छात्र-छात्राओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया गया। मिशन शक्ति के अंतर्गत बालिकाओं की शिक्षा, सशक्तीकरण एवं स्वालम्बन की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, जिससे बालिकाओं में आत्म विश्वास आ रहा है।

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