Uttar Pradesh : कासगंज सदर कोतवाली में अल्ताफ नामक व्यक्ति की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश शासन (UP Government) ने सख्त एक्शन लिया है। लापरवाही बरतने के आरोप में सदर कोतवाली एसएचओ और चार अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही राज्य सरकार ने पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। आगरा जोन के एडीजी राजीव कृष्णा ने इस संबंध में थोड़ी देर पहले जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अल्ताफ को एक लड़की के गायब होने के मामले में नामजद बनाया गया था। पुलिस ने उसी केस में पूछताछ के लिए उसे हिरासत में लिया था। वहीं अल्ताफ ने आत्महत्या का प्रयास किया। उसने अपने नाड़े से ही फांसी लगा ली। जानकारी होने पर पुलिस उसे तुरंत लेकर अस्पताल पहुंची, जहां 15-20 मिनट तक उसका इलाज किया गया। मगर उसे नहीं बचाया जा सका। राज्य सरकार ने घटनाक्रम के मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया है। फिलहाल लापरवाही बरतने के आरोप में एसएचओ समेत 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
हमलावर है विपक्ष
इस घटनाक्रम के बाद से ही कांग्रेस, सपा और बसपा योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) पर हमलावर हैं। कांग्रेस का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज पीड़ित परिवार से मिलने कासगंज जाएगा। वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने भी राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया।
जांच कराए सरकार
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है। लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है। इस मामले में इंसाफ़ व भाजपा के राज में पुलिस में विश्वास की पुनर्स्थापना के लिए न्यायिक जाँच होनी ही चाहिए।
विफल साबित हो रही सरकार
बसपा प्रमुख ने कहा, कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत अति-दुखद व शर्मनाक है। सरकार घटना की उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषियों को सख़्त सजा दे तथा पीड़ित परिवार की मदद भी करे। यूपी सरकार आए दिन कस्टडी में मौत रोकने व पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है। यह अति-चिन्ता की बात है।