Uttar Pradesh : भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहां कृषि की विभिन्न मौसमी व बारहमासी फसलों में लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी रहती है। कृषि से उसे रोजगार मिलता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास में कृषि की सफलता देश को आर्थिक प्रगति के मार्ग की तरफ अग्रसर करती है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में भी कृषि क्षेत्र का लगभग 20 प्रतिशत योगदान है। देश के विकास में चल रही योजनाओं की सफलता में भी कृषि का योगदान होता है।
किसानों के हित में प्रदेश सरकार अनेक कल्याणकारी एवं फसलोत्पादन में लाभकारी योजनायें संचालित कर उनकी आय दोगुनी करने में भरपूर सहयोग दे रही है। किन्तु यदि अधिक वर्षा, आंधी, तूफान, पाला, बर्फबारी, ओले, कीट, फसल रोग, आग आदि दैवी आपदा आ गई और फसल नष्ट हुई तो किसान की पूरी मेहनत-लागत बर्बाद हो जाती है। ऐसी स्थिति में किसान सड़क पर आ जाता है।
ग्राम पंचायत स्तर पर लागू है
इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए किसानों की आपदा के दौरान नष्ट हुई फसल की क्षतिपूर्ति करने और किसानों को सम्बल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) का जनवरी 2016 से शुभारम्भ किया है। इस योजना के लागू होने से किसानों को बड़ी राहत मिली है। जो किसान ऋण, उधार पैसे लेकर खेती में लगाते थे, उन्हें इस योजना से बड़ा फायदा हो रहा है। उनकी आय में स्थायित्व भी आ रहा है। भारत सरकार की यह योजना उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर लागू है।
इतना प्रीमियम देना होगा
इस योजना में ऋणी कृषक अनिवार्य रूप से तथा अन्य कृषक स्वैच्छिक आधार पर सम्मिलित किये गये हैं। बीमित राशि को फसल के उत्पादन लागत के बराबर जनपद स्तर पर अधिसूचित किया गया है। सभी फसलों के लिए वास्तविक प्रीमियम दर लागू किये गये हैं। प्रीमियम मद में कृषक की देयता को खरीफ फसल में अधिकतम 2 प्रतिशत तथा रबी फसल में अधिकतम 1.5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
5 प्रतिशत देना होगा
नकदी व औद्यानिकी फसलों के लिए प्रीमियम मद में कृषक की देयता अधिकतम 5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। कृषक द्वारा वहन किये जाने वाले प्रीमियम अंश से अधिक व वास्तविक प्रीमियम दर में अन्तर की समस्त धनराशि को अनुदान के रूप में केन्द्र व राज्य द्वारा बराबर वहन किया जाता है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में फसल की उत्पादन लागत के अनुरूप बीमित राशि निर्धारित की गई है।
प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ सभी इच्छुक एवं जरूरतमंद किसानों तक पहुंचाते हुए क्षतिपूर्ति की धनराशि समय से उपलब्ध कराई जा रही है।
- -इस योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 के खरीफ सीजन 2017 में 25.81 लाख बीमित कृषकों ने 23.83 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया। इसमें से योजना के प्राविधानों के अनुरूप 4.01 लाख कृषकों को 244.86 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया।
- -रबी 2017-18 में योजनान्तर्गत 28.39 लाख बीमित कृषकों ने 23.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया। इसमें से 1.88 लाख कृषकों को 129.12 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया।
- -वर्ष 2018-19 में खरीफ 2018 में योजना के अंतर्गत 31.69 लाख बीमित कृषकों ने 27.41 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया। इसमें से योजना के प्राविधानों के अनुरूप 5.69 लाख कृषकों को 434.27 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की गई।
- -रबी 2018-19 में 29.66 लाख बीमित कृषकों द्वारा 24.26 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया। इसमें से 0.38 लाख कृषकों को 18.39 करोड़ की क्षतिपूर्ति हुई।
- -इस योजना के तहत वर्ष 2019-20 के खरीफ 2019 में 23.89 लाख बीमित कृषकों ने 18.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा कराया। इसमें 6.28 लाख कृषकों को 813.88 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति हुई।
- -रबी 2019-20 में 23.32 लाख बीमित कृषकों द्वारा 18.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया। इसमें 3.41 लाख कृषकों को 279.50 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया।
- -वर्ष 2020-21 के खरीफ 2020 में पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत 22.18 लाख बीमित कृषकों ने 16.88 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बीमा कराया। जिसमें से 4.18 लाख कृषकों को माह अक्टूबर, 2021 तक 297.89 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जा चुका है।
- -रबी 2020-21 में 19.87 लाख बीमित कृषकों द्वारा 14.77 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया। 31 अक्तूबर 2021 तक 2.10 लाख कृषकों को 192.44 करोड़ की क्षतिपूर्ति की गई है।
- -वर्ष 2021-22 के खरीफ सीजन 2021 में योजनान्तर्गत 21.60 लाख कृषकों ने 15.61 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया। इस प्रकार अद्यतन अक्टूबर, 2021 तक कुल 226.41 लाख बीमित कृषकों ने 182.98 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया। जिसमें 27.59 लाख कृषकों को 2410.35 करोड़ क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है।