Deoria News : ‘9 अगस्त, 1925, वो तारीख जब क्रांतिकारियों ने उत्तर प्रदेश के काकोरी से गुजरने वाली एक ट्रेन में लूट किया था। मकसद था कि इस लूट से इकट्ठा होने वाले पैसों से हथियार खरीदे जाएं और भारत पर कब्जा करने वाले अंग्रेजों के खिलाफ उनका इस्तेमाल किया जाए। अंग्रेजों ने इसे डकैती का नाम दिया और इसमें शामिल राष्ट्रनायकों को अपराधी करार दिया।’
काकोरी कांड के नाम से जाना गया
यह बातें देवरिया सदर सीट से विधायक शलभ मणि त्रिपाठी (Shalabh Mani Tripathi) ने भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा रामलीला मैदान शहीद स्मारक पर काकोरी एक्शन वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में काकोरी के नायकों को पुष्पांजलि कर नमन करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि ट्रेन लूट की इस घटना को इतिहास में काकोरी कांड के नाम से जाना गया।
काकोरी ट्रेन एक्शन कहा
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस घटना के नाम में बदलाव किया। पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार ने काकोरी कांड का नाम बदलकर काकोरी ट्रेन एक्शन कहा। भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार को काकोरी कांड का नाम को बदलने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि उसमें ‘कांड’ शब्द जुड़ा हुआ था। भाजपा सरकार का मानना है कि कांड शब्द स्वतंत्रता संग्राम के लिए हुई इस घटना में अपमान की भावना को दिखाता है। इसलिए इसका नाम बदला गया।
राष्ट्रनायकों को अपराधी बताया था
भाजपा विधायक ने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत ने इस घटना को डकैती बताकर राष्ट्रनायकों को अपराधी बताया था। उन्हें इसके लिए दंडित भी किया था। जबकि हम भाजपा के कार्यकर्ता इसे शौर्य का प्रतीक मानते हैं। वो गर्व के पल थे और यह दिन उस घटना में शहीद क्रांतिकारियों के सम्मान का दिन है। इस घटना को अंजाम देने वालों में राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान, राजेंद्र लाहिड़ी, केशव चक्रवर्ती, मुकुंदी लाल, बनवारी लाल सहित 10 क्रांतिकारी शामिल थे। भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ से उन सभी वीर क्रांतिकारियों को नमन करते हैं।
ये रहे मौजूद
इस दौरान जितेंद्र सिंह, अरविन्द पाण्डेय, संजय राव, शैलेन्द्र सिंह, अम्बिकेश पाण्डेय, गिरिजेश मणि, मनीष पाण्डेय, आदित्य पाण्डेय, विकास दूबे, नीलरतन, शुभम मणि, गौरव दूबे, राजेश, विनोद, रघुवंश आदि रहे।