Deoria News : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) ने बुधवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि देवरिया देवभूमि है, यहां के कार्यकर्ता भी महान तपस्वी हैं। पूज्य देवरहवा बाबा के तप की पुण्य भूमि, अमर शहीद रामचंद्र विद्यार्थी की जन्म स्थली, रामायण-महाभारत के साक्षी बसुधा देवरिया की पुण्य भूमि को प्रणाम करता हूं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “आज मैं एक ऐसे व्यक्तित्व डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Syama Prasad Mukherjee) के जन्म जयन्ती के अवसर पर देवरिया आया हूँ, जिसके जीवन से हमें पता चलता है कि व्यक्ति कैसे महान होता है। महान की यात्रा कैसे शुरू होती है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पहचान ऐसी थी कि उन्होंने कुलपति बनने के बाद पहली बार दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करने के लिये गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर को बुलाया। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का कार्यकर्ताओं से हमेशा कहना था कि सेवा और बलिदान से ही राष्ट्र को मजबूत किया जा सकता है।”
कथन को सत्य कर रही है
प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 121वीं जयन्ती पर भाजपा देवरिया द्वारा टाउन हॉल सभागार में “डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी-व्यक्तित्व एवं कृतित्व” पुस्तिका के विमोचन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जनसंघ के बढ़ते राष्ट्रवादी विचारधारा से घबराकर एक बार नेहरू ने कहा कि मैं जनसंघ को कुचल दूंगा। तब मुखर्जी ने कहा था कि मैं अपने कार्यकर्ताओं के मेहनत, त्याग, तपस्या, सेवा और बलिदान से नेहरू के देश विरोधी विचारों को कुचल दूंगा। 3 सांसदों वाली पार्टी आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 300 सांसदों वाली पार्टी बनकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के उस कथन को सत्य कर रही है। आज देश से कांग्रेस का अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका है। आज उस महान राष्ट्रवादी विचारधारा के पुरुष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 121वीं जयन्ती पर उनको नमन करता हूँ।
सरकार ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान नही चलेंगे के नारे को लेकर जो संघर्ष करते हुये डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने प्राणों की आहुति दी, आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त कर भाजपा की सरकार ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने हमेशा अपने विचारधारा को प्राथमिकता दी, इसके लिये उन्होंने अपना पूरा जीवन लगा दिया।
अपना सर्वस्व लगाया है
उन्होंने कहा कि आज बंगाल और पंजाब भारत के हिस्से हैं, तो उन्हीं की देन है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के शिल्पी डॉ. मुखर्जी यह मानते थे कि विकास में जनभागीदारी के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता है। डॉ. मुखर्जी ने सत्ता की लालसा को नहीं, बल्कि राष्ट्र के पुनर्निमाण को लेकर अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनके विचारों से प्राप्त मार्गदर्शन से हमने देश की एकता और अखंडता के लिये अपना सर्वस्व लगाया है और हम उनमें सफल हुये हैं।
राष्ट्र को समर्पित कर दिया था
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और देवरिया के सांसद डॉ रमापति राम त्रिपाठी (Dr Ramapati Ram Tripathi) ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जन्म से कुशाग्र बुद्धि के थे। डॉ. मुखर्जी शिक्षा और शिक्षण दोनों में हमेशा श्रेष्ठ स्थान प्राप्त किये। उन्होंने अपना पूरा जीवन बिना किसी स्वार्थ के राष्ट्र को समर्पित कर दिया था।
जगाने का काम किया
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi ) ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी असाधारण प्रतिभा के धनी थे। मात्र 31 वर्ष की उम्र में कलकत्ता विश्वविद्यालय के वे ऐसे कुलपति थे, जिसके पिता और पुत्र दोनों क्रमशः कुलपति बने थे। इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि वे किस स्तर के विद्वान व्यक्ति थे। राष्ट्रवादी विचारधारा से हमेशा ओतप्रोत रहने वाले डॉ. मुखर्जी ने पूरे जीवन राष्ट्रवाद की विचारधारा को लोगों में जगाने का काम किया।
संचालन जिला महामंत्री प्रमोद शाही ने किया
क्षेत्रीय अध्यक्ष भाजपा डॉ धर्मेन्द्र सिंह ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। पुस्तिका विमोचन कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष अंतर्यामी सिंह ने तथा संचालन जिला महामंत्री प्रमोद शाही ने किया। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष गिरीश तिवारी, पूर्व मंत्री व विधायक जयप्रकाश निषाद, विधायक दीपक मिश्रा शाका, विधायक सुरेन्द्र चौरसिया, एमएलसी डॉ. रतनपाल सिंह, विधायक शलभ मणि त्रिपाठी, जिला प्रभारी सुनील गुप्ता, नगर पालिका अध्यक्ष अलका सिंह, पूर्व एमएलसी महेन्द्र यादव उपस्थित रहे।
ये रहे मौजूद
भव्य आयोजन में विजय कुमार दूबे, मारकंडेय शाही, छठठेलाल निगम, हरिचरन कुशवाहा, अरुण सिंह, गंगा कुशवाहा, संजय सिंह, अजय शाही, अजय दूबे, उषा पासवान, श्रीनिवास मणि, रविन्द्र कौशल, रमेश सिंह, हेमन्त मिश्रा, महेश मणि, रामाज्ञा चौहान, शिवकुमार राजभर, राजेन्द्र मल्ल, राजेश मिश्रा, अम्बिकेश पाण्डेय, तेजबहादुर पाल, सुनील मिश्रा, मारकंडेय गिरी, जितेंन्द्र प्रताप राव, भूपेंद्र सिंह, अजय उपाध्याय, सीपी सिंह, रामदास मिश्रा, पवन मिश्रा, भारती शर्मा, सीमा जायसवाल, राजन सोनकर, रविपाल, प्रवीण मल्ल, शमसुद्दीन अहमद, संदीप शाही, प्रभाकर राय, पवन गुप्ता, अंकुर राय, नीरज शाही, बृजेश गुप्ता, जितेंन्द्र सिंह, एडवोकेट अमित कुमार दूबे, प्रवीण निखर, राधेश्याम शुक्ला, संजय पाण्डेय, भानु प्रताप सिंह, प्रेम अग्रवाल, अमित मोदनवाल, विष्णु अग्रवाल, दिवाकर मिश्रा, रामधनी गोंड़, गिरिजेश मणि, आशीष गुप्ता, कृष्णानाथ राय, शुभम मणि, राहुल कुमार, अभिषेक और विजय आदि मौजूद थे।