यूपी : सीएम ने माइन मित्रा पोर्टल और ऐप का किया शुभारंभ, जानें गांवों के लिए क्यों है खास

यह सुनिश्चित किया जाए कि आवंटित क्षेत्र के बाहर खनन कार्य कतई न हो, किसी भी दशा में ओवरलोडिंग न हो

उपखनिजों के कृत्रिम अभाव पैदा करने वाले कालाबाजारियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए

जनसामान्य को उचित दर पर उपखनिज उपलब्ध हो, प्रदेश में खनन के व्यवसाय सुगमतापूर्वक हो सके, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित

Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शनिवार, 21 मई को लोक भवन में उत्तर प्रदेश माइन मित्रा पोर्टल (UP Mine Mitra Portal) एवं मोबाइल ऐप (Mobile App) का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में प्रदेश में खनन संबंधी कार्यों में पारदर्शिता आई है। आमजन को सुविधा देने के लिए अभिनव प्रयास किए गए हैं। इस क्रम में ऑनलाइन ई-सेवा के साथ खनन प्रबंधन के लिए शुरू जा रहे एकीकृत पोर्टल ‘माइन मित्रा’ (http://minemitra.up.gov.in/) से खनन व्यवसायियों तथा खनन संबंधी निजी कार्यों के लिए आमजन को सुविधा होगी।

सीएम ने कहा कि खनन कार्य से जुड़े सभी हितधारकों के लिए पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित हो। मूल्य नियंत्रण में रहें। नये व्यवसायियों को बाजार में स्थापित एकाधिकार एवं बंधन से मुक्त कर समान अवसर उपलब्ध हो सके। इस दिशा में सतत प्रयासों के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। पूर्व में छोटे-छोटे कार्यों के लिए अनुमति लेने में लोगों को काफी दिक्कत होती थी। मैन्युअल आवेदनों के कारण भ्रष्टाचार और लेटलतीफी की शिकायतें भी मिलती थीं। ऑनलाइन पोर्टल से आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण हो सकेगा तथा सिस्टम और पारदर्शी होगा।

ऐसे होगा लाभकारी

उन्होंने कहा कि जनसामान्य, किसान, पट्टाधारक, स्टॉकिस्ट, फुटकर विक्रेता, परिवहनकर्ता को खनन कार्यों के लिए विभिन्न अनुमति पत्र प्राप्त करने में ‘माइन-मित्रा’ प्लेटफॉर्म उपयोगी सिद्ध होगा। ‘माइन मित्रा’ पोर्टल पर खनन विभाग की विभिन्न सेवाएं सहज रूप से उपलब्ध हैं। किसी को अपनी निजी भूमि से मिट्टी निकालनी हो, खरीदी गई मिट्टी का परिवहन करना हो, खनिज कार्यों के लिए लीज, परमिट, रजिस्ट्रेशन आदि को इस प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाना लोगों को काफी सहूलियत देने वाला होगा। ईट-भट्ठों का ऑनलाइन भुगतान होने में भी सरलता होगी।

बीच में न लगे पोकलैंड

मुख्यमंत्री ने कहा, “यह सुनिश्चित किया जाए कि आवंटित क्षेत्र के बाहर खनन कार्य कतई न हो। रवन्ना से अधिक खनन न किया जाए। नदी की मुख्यधारा के बीच में पोकलैंड लगाकर खनन कार्य करना, नदी के स्वरूप के साथ खिलवाड़ है। ऐसी गतिविधियों पर कड़ाई से रोक लगाई जाए। किसी भी दशा में ओवरलोडिंग न हो। यह नियमविरुद्ध भी है और दुर्घटनाओं का कारक भी बनता है। इस दिशा में सख्ती की जानी चाहिए। बालू, मोरम, गिट्टी जैसे उपखनिज का आम आदमी से सीधा जुड़ाव है। इनकी कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी न हो। उपखनिजों के कृत्रिम अभाव पैदा करने वाले कालाबाजारियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए।”

पारदर्शिता आएगी

सीएम योगी ने कहा कि जनसामान्य को उचित दर पर उपखनिज उपलब्ध हो और प्रदेश में खनन के व्यवसाय सुगमतापूर्वक हो सकें, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित है। इंटीग्रेटेड माइनिंग सर्विलांस के माध्यम से खनन क्षेत्रों की जियो फेंसिंग, खनिज परिवहन करने वाले वाहनों पर माइन टैग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चेक गेट की व्यवस्था खनन कार्यों को और पारदर्शी बनाने वाली है। बेहतर खनिज प्रबन्धन के माध्यम से राजस्व संग्रह में वृद्धि हुई है। यह प्रयास आगे भी जारी रहना चाहिए। ललितपुर जनपद में रॉक फॉस्फेट, ललितपुर और सोनभद्र में पोटाश और सोनभद्र में लौह अयस्क की प्राप्ति के लिए प्रक्रिया शुरू हो रही है। यह विंध्य और बुंदेलखंड में बड़े निवेश का माध्यम भी बनेगा, रोज़गार का भी सृजन होगा।

ये अफसर रहे मौजूद

इस अवसर पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव परिवहन एल वेंकटेश्वरलू, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, सचिव भूतत्व एवं खनिकर्म रोशन जैकब सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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