Bundelkhand Expressway: पीएम नरेंद्र मोदी 16 जुलाई को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का करेंगे लोकार्पण, जानें क्या कहा

Bundelkhand Expressway: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 16 जुलाई, शनिवार को बहुप्रतीक्षित बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे (Bundelkhand Expressway) का लोकार्पण करने जालौन आएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath), भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, यूपी के विभागीय मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, प्रदेश के मुख्य सचिव और यूपीडा के सीईओ अनीश कुमार अवस्थी पहले ही पीएम की अगवानी की तैयारियों की समीक्षा कर चुके हैं।

बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए बड़ा दिन है
अपने आगमन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल, 16 जुलाई को बुंदेलखंड के क्षेत्र के सभी भाइयों और बहनों के लिए बड़ा दिन है। जालौन जिले में एक कार्यक्रम में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का लोकार्पण किया जाएगा। इस एक्सप्रेस वे के शुरू होने से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और यातायात सुगम होगा।

स्वागत है पीएम
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री कल जालौन में बुंदेलखंड वासियों की आकांक्षाओं को नई ऊंचाई प्रदान करते बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। समग्र विकास के नए आयाम स्थापित करता यह एक्सप्रेसवे नए उत्तर प्रदेश के नए बुंदेलखंड का प्रगति द्वार है। आभार व अभिनंदन प्रधानमंत्री जी।

सुदूर क्षेत्रों को जोड़ेगा
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड (Bundelkhand) के सुदूर क्षेत्र को जोड़ने वाला है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 16 जुलाई को करेंगे। 296 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे अद्वितीय है। 29 फरवरी, 2020 को पीएम ने ही शिलान्यास किया था। इसके उद्घाटन के 28 महीनों के भीतर समय सीमा से पहले इस एक्सप्रेसवे को पूरा कर लिया गया है। इसके निर्माण के लिए 36 महीने का लक्ष्य तय किया गया था। मगर कोविड के खतरे के बावजूद परियोजना को समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है।

उत्तर प्रदेश के 7 जिलों को जोड़ेगा
योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी ई-निविदा के माध्यम से 1,132 करोड़ रुपये की बचत की है, जो अनुमानित लागत का लगभग 12.72% है। इस फोर लेन एक्सप्रेसवे को भविष्य में 6 लेन तक विस्तार दिया जा सकता है। इसमें 13 इंटरचेंज पॉइंट हैं और यह उत्तर प्रदेश के 7 जिलों को जोड़ेगा। ये जिले चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा हैं। प्रधानमंत्री जालौन जिले के गांव कठेरी में एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने जाएंगे।

लखनऊ तक सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा
नए एक्सप्रेसवे का एक अन्य फायदा यह है कि यह इटावा के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ा है। इस तरह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) क्षेत्र को दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ लखनऊ तक सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यमुना एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ता है।

महत्वपूर्ण है
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे राज्य में आगामी रक्षा गलियारे (Defense Corridor) की सफलता के लिए भी महत्वपूर्ण है। बांदा और जालौन जिलों में एक औद्योगिक गलियारे पर भी काम शुरू हो गया है। चित्रकूट में दूसरे छोर पर एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजमार्ग-35 पर समाप्त होगा, जो झांसी को प्रयागराज से जोड़ता है।

औद्योगिक गलियारे के रूप में कार्य करेगा
यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा, “यह नया एक्सप्रेसवे सामाजिक और आर्थिक विकास सहित बुंदेलखंड क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में मदद करेगा और कृषि, पर्यटन तथा उद्योग के क्षेत्रों में आय में वृद्धि करेगा। यह क्षेत्र के लिए दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचने में एक औद्योगिक गलियारे के रूप में कार्य करेगा।

400 करोड़ का निवेश होगा
आगामी रक्षा गलियारे के दो नोड झांसी और चित्रकूट में नए एक्सप्रेसवे के पास आएंगे। पिछले साल 19 नवंबर को, पीएम मोदी ने झांसी में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) इकाई की आधारशिला रखी थी, जहां पहले चरण में 400 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है।

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