Uttar Pradesh : सोशल मीडिया पर राशन कार्ड जमा करने और वसूली को लेकर मचे हाहाकार के बीच यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath) ने स्पष्टीकरण जारी किया है। राज्य सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र राशन कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था भी निर्धारित नहीं की गई है।
साथ ही रिकवरी के सम्बन्ध में शासन स्तर से अथवा खाद्य आयुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश निर्गत नहीं किए गए हैं। यूपी सरकार ने कहा है कि विभाग सदैव पात्र कार्डधारकों को नियमानुसार उनकी पात्रता के अनुरूप नवीन राशन कार्ड निर्गमित करता है। एक अप्रैल, 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.53 लाख नवीन राशनकार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को जारी किए गए हैं।
परिवर्तन नहीं हुआ है
सरकार ने आगे कहा है कि प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने व उनके निरस्तीकरण के सम्बन्ध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है। पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता/अपात्रता के सम्बन्ध में 07 अक्टूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे, जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
आधारहीन प्रचार हो रहा है
वायरल खबर का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने कहा है कि सरकारी योजना के अन्तर्गत आवंटित मकान, विद्युत कनेक्शन, एकमात्र शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटर साइकिल स्वामी, मुर्गी पालन/गोपालन होने के आधार पर किसी भी कार्डधारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है। राशन कार्ड सरेंडर करने जैसी भ्रामक व तथ्यों से परे खबरों का आधारहीन प्रचार हो रहा है।