Uttar Pradesh : सोशल मीडिया (Social Media) पर राशन कार्ड सरेंडर करने और वसूली को लेकर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है। यहां तक कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra), आम आदमी पार्टी और तमाम बड़े नेता सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर योगी सरकार (Yogi Adityanath Government) पर हमला बोल रहे हैं। लेकिन इस खबर की हकीकत कुछ और है।
उत्तर प्रदेश सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड सरेंडर और वसूली से संबंधित कोई आदेश नहीं जारी किया है। इस संबंध में फिलहाल किसी जिला प्रशासन की तरफ से भी कोई आदेश नहीं जारी हुआ है। ऐसे में यह खबर पूरी तरह भ्रामक है। राज्य सरकार ने कहा है कि लोग इसे सोशल मीडिया पर प्रसारित करने से बचें।
ये थे नए मानक
दरअसल सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड धारकों के पात्रता के मानक बदल दिए हैं। नई शर्तों के मुताबिक पात्र नहीं मिलने वाले लोगों से वसूली की जाएगी। फेक न्यूज में कहा गया था कि नाम से जमीन होने पक्का मकान होने, मुर्गी पालन, गौ पालन और शासन से किसी सरकारी सुविधा का लाभ लेने, और बिजली बिल देने वाले लोगों को राशन कार्ड के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। इन सभी को अपने राशन कार्ड वापस करने होंगे। साथ ही उनसे वसूली की जाएगी।
लोगों को मिली राहत
इस फर्जी खबर को लेकर सभी पार्टियां योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर थी। सबका कहना था कि चुनाव से पहले सरकार गरीबों को राशन देने की बात कर रही थी। अब उनके मुंह से निवाला छीन रही है। लेकिन इस खबर की सत्यता सामने आने के बाद राशन कार्ड धारकों को राहत मिलेगी।
वसूली का हथियार बना रही
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी सरकार को घेरते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “जमीन होना, पक्का मकान, मुर्गी पालन- गौ पालन, शासन से पेंशन आदि” जैसे नियम लगाकर राशन कार्ड सरेंडर करवाना व वसूली की धमकी देना शर्मनाक है। महंगाई आसमान पर है व कमाई पाताल में, ऐसे में जरूरतमंदों पर ये गहरा आघात है। चुनावभर राशन वोट मशीन था, और अब इसे सरकार वसूली यंत्र बना रही है।”