Uttar Pradesh : सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश में वर्तमान सरकार के गठन के पश्चात अनेक चुनौतियां थी। राज्य में बहुत लोग ऐसे थे, जिनको आजादी के बाद भी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाया था।
इनमें मुसहर, वनटांगिया, कोल, भील, सहरिया, थारू जनजातियां थीं। पूर्ववर्ती सरकारें इन जनजातियों के बारे में संवेदनहीन बनी रहीं। वर्तमान प्रदेश सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से कार्य कर इन जनजातियों को चिन्हित करके आवासीय पट्टा उपलब्ध कराने के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदान करने का कार्य किया।
इन्हें मुख्य धारा में जोड़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश के 42,194 मुसहर परिवारों को आवासीय पट्टा और आवास उपलब्ध कराया है। राज्य में वनटांगिया गांवों के 4,822 परिवारों, कुष्ठावस्था से प्रभावित 3,686 परिवारों, दैवीय आपदा से पीड़ित 36,307 परिवारों, कालाजार से प्रभावित 224 परिवारों इन्सेफेलाइटिस से पीड़ित 601 परिवारों, थारू वर्ग के 1,546 परिवारों, कोल वर्ग के 13,102 परिवारों, सहरिया समुदाय के 5,611 परिवारों, चेरो समुदाय के 559 परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत एक-एक आवास उपलब्ध करवाने का कार्य किया जा चुका है।
राजस्व गांव बनाए गए
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत सूबे में अब तक 1 लाख 08 हजार से अधिक परिवारों को आवास आवंटित किये जा चुके हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 से 38 वनटांगिया गांवों को राजस्व गांवों में परिवर्तित किया। वनटांगिया समुदाय के लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोड़कर विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाया गया। आजादी के बाद पहली बार इन लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया। आजादी के बाद 70 वर्षों तक इनका कोई मकान नहीं बन पाया था। आज वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार के प्रयासों से इनके पास अपने पक्के मकान हैं।
सबका विकास हो रहा
इस अवसर पर राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान ‘वाल्मीकि’ ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार सभी वर्गों के कल्याण के लिए पूरा प्रयास कर रही है। समाज का प्रत्येक वर्ग जो विकास से वंचित रह गया है, उनको मुख्य धारा में जोड़ने का सतत प्रयास जारी है।
मॉडल गांव बनाए जाएंगे
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास, पंचायतीराज एवं राजस्व मनोज कुमार सिंह ने कहा कि जनपद कानपुर देहात में विस्थापित 63 हिन्दू बंगाली परिवारों के पुनर्वासन के लिए स्थापित किये जा रहे गांव को प्रदेश के मॉडल गांव के रूप में स्थापित किया जाएगा। इसमें स्थापना की सुविधाएं व रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।