तैयारी : फॉर्मूले के अनुसार आवंटित होगी नगरों के विकास के लिए धनराशि, योगी कैबिनेट ने मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना को दी मंजूरी

Uttar Pradesh  : उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद (UP Cabinet) ने मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना (CM-NSY : नवसृजित, उच्चीकृत, विस्तारित नगरीय स्थानीय निकाय के लिए) के मार्गदर्शी सिद्धान्तों को अनुमोदित कर दिया है।

प्रदेश में नवसृजित, सीमा विस्तारित, उच्चीकृत नागर निकाय क्षेत्रों में नागरिकों को मूलभूत नगरीय सुविधाएं जैसी सड़क, पार्क, नाला/नाली, सामुदायिक भवन (कल्याण मण्डप), परिषदीय विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र तथा विद्युत क्षेत्र की आधारभूत संरचना का लाभ प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना क्रियान्वित की जाएगी।

फार्मूले के अनुसार धनराशि आवंटित की जाएगी

इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्तमान वित्तीय वर्ष तक नवसृजित, उच्चीकृत, सीमा विस्तारित कुल 191 निकायों तथा भविष्य में सृजित, उच्चीकृत, सीमा विस्तारित होने वाली प्रत्येक श्रेणी की निकायों के मध्य नवसृजित, विस्तारित क्षेत्र की जनसंख्या तथा क्षेत्रफल के आधार पर निर्धारित फार्मूले के अनुसार धनराशि आवंटित की जाएगी। फार्मूले के तहत नवसृजित, विस्तारित क्षेत्र की जनसंख्या 2011 को प्रदत्त भार 90 प्रतिशत तथा नवसृजित, विस्तारित क्षेत्र का क्षेत्रफल को प्रदत्त भार 10 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।

नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया गया

नगरीय निकायों की परियोजनाओं, कार्यों के लिए यदि योजनान्तर्गत किसी निकाय को फॉर्मूले के अनुसार आवंटित धनराशि से अधिक की आवश्यकता है, तो ऐसी स्थिति में धनराशि के मानक में नगरीय निकाय की आवश्यकता के दृष्टिगत जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर विचलन के लिए नगर विकास मंत्री अधिकृत होंगे। मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के क्रियान्वयन में कोई कठिनाई होने की दशा में मार्गदर्शी सिद्धान्तों में किसी परिवर्तन के लिए नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया गया है।

71.50 करोड़ रुपये की धनराशि प्राविधानित

मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना में वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इसमें से नवसृजित नगर पंचायत के लिए 366.30 करोड़ रुपये, सीमा विस्तारित नगर पंचायत के लिए 53.35 करोड़ रुपये, सीमा विस्तारित नगर पालिका परिषद हेतु 58.85 करोड़ रुपये, सीमा विस्तारित नगर निगम के लिए 71.50 करोड़ रुपये की धनराशि प्राविधानित है।

इनोवेटिव कंस्ट्रक्शन टेक्नीक का उपयोग हो सकता है

योजनान्तर्गत आच्छादित नवसृजित, उच्चीकृत, सीमा विस्तारित निकायों को परियोजना के लिए स्वीकृत की जाने वाली धनराशि के सापेक्ष समतुल्य धनराशि उन्हें राज्य वित्त आयोग तथा केन्द्रीय वित्त आयोग एवं अन्य योजनाओं आदि से प्राप्त धनराशि में से यथासम्भव उपलब्ध करानी होगी, ताकि निकायों की विकास योजना की समुचित प्लानिंग हो सके और सार्थक तथा जनोपयोगी परियोजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो। योजना के तहत भवनों के निर्माण में परम्परागत तकनीकों के अतिरिक्त पर्यावरण अनुकूल नवाचार तकनीक (इनोवेटिव कंस्ट्रक्शन टेक्नीक) का उपयोग किया जा सकता है।

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