यूपी के तीन और शहरों में लागू होगा पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम  :  कैबिनेट ने दी स्वीकृति

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद (UP Cabinet) ने जनपद आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज को महानगर क्षेत्र (मेट्रोपॉलिटन एरिया) घोषित किये जाने के लिए पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के 23 नवम्बर, 2022 के प्रस्ताव के सन्दर्भ में विभिन्न प्रस्तावों को अनुमोदित कर दिया है।

इसके अनुसार जनपद आगरा, गाजियाबाद एवं प्रयागराज में नगरीय क्षेत्रों की जनसंख्या 10 लाख से अधिक है। इसके दृष्टिगत दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-8 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पुलिस जनपदों आगरा, गाजियाबाद एवं प्रयागराज के अधीन आने वाले थानों के गठन सम्बन्धी अधिसूचना को निर्गत किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

इसके अलावा पुलिस एक्ट की धारा-2 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर सम्पूर्ण आगरा जनपद, सम्पूर्ण गाजियाबाद जनपद तथा सम्पूर्ण प्रयागराज जनपद में पुलिस आयुक्त तथा सहयोगी पदों का गठन किये जाने विषयक अधिसूचना को निर्गत किये जाने की स्वीकृति भी मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदान की गई है।

जनपद आगरा, गाजियाबाद एवं प्रयागराज की नगरीय जनसंख्या 10 लाख से अधिक होने के दृष्टिगत मंत्रिपरिषद ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-8 में प्रदत्त शक्तियों के अन्तर्गत जनपद आगरा, गाजियाबाद एवं प्रयागराज को महानगर क्षेत्र (मेट्रोपॉलिटन एरिया) घोषित किये जाने विषयक अधिसूचना के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। मंत्रिपरिषद ने तीनों महानगरीय क्षेत्रों में भविष्य में सृजित होने वाले नगरीय क्षेत्र के थानों को सम्मिलित किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है।

ज्ञातव्य है कि विगत वर्षों में लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर (नगर) एवं वाराणसी जनपदों में पुलिस आयुक्त प्रणाली की स्थापना की गई है। इससे इन जनपदों में अपराध नियंत्रण की स्थिति तथा कानून-व्यवस्था में गुणात्मक सुधार आया और नागरिक सेवाएं सुदृढ़ हुई है। इन जनपदों में पुलिस आयुक्त प्रणाली की सफलता के दृष्टिगत मंत्रिपरिषद द्वारा जनपद आगरा, गाजियाबाद एवं प्रयागराज में यह व्यवस्था लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है।

मंत्रिपरिषद ने पुलिस जनपद-आगरा, गाजियाबाद एवं प्रयागराज में पुलिस आयुक्त प्रणाली के क्रियान्वयन के प्रस्ताव सहित इस सम्बन्ध में अधिसूचना के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके तहत दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 (अधिनियम संख्या 2 सन् 1974) की धारा 20 (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके आगरा, गाजियाबाद एवं प्रयागराज महानगरीय क्षेत्रों में नियुक्त सहायक पुलिस आयुक्त, अपर पुलिस उपायुक्त, पुलिस उपायुक्त, अपर पुलिस आयुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त तथा पुलिस आयुक्त को कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त किये जाने की अनुमति प्रदान की गई है।


इसके अतिरिक्त दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 (अधिनियम संख्या 2 सन् 1974) की धारा 20(2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अन्तर्गत आगरा, गाजियाबाद एवं प्रयागराज महानगरीय क्षेत्रों में नियुक्त सभी अपर पुलिस आयुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त और पुलिस आयुक्त को अपर जिला मजिस्ट्रेट नियुक्त किये जाने तथा इन अपर जिला मजिस्ट्रेट को अपने क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973, उत्तर प्रदेश गुण्डा नियंत्रण अधिनियम 1970, विष अधिनियम 1919, अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956, पुलिस (द्रोह-उद्दीपन) अधिनियम 1922, पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960, विस्फोटक अधिनियम 1884, कारागार अधिनियम 1894, शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923, विदेशियों विषयक अधिनियम 1946, गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967, पुलिस अधिनियम 1861, उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा अधिनियम 1944, उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम 2005, उत्तर प्रदेश गिरोह बन्द और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 के अन्तर्गत, जिला मजिस्ट्रेट की समस्त शक्तियां प्रदान की गई हैं।

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