Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की अगुवाई में उत्तर प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े स्तर पर बदलाव हुआ है। यही वजह है कि जानलेवा कोरोना संक्रमण के मामले यूपी में सबसे कम रहे। जबकि राज्य में जनसंख्या देश में सबसे ज्यादा है। सूबे की सरकार ने मेडिकल एजूकेशन पर भी पूरा ध्यान दिया है। बीते दिनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 9 जनपदों के मेडिकल कॉलेज की शुरुआत की। इसमें देवरिया मेडिकल कॉलेज भी शामिल है। इन सभी में इस सत्र से पढ़ाई भी शुरू हो गई है।
सिर्फ 4 मेडिकल कॉलेज थे
बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 1947 से पहले उत्तर प्रदेश में 3 या 4 मेडिकल कॉलेज थे। तब उत्तराखण्ड भी उत्तर प्रदेश का हिस्सा था। वर्ष 1947 से वर्ष 2016 तक उत्तर प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में केवल 12 मेडिकल कॉलेज बन पाये थे। आजादी के बाद भी उत्तर प्रदेश की उपेक्षा हुई। आजादी के बाद पहली बार इस पीड़ा को प्रधानमंत्री ने अपने संवेदनशील और विजनरी नेतृत्व के माध्यम से न केवल समझा, बल्कि उसके समाधान के लिए योजनाएं बनाकर उन्हें प्रभावी ढंग से लागू किया। 9 मेडिकल कॉलेजों का एक साथ उद्घाटन इस बात का प्रमाण है।
7 में शुरू हुई पढ़ाई
सीएम ने आगे कहा, प्रधानमंत्री ने ‘एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज’ का विजन दिया। प्रधानमंत्री की अनुकम्पा से प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत खुल रहे हैं। इनमें से 7 में 2019 से एमबीबीएस की कक्षाएं प्रारम्भ हो चुकी हैं। 9 मेडिकल कॉलेज आज प्रारम्भ होने जा रहे हैं। 14 नये मेडिकल कॉलेजों का वर्तमान में निर्माण कार्य प्रारम्भ हो रहा है। 30 मेडिकल कॉलेजों का कार्य भारत सरकार के सहयोग और कुछ जनपदों में राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से आगे बढ़ाया है।
सभी जनपदों में हुआ कार्यक्रम
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का निर्माण हो रहा है। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देते हुए ‘स्वस्थ भारत, समर्थ भारत’ के लिए अभूतपूर्व और अभिनन्दनीय कार्य किया जा रहा है। सिद्धार्थनगर जनपद में प्रधानमंत्री की उपस्थिति हुई है। 8 अन्य स्थानों पर भी इसी प्रकार के कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों के साथ पीएम का सम्बोधन सुनने का अवसर सभी लोगों को प्राप्त होगा। आजादी के बाद जिन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ा था, उनके प्रति यह सही मायनों में श्रद्धांजलि होने के साथ-साथ लोगों को यह संतुष्टि भी प्रदान करेगा कि आने वाले समय में कोई भी मासूम और कोई भी नागरिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में अब दम नहीं तोड़ेगा।
मजबूत हुईं स्वास्थ्य सेवाएं
उन्होंने कहा, इंसेफेलाइटिस से मासूम बच्चों की सर्वाधिक मृत्यु होती थी। इस बीमारी से प्रभावित जनपदों में सिद्धार्थनगर भी था। वर्ष 2014 में लागू स्वच्छ भारत मिशन, सबसे अधिक प्रभावित जनपदों में पीडियाट्रिक आईसीयू के साथ-साथ इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेण्टर की स्थापना से आज इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण करने में सफलता प्राप्त हुई। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ा, हर घर को शौचालय देने की प्रक्रिया आगे बढ़ी और शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होती गयी। इससे दिमागी बुखार से होने वाली मृत्यु को 95 फीसदी नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई।
9 मेडिकल कॉलेज मिले
उन्होंने प्रदेशवासियों सहित सभी प्रभावित परिवारों की ओर से प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में कोरोना काल खण्ड में अभूतपूर्व कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, प्रधानमंत्री की सोच है कि प्रत्येक जनपद में एक मेडिकल कॉलेज हो। आज प्रदेश की जनता को एक साथ 9 मेडिकल कॉलेज समर्पित किये जा रहे हैं।