Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिन अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के सभी ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों व सदस्यों, जिला पंचायत अध्यक्षों व सदस्यों, नगर पंचायत अध्यक्षों व सदस्यों, नगर पालिका परिषद के अध्यक्षों व सदस्यों, नगर निगम के महापौर व पार्षदगण और विधायकों व सांसदों के साथ वेबिनार के माध्यम से संवाद कर वृहद पौधरोपण-2023 की तैयारियों की जानकारी ली और सभी को सहभागिता के लिए प्रोत्साहित किया। इस संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को जनप्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र में वृहद पौधरोपण की कार्ययोजना व तैयारियों के बारे में अवगत कराया और उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया।
सीएम ने कहा कि भारतीय मनीषा ने प्राचीन काल से ही इस बात को माना है कि ‘धरती हमारी माता है, हम सब इसके पुत्र हैं’। इसके पीछे यह भाव है कि हम धरती की रक्षा करेंगे तो धरती माता भी हमारी रक्षा के लिए उसी तत्परता के साथ हमें तैयार करेंगी और स्वयं भी तैयार रहेंगी। हमारी परम्परा वृक्षों में देवदर्शन की है। यह प्रकृति प्रेम का ही प्रतीक है। प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता में लेते हुए विगत 6 वर्षों में 135 करोड़ से अधिक पौधे रोपने का कार्य किया है। यह वृहद पौधरोपण का कार्य जनसहयोग से ही सम्भव हो सका है। यह संतोष की बात है कि, इनमें से 80 प्रतिशत पौधे वर्तमान में जीवित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दशकों में हमनें पर्यावरणीय अवनयन के कारण प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि को देखा है। आज अतिवृष्टि, अनावृष्टि और तेज गर्मी जलवायु परिवर्तन के संकेत देती है। विगत वर्ष अक्टूबर माह में हम सभी ने असमय बाढ़ की स्थिति देखी थी, जो चिंताजनक थी। इस वर्ष हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड की बाढ़ विभीषिका भी हम सभी के सामने है। किन्तु अब भी सुधार की गुंजाइश है। प्रकृति हमें सुधार का अवसर देती है। यह पौधरोपण कार्यक्रम एक ऐसा ही अवसर है। हम सभी को इसका लाभ उठाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि व्यापक जनसहयोग से प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र में सतत वृद्धि हो रही है। हमारा लक्ष्य प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र को वर्तमान के 9 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2026-27 तक 15 प्रतिशत तक ले जाने का है। इस लक्ष्य के अनुरूप 05 वर्षों में 175 करोड़ पौधे लगाने और संरक्षित करने होंगे। इस लक्ष्य के अनुरूप हम सभी को प्रयास करने होंगे। इसके लिए ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ’ के संदेश से जन-जन को जोड़ने की आवश्यकता है।
मनरेगा के तहत पौधरोपण को प्रोत्साहित करते हुए मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन योजना, मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना और मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी तथा वन विभाग की सामाजिक वानिकी योजना के रूप में किसान और पर्यावरण के हित में अत्यन्त उपयोगी प्रयास किए जा रहे हैं। इन योजनाओं के अन्तर्गत मनरेगा के लाभार्थी यदि अपनी भूमि पर पौधे लगाकर उनका संरक्षण करते हैं, तो उन्हें वित्तीय प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। अपने क्षेत्र में इन योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कराते हुए ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभान्वित कराएं। इससे पौधरोपण भी होगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस वर्ष वृहद पौधरोपण अभियान में 35 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत, 22 जुलाई को हम सब मिलकर 30 करोड़ पौधे लगाएंगे, जबकि 15 अगस्त, 2023 को स्वतंत्रता दिवस पर 05 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य है। इस महाभियान की सफलता के लिए जन सहयोग आवश्यक है। सभी जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में आमजन को इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
सीएम ने कहा कि लोग उत्साह और उमंग के साथ वृहद पौधरोपण अभियान से जुडें। पौधरोपण को जन आन्दोलन बनाएं। हर ग्राम पंचायत/शहरी वाॅर्ड 01-01 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखे। नगर पंचायत में 05 हजार, नगर पालिका परिषद में 10 हजार, नगर निगम ने 05-10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य हो। सांसद व विधायक सहित हर जनप्रतिनिधि इसका सहभागी बने। ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, नगर निगमों के महापौर अपने सदस्यों व पार्षदों के साथ बैठक कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें। कहां पौधारोपण होना है, कौन सा पौधा लगाना है, तय कर लें।
उन्होंने कहा कि पौधा लगाना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही उसका संरक्षण। ऐसे में पौधरोपण के साथ ट्री-गार्ड भी लगाए जाएं। यह सुनिश्चित करें कि, किस पौधे की देखभाल कौन करेगा, कैसे करेगा। यह हम सभी के भविष्य के लिए है। अतः हम सभी को पूरी गम्भीरता के साथ एकजुट होकर काम करना होगा। हर पौधे की जियो टैगिंग हो। सेल्फी लें और सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर अपलोड करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर प्रदेश में बड़ी संख्या में अमृत सरोवर निर्मित किये गए हैं। वर्षा जल संचयन का यह प्रयास, आपके क्षेत्र में निम्न भूगर्भीय जल स्तर को बेहतर करने और खारे पानी की समस्या के समाधान का माध्यम बनेगा। पौधरोपण के लिये यह सरोवर उपयुक्त स्थल हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को सहजन का पौधा लगाने को दिया जाए। क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और सभी नगरीय निकाय अपनी सड़कों के किनारे व डिवाइडर पर पौधे लगाएं। नदियों के किनारे भी उपयुक्त स्थान पर पौधे लगाए जाने चाहिए। स्थान चिन्हित करते हुए, थीम आधारित पौधे रोपित किये जाएं। छायादार, फलदार, इमारती लकड़ी व औषधीय पौधे लगाए जाएं। पाकड़ का वृक्ष बहुत छायादार होता है। भीषण गर्मी में भी यह किसी एयरकन्डीशनर से कम नहीं होता। इसे निराश्रित गो-आश्रय स्थलों पर लगाया जाए। पौधरोपण कार्यक्रम की सफलता के लिए अच्छा होगा कि हम जनसहभागिता सुनिश्चित करें। राज्य में 25 करोड़ लोग रहते हैं, अगर एक व्यक्ति एक पौधा भी लगायेगा तो हम 25 करोड़ पौधे प्रदेश में लगा सकते हैं। 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य हमारे लिए कठिन नहीं है।
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश के वृहद पौधरोपण कार्यक्रम को दुनिया सराहती है। वर्ष 2022 में प्रदेश सरकार ने 22 करोड़ पौधे लगाये थे। तब उस समय फ्रांस के राष्ट्रपति भारत आये थे। उनके लिए इतनी बड़ी मात्रा में पौधरोपण का कार्य आश्चर्यजनक था। कृषि वानिकी आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने की नीति के अच्छे परिणाम मिले हैं। यह किसानों की आय को बढ़ाने के साथ नवीन रोजगार के सृजन में भी सहायक होगा। इस सम्बन्ध में आवश्यक प्रयास तेज किये जाएं।