Kushinagar News : भगवान बुद्ध (Mahatma Buddh) की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर (प्राचीन कुशीनारा) को 20 अक्टूबर को बड़ा तोहफा मिलने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कुशीनगर में बने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Kushinagar International Airport) का लोकार्पण करेंगे। इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath), केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और अन्य गणमान्य मौजूद रहेंगे। बीते दिनों सीएम ने कुशीनगर (Kushinagar) का दौरा कर एयरपोर्ट के निर्माण और प्रधानमंत्री के आगमन से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की थी।
बीते दिन टीम-9 के साथ बैठक में सीएम ने कहा कि भगवान गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में प्रधानमंत्री आगामी 20 अक्टूबर को अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में 15 से ज्यादा देशों के राजदूत भी सम्मिलित होंगे। सीएम ने अफसरों को आदेश देते हुए कहा कि अतिथि देवो भवः की भारतीय संस्कृति के अनुरूप अतिथियों के भव्य अभिनन्दन की सभी तैयारियां समय से पूर्ण कर ली जाएं। साथ सुरक्षा इंतजाम पुख्ता रखे जाएं। पीएम मोदी परिनिर्वाण स्थान पर एक अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का भी उद्घाटन करेंगे।
लंबे वक्त से मांग थी
कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की मांग 4 दशक से हो रही थी। देश की आजादी के तकरीबन 74 साल बाद बौद्ध धर्म के पवित्र शहर कुशीनगर को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सौगात मिली है। यहां से फ्लाइट्स का संचालन शुरू होने के बाद पूर्वी यूपी में विकास, निवेश और रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्तूबर को करेंगे। यहां पहली इंटरनेशनल फ्लाइट श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के साथ 125 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की लैंड करेगी। राज्य सरकार और जिला प्रशासन कुशीनगर में भव्य कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी में जुटा है।
अग्रेजों के जमाने की पट्टी है
पूर्वी भारत और पड़ोसी देश नेपाल पर नजर रखने के लिए अंग्रेजी हुकूमत में इस हवाई पट्टी को तैयार किया गया था। इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए सबसे पहले 5 सितंबर 1995 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इसका शिलान्यास किया था। इसके बाद 10 अक्टूबर 1995 को कांग्रेस सरकार के केंद्रीय विमानन मंत्री गुलाम नबी आजाद और राज्यपाल मोतीलाल वोरा ने टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास किया। इसके बाद एयरपोर्ट का निर्माण कार्य ठंडे बस्ते में चला गया। एयरपोर्ट निर्माण के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण करना था। मगर यह किसानों के विरोध के कारण अटका रहा। इस बीच एयरपोर्ट की बाउंड्री टूट गई और रनवे भी खराब हो गया।
खास होगा एयरपोर्ट
कुशीनगर एयरपोर्ट यूपी का तीसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। फिलहाल प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ान की सुविधा है। खास बात यह है कि कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रनवे प्रदेश में सबसे लम्बा है। इसकी लम्बाई 3.2 किमी (3200 मीटर) और चौड़ाई 45 मीटर है। एयरपोर्ट 1 रनवे से प्रति घंटे 4 फ्लाइट्स लैंड और टेक ऑफ कर सकती हैं। एयरपोर्ट से रात में उड़ान सेवा शुरू किए जाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। इसकी इंटरनल पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग 3600 वर्गमीटर में बनी हुई है।
पिछले साल मिला था दर्जा
बिल्डिंग की पीक ऑवर पैसेंजर क्षमता 300 की है। इस ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए 5 मार्च 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ था। 10 अक्तूबर 2019 को प्रदेश सरकार ने इसे एयरपोर्ट अथॉरिटी को हैंडओवर किया। 24 जून 2020 को केंद्रीय कैबिनेट ने इसे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा दे दिया। 22 फरवरी 2021 को डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) ने इसे लाइसेंस देकर अंतरराष्ट्रीय उड़ान की मंजूरी दे दी।
421 करोड़ से विकास होंगे
कुशीनगर वैश्विक पर्यटन का केंद्र है। दुनिया के दो दर्जन से ज्यादा देशों से यहां हर साल लाखों श्रद्धालु महात्मा बुद्ध के परिनिर्वाण स्थली पर पहुंचते हैं। मगर इस जिले को कभी राज्य सरकारों ने अपने विकास के एजेंडे में शामिल नहीं किया। अब बीते साढ़े चार साल में हजारों करोड़ रुपये से जिले में विकास कार्य हुए हैं। पिछले महीने सितंबर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद को 421 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी है।
इन देशों से होगी सीधी कनेक्टिविटी
कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से श्रीलंका, जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, ताइवान, थाईलैंड, सिंगापुर, वियतनाम समेत कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से सीधे एयर कनेक्टिविटी होगी। अंतरराष्ट्रीय उड़ान आरंभ होने से बौद्ध सर्किट के चार प्रमुख स्थल लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर समेत कपिलवस्तु, श्रावस्ती, कौशाम्बी, संकिशा, राजगीर, वैशाली की यात्रा भी पर्यटक सहजता से कम वक्त में कर सकेंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
टूरिस्ट्स की संख्या बढ़ेगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सत्ता की बागडोर संभालने के साथ ही कुशीनगर में समग्र विकास की परियोजनाओं का खाका खींचा। इसे पर्यटन के लिहाज से विकसित कर वैश्विक पहचान दिलाने पर जोर दिया गया। कुशीनगर का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उसी की कड़ी है। आंकड़ों के मुताबिक पांच साल में 18 प्रमुख बौद्ध देशों से 42.17 लाख पर्यटक कुशीनगर आए। अब अंतरराष्ट्रीय सेवा शुरू होने से पर्यटकों की संख्या में 20 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद है।
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
अंतरराष्ट्रीय उड़ान की सेवा से देशी-विदेशी पयर्टकों की संख्या में इजाफा होगा। इससे कुशीनगर ही नहीं, पूर्वांचल में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। पयर्टकों के आगमन से होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवेल एजेंसी, गाइड सरीखी सेवाओं की मांग बढ़ेगी। पूर्वांचल के जिलों के एक जिला एक उत्पाद में शामिल उत्पाद मसलन टेराकोटा शिल्प की मूर्तियों, काला नमक चावल, केले के फाइबर से बने उत्पादों, बनारसी सिल्क, गुड़ समेत अन्य जिलों के उत्पाद को पहचान और बाजार मिलेगा। इससे राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ओडीओपी मिशन को भी बल मिलेगा।
धार्मिक पयर्टन से समृद्धि का मार्ग खुलेगा
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या, बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी (वाराणसी) एवं सारनाथ, महान संत कबीर की परिनिर्वाण स्थली मगहर, शिव के अवतार गुरु गोरखनाथ और नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी गोरक्षपीठ भी इन पयर्टकों को आकर्षित करेगी। इन स्थानों के संरक्षण-संवर्धन के लिए बुनियादी सुविधाओं पर पूर्ववर्ती सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन सभी के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर सर्वाधिक जोर दिया। इसके अलावा कुशीनगर से सिर्फ 50 किमी की दूरी पर गोरखपुर से 8 बड़े शहरों के लिए उड़ान सेवा पहले से जारी है।
5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो जाएंगे
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर समेत सभी प्रमुख शहरों को जोड़ रहे हैं। इन एक्सप्रेसवे के साथ निवेश के लिए औद्योगिक कॉरीडोर का निर्माण किया जा रहा है। लखनऊ, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, हिंडन, कानपुर और बरेली से हवाई सेवाओं की सुविधा है। अलीगगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, मुरादाबाद से भी जल्द ही उड़ान की सुविधा मिलेगी। चित्रकूट, सोनभद्र, सहारनपुर, झांसी, मेरठ और ललितपुर में योजना पर काम चल रहा। 2022 में अयोध्या और 2024 में जेवर से अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा शुरू होने के बाद यह देश का पहला राज्य बन जाएगा। 3 साल में यूपी में 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों से संचालन शुरू हो जाएगा।