लोकार्पण से पहले हादसा : बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर बैरिकेडिंग तोड़ खाई में गिरा गश्ती वाहन, 4 सुरक्षाकर्मी घायल

Uttar Pradesh : निर्माणाधीन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) पर गुरुवार को एक भीषण हादसा हो गया। एक्सप्रेसवे पर गस्त कर रही यूपीडा की सहायता वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। घटना में गाड़ी में बैठे चार सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

यहां हुई घटना

घटना बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के पुल संख्या 146 में इटैलिया बाजा के पास की है। आज इस निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे पर यूपीडा का गश्ती दल वाहन गस्त कर रहा था। इसी दौरान वाहन बैरिकेडिंग तोड़कर खाई में गिर गया। हादसे में गाड़ी में बैठे चार सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें इलाज के लिए झांसी रेफर किया गया है। घटना कैसे हुई, इस बारे में अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।

मानकों के मुताबिक नहीं हो रहा निर्माण

वहीं समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने इस हादसे के बाद एक्सप्रेस वे की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि यूपी में भाजपा सरकार एक्सप्रेसवे बनवाने के बड़े-बड़े दावे और दिखावे कर रही है, जबकि सुरक्षा और सुविधा मानकों के विपरीत निर्माण हो रहा है। इसी असुरक्षित बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का उद्घाटन जल्दी ही पीएम मोदी जी करेंगे। फिर उसके बाद एक्सप्रेस-वे पर सांड घूमेंगे और दुर्घटनाएं घटित होंगी।

16 जुलाई को होगा लोकार्पण

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड (Bundelkhand) के सुदूर क्षेत्र को जोड़ने वाला है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 16 जुलाई को करेंगे। 296 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे अद्वितीय है। 29 फरवरी, 2020 को पीएम ने ही शिलान्यास किया था। इसके उद्घाटन के 28 महीनों के भीतर समय सीमा से पहले इस एक्सप्रेसवे को पूरा कर लिया गया है। इसके निर्माण के लिए 36 महीने का लक्ष्य तय किया गया था। मगर कोविड के खतरे के बावजूद परियोजना को समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है।

उत्तर प्रदेश के 7 जिलों को जोड़ेगा

योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी ई-निविदा के माध्यम से 1,132 करोड़ रुपये की बचत की है, जो अनुमानित लागत का लगभग 12.72% है। इस फोर लेन एक्सप्रेसवे को भविष्य में 6 लेन तक विस्तार दिया जा सकता है। इसमें 13 इंटरचेंज पॉइंट हैं और यह उत्तर प्रदेश के 7 जिलों को जोड़ेगा। ये जिले चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा हैं। प्रधानमंत्री जालौन जिले के गांव कठेरी में एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने जाएंगे।

लखनऊ तक सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा

नए एक्सप्रेसवे का एक अन्य फायदा यह है कि यह इटावा के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ा है। इस तरह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) क्षेत्र को दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ लखनऊ तक सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यमुना एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ता है।

महत्वपूर्ण है

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे राज्य में आगामी रक्षा गलियारे (Defense Corridor) की सफलता के लिए भी महत्वपूर्ण है। बांदा और जालौन जिलों में एक औद्योगिक गलियारे पर भी काम शुरू हो गया है। चित्रकूट में दूसरे छोर पर एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजमार्ग-35 पर समाप्त होगा, जो झांसी को प्रयागराज से जोड़ता है।

औद्योगिक गलियारे के रूप में कार्य करेगा

यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा, “यह नया एक्सप्रेसवे सामाजिक और आर्थिक विकास सहित बुंदेलखंड क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में मदद करेगा और कृषि, पर्यटन तथा उद्योग के क्षेत्रों में आय में वृद्धि करेगा। यह क्षेत्र के लिए दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचने में एक औद्योगिक गलियारे के रूप में कार्य करेगा।

400 करोड़ का निवेश होगा

आगामी रक्षा गलियारे के दो नोड झांसी और चित्रकूट में नए एक्सप्रेसवे के पास आएंगे। पिछले साल 19 नवंबर को, पीएम मोदी ने झांसी में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) इकाई की आधारशिला रखी थी, जहां पहले चरण में 400 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है।

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