New Delhi : भारतीय रेलवे के माध्यम से यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा में सुधार के उद्देश्य से आरपीएफ ने “ऑपरेशन यात्री सुरक्षा” कोड नाम के तहत एक अखिल भारतीय ऑपरेशन का शुभारंभ किया है।
इस पहल के एक अंग के रूप में यात्रियों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के लिए ट्रेन एस्कॉर्टिंग, स्टेशनों पर उपस्थिति, सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी, सक्रिय अपराधियों पर निगरानी, अपराधियों के बारे में खुफिया जानकारी एकत्र करना और उस पर कार्रवाई, ब्लैक स्पॉट और अपराध की पहचान करने के साथ-साथ यात्रियों के खिलाफ अपराध को कम करने के लिए एक कार्रवाई योग्य रणनीति तैयार करने के लिए अपराध संभावित ट्रेनों/खंडों और अन्य स्थलों के साथ-साथ इनमें सुरक्षा बढ़ाने जैसे कई कदम उठाए जा रहे हैं। सभी हितधारकों के साथ निरंतर समन्वय किया जा रहा है और नियमित रूप से यात्री सुरक्षा में सुधार के लिए संयुक्त कार्रवाई की योजना बनाई गई है।
ऑपरेशन यात्री सुरक्षा को गति देने के लिए आरपीएफ द्वारा जुलाई 2022 में यात्रियों को निशाना बनाने वाले अपराधियों के खिलाफ एक महीने के अखिल भारतीय अभियान का शुभारंभ किया गया था। अभियान के दौरान 365 संदिग्धों को आरपीएफ कर्मियों द्वारा पकड़ा गया और कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित जीआरपी को सौंप दिया गया, जिसके आधार पर यात्री अपराध यानी यात्री सामान की चोरी, ड्रगिंग, डकैती, चेन स्नैचिंग आदि के 322 मामलों की जानकारी मिली। अपराधियों के कब्जे से या इन अपराधों की जांच के दौरान यात्रियों की एक करोड़ रुपये से अधिक की चोरी की संपत्ति इनसे बरामद की गई।
अपने प्रयासों को जारी रखेगा
आरपीएफ अपनी प्रतिक्रिया, प्रभावशीलता और पहुंच बढ़ाने और सेवा ही संकल्प के अपने उद्देश्य को साकार करने के लिए अपने कार्य क्षेत्र में इस अभियान के शुभारंभ के साथ प्रतिक्रिया में सुधार, प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा देकर भविष्य में भी भारतीय रेलवे, यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा।