ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नजरिए से थियेटर रीढ़ की हड्डी है : डॉ. कुलनीत सूरी

Noida News : इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (Institute of Management Studies – IMS) नोएडा में छात्रों की कला को निखारने के लिए थियेटर का आयोजन हुआ। बुधवार को संस्थान के छात्रों ने बैरी जॉन एक्टिंग स्टूडियो एवं नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के एल्यूनाई साथ नाट्य प्रस्तुति दी।

थियेटर रीढ़ की हड्डी है
थियेटर के माध्यम से रूढ़िवादी मानसिकता, असुरक्षा एवं विभिन्न परिस्थितियों को व्यक्त किया गया। कार्यक्रम के दौरान आईएमएस की निदेशिका डॉ. कुलनीत सूरी ने कहा कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नजरिए से थियेटर रीढ़ की हड्डी है। आज के कार्यक्रम “नदी प्यासी है” के माध्यम से रंगकर्मियों ने असमानता, असुरक्षा, स्वामित्व एवं रूढ़िवादी मानसिकता से निकल कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

जीवित रहे
उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि छात्र थियेटर से जुड़े, जिससे समाज में संचार के परंपरागत माध्यम जीवित रह सकें।” आईएमएस कल्चरल क्लब की हेड शिखा श्रीवास्तव ने बताया कि हमारी कला एवं संस्कृति सदियों पुरानी है।

अगली पीढी तक पहुंचा सकते हैं
शिखा ने आगे कहा, इसे सहेजकर ही हम अपनी आने वाली पीढ़ी को रूबरू करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि रंगमंच मानसिक तनाव को कम करने का साधन है। साथ ही हम इसके माध्यम से अपनी संस्कृति को जिंदा रख सकते हैं।

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