Noida-NCR : 14 अप्रैल से शुरू होने वाली शादी सीजन के तीन महीने में देश भर में लगभग 40 लाख शादियां होनी हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में करीब 6 लाख शादियों का अनुमान है। इस सीजन में देश में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने की संभावना है। इसके लिए नोएडा सहित देश के बाजार पूरी तरह तैयार हैं।
पिछले दो साल से कभी कोरोना के कारण लॉकडाउन, तो कभी महंगाई के कारण व्यापार लगातार प्रभावित हो रहा है। लेकिन इस वर्ष होली के त्योहारी सीजन में कारोबार में लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई। इससे उत्साहित नोएडा सहित देश भर के व्यापारी अब शादी के सीजन की बिक्री की तैयारियों में जुट गए हैं। 14 अप्रैल से शुरू होकर 9 जुलाई तक चलने वाले इस शादी के सीजन में देश भर में लगभग 40 लाख विवाह होने का अनुमान है। इस सीजन में देश में लगभग 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा।
2500 करोड़ का कारोबार होगा
यह जानकारी देते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of all India Traders – CAIT) के दिल्ली-एनसीआर संयोजक एवं सेक्टर-18 मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील कुमार जैन ने कहा कि अकेले नोएडा में ही लगभग 2500 करोड़ रुपये के व्यापार की सम्भावना है।
भरपाई होने की उम्मीद है
सुशील कुमार जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा कोरोना के पूरे प्रतिबंध हटने के बाद अब यह पहला मौका है, जब नोएडा सहित देश भर के व्यापारी कोविड से हुए व्यापार के नुकसान की कुछ भरपाई होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। गत दो वर्षों में कोविड एवं शादियों के बेहद कम मुहूर्त के दिन होने तथा सरकार द्वारा लगाए अनेक प्रतिबंधों के चलते शादियां बहुत ही छोटे स्केल पर तथा कम संख्या में हुई थी। एक लम्बे अरसे के बाद इस बार 43 दिन का मुहूर्त आया है।
इन तिथियों पर मुहूर्त है
कैट की आध्यात्मिक एवं वैदिक ज्ञान कमेटी के चेयरमैन तथा देश के विख्यात आचार्य दुर्गेश तारे ने बताया कि सनातन धर्म में पुराणों के अनुसार तारों की गणना के हिसाब से अप्रैल महीने में 14, 15, 16, 17, 19, 20, 21, 22, 23, 24 एवं 27 को शुभ मुहूर्त है। मई महीने में 2, 3, 9, 10, 11, 12, 15, 17, 19, 20, 21, 26, 27 एवं 31 तथा जून महीने में 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 13, 17, 23, 24 की तिथियों पर शादी होनी हैं। जुलाई में 4, 6, 7, 8 एवं 9 है। तारे ने यह भी कहा कि सनातन धर्म के अलावा आर्य समाज, सिख समाज, जैन, पंजाबी बिरादरी समेत कई अन्य वर्ग मुहूर्त का इंतजार नहीं करते। ये सब इस सीजन में भी शादी करेंगे।
इतना खर्च होगा
जैन ने बताया कि लगभग 5 लाख में प्रत्येक शादी में करीब 2 लाख रुपये खर्च होंगे। वहीं लगभग 10 लाख शादियों में प्रति शादी करीब 5 लाख रुपये का खर्च होगा। 10 लाख शादियों में 10 लाख रुपये प्रति शादी खर्च होगा। 5 लाख शादियों में प्रति विवाह 15 लाख रुपये. 5 लाख विवाह में 20 लाख प्रति शादी, 4 लाख विवाह में 25 लाख प्रति शादी, 50 हज़ार शादियों में लगभग 50 लाख प्रति शादी एवं 50 हजार शादियां ऐसी होंगी, जिनमें 1 करोड़ या उससे अधिक धन खर्च होगा। कुल मिलाकर इस शादी के सीजन में लगभग 5 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह बाज़ारों में शादी की खरीदी के माध्यम से होगा।
व्यवसायी उत्साहित हैं
सुशील कुमार जैन ने कहा कि अच्छे व्यापार की संभावनाओं को देखते हुए देश भर के व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां की हैं। होली पर हुए 30 प्रतिशत ज्यादा कारोबार होने से उपजे उत्साह को बाज़ारों में बरकरार रखने के सभी प्रबंध किए जा रहे हैं।
इन वस्तुओं का व्यापार बढ़ेगा
उन्होंने बताया कि शादियों के सीजन से पहले घरों की मरम्मत एवं पेंट आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है। ख़ास तौर पर ज्वेलरी, साड़ियां, लहंगे-चुन्नी, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, फुटवियर, शादी एवं ग्रीटिंग कार्ड, ड्राई फ्रूट, मिठाइयां, फल, शादियों में इस्तेमाल होने वाला पूजा का सामान, किराना, खाद्यान, डेकोरेशन के आइटम्स, बिजली का उपयोगी सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा उपहार में देने वाली अनेक वस्तुओं आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होने की आशा है।
सर्विस इंडस्ट्री को होगा फायदा
जैन ने बताया कि दिल्ली सहित देश भर में बैंक्वेट हाल, होटल, खुले लॉन, फार्म हाउस एवं शादियों के लिए अन्य अनेक प्रकार के स्थान पूरी तरह तैयार हैं। प्रत्येक शादी में सामान की खरीदारी के अलावा अनेक प्रकार की सर्विस को भी बड़ा व्यापार मिलता हैं। इसमें टेंट डेकोरेटर, फूल की सजावट करने वाले लोग, क्राकरी, कैटरिंग सर्विस, ट्रेवल सर्विस, कैब सर्विस, स्वागत करने वाले प्रोफेशनल समूह, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड-बाजा, शहनाई, आर्केस्ट्रा, डीजे, बारात के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट वाले सहित अन्य अनेक प्रकार की सर्विस के इस बार बड़ा व्यापार करने की सम्भावना है। इसके साथ ही इवेंट मैनेजमेंटट भी एक बड़े व्यापार के रूप में उभरा है।