Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी छोर (प्रयागराज से मेरठ) को जोड़ने वाले 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Greenfield Expressway) के ग्राउंड वर्क के काम में अब तेजी आने लगी है। नवंबर में जारी रिपोर्ट के मुताबिक मिट्टी डालने और समतलीकरण का 74 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है। बारिश की वजह से बीच के कुछ महीनों में एक्सप्रेसवे का काम ठप पड़ गया था। उत्तर प्रदेश सरकार साल 2024 तक गंगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को पूरा करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है।
देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
डीबीएफओटी (Design, Build, Finance, Operate & Transfer) (टोल) मॉडल पर बन रहे देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे को चार भाग में बांट कर काम कराया जा रहा है। मेरठ से बदायूं तक के पहले ग्रुप के 130 किमी निर्माण के लिए आईआरबी इन्फ्राट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड (IRB Infrastructure Developers Limited) और अन्य 3 ग्रुप में करीब 464 किमी निर्माण के लिए अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Limited) को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। बिड में इन दोनों कंपनियों ने सबसे कम की बोली लगाई थी।
ये है प्रोग्रेस
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी-यूपीडा (Uttar Pradesh Expressways Industrial Development Authority-UPEIDA) से मिली जानकारी के मुताबिक 6 नवंबर तक गंगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के क्लीयरिंग और ग्रबिंग (मिट्टी डलाई और समतलीकरण) का कुल 73.64 प्रतिशत काम हुआ है। इसमें ग्रुप 1 में 81 प्रतिशत, ग्रुप 2 में 76 प्रतिशत, ग्रुप 3 में 69 प्रतिशत और ग्रुप 4 में 69 प्रतिशत काम हुआ है।
यहां से शुरू होगा
प्रवेश नियंत्रित गंगा एक्सप्रेसवे (Total Access Controlled) मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (N.H.334) पर जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारम्भ होगा एवं प्रयागराज बाईपास (N.H.2) पर जनपद प्रयागराज के जुड़ापुर दॉदू गांव के समीप समाप्त होगा। सब कुछ ठीक रहा तो साल 2024 तक इस एक्सप्रेसवे को तैयार कर लिया जाएगा।
12 जिलों को सीधे जोड़ेगा
यह एक्सप्रेसवे यूपी के 12 जिलों को सीधे जोड़ेगा। गंगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज से होकर जायेगा। शुरुआत में यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का तैयार हो रहा है। लेकिन बाद में इसे 8 लेन तक विस्तार दिया जा सकेगा। इसकी लम्बाई 594 किमी (593.947 किमी) एवं राइट ऑफ वे 120 मीटर है। गंगा एक्सप्रेसवे पर प्रवेश एवं निकासी के लिए अतिरिक्त 17 स्थानों पर इण्टरचेंज की सुविधा दी जाएगी। आपातकाल में वायु सेना के विमानों के लैण्डिंग और टेक ऑफ के लिए जनपद शाहजहांपुर में एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी विकसित की जाएगी।
6 घंटे का होगा सफर
इस एक्सप्रेस-वे के पूर्ण हो जाने से लखनऊ से मेरठ की बीच की दूरी सिमट जाएगी। दोनों शहरों के बीच 12-15 घण्टे के स्थान पर 5-6 घण्टे लगेंगे। जबकि प्रयागराज और मेरठ के बीच की दूरी लगभग साढ़े छः घण्टे में तय की जा सकेगी। 21 अगस्त, 2021 को गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन के लिए सेक्योरिटाइजेशन के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक ने 5,100 करोड़ रुपये की ऋण स्वीकृति पत्र के हस्तांतरण पर साइन किया था।
पीएम ने किया था शिलान्यास
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर, 2021 को शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया था। विधानसभा चुनाव के बाद एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू करने का निर्णय लिया गया था। बिड के मुताबिक अडानी ग्रुप के अधिकारियों की टीम मशीनों के साथ बदायूं पहुंची थी। भूमि पूजन के बाद एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू कर दिया गया था।
एनसीआर तक पहुंचेंगे उत्पाद
देश के दूसरे सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण से न केवल ऐतिहासिक नगरी मेरठ और सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के बीच आवागमन में सुविधा मिलेगी, बल्कि रोजगार और कारोबार के संसाधन भी विकसित होंगे। इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद इससे जुड़े क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास होगा। कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इससे देश के विकास को बल मिलेगा। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि प्रदेश के 12 जनपदों में निर्मित उत्पाद सरलता से राजधानी दिल्ली और एनसीआर के शहरों तक पहुंच जाएंगे।